12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, स्थान और इतिहास – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi: नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ज्योतिर्लिंग का अर्थ यह होता है कि जिस लिंगम यानी कि शिवलिंग में ज्योति के समान भगवान शिव स्वयं रहते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भारतवर्ष में 12 ज्योतिर्लिंग है, इस आर्टिकल में हम सभी ज्योतिर्लिंगों के बारे में संपूर्ण जानकारी लेंगे।

हम यहां पर ज्योतिर्लिंगों के नाम के साथ साथ उनके स्थान और इतिहास के बारे में भी चर्चा करेंगे। इसी के साथ-साथ इन खूबसूरत मंदिरों की वास्तुकला का भी वर्णन करेंगे। यह सभी मंदिर बहुत ही खूबसूरत है जहाँ शिवरात्रि के दिनों में इन मंदिरों में भक्तों की लाइन लग जाती है और दूर-दूर से लोग तीर्थ यात्री के रूप में इन मंदिरों में आते हैं।

यह सभी मंदिर बहुत ही जबरदस्त है और प्राचीनतम है। इन मंदिरों को विध्वंसको ने बहुत बार मिटाने की कोशिश की लेकिन प्रभु भक्तों ने इन्हें फिर से खड़ा कर दिया। भारत में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर है और 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे। इन सभी मंदिरों के साथ कुछ ना कुछ पुरानी कहानियां जुड़ी हुई है, जो मैं आपको मंदिर के लिस्ट के साथ में जरूर दूंगा। पुराने समय में राजा महाराजाओं ने इन मंदिर को बहुत ही खूबसूरत बनाया था और अपनी अपनी वास्तु कला के साथ मंदिर में सजावट की थी।

हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव हमारे सभी पापों को धो देते हैं, और उन्हें कल्याणकारी देवता माने गए हैं। इन सभी ज्योतिर्लिंगों में भगवान का ऐसा अद्भुत भाव है कि यहां पर पूजा करना मात्र कई हवनों के बराबर होता है। भक्तों की पूजा से प्रसन्न होकर भगवान स्वयं यहां प्रकट हुए थे। इन सभी ज्योतिर्लिंगों से जुड़ी अलग-अलग कथाएं हैं और अलग-अलग मान्यताएं हैं। इन सभी ज्योतिर्लिंगों ने मिलकर भारतवर्ष को एक माला में पिरोने का कार्य भी किया है। तो आइए दोस्तों इन मंदिरों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

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12 ज्योतिर्लिंगों के नाम स्थान और इतिहास – 12 jyotirlinga names and places in hindi

दोस्तों यहां पर मैं 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम स्थान और इतिहास के बारे में संपूर्ण जानकारी दे रहा हूं। इसी के साथ-साथ इन सभी मंदिरों से जुड़ी कहानियों का वर्णन भी यहां पर करूंगा। कृपया आप इस लेख को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको संपूर्ण जानकारी मिल सके। 

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग Mandir-  Somnath Jyotirlinga Temple 

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Somnath Temple

गुजरात में अरब सागर के किनारे पर स्थित यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला स्थान रखता है। यह मंदिर विध्वंसको के द्वारा कई बार ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन प्रभु का नाम मिटाए नहीं मिटता। प्रभु भक्तों ने इस मंदिर को बार-बार ज्यों का त्यों दोबारा खड़ा कर दिया और आज भी सोमनाथ मंदिर उसी स्थान पर विराजमान है, जहां पर यह सबसे पहले था। अब यहां पर जो मंदिर है वह मंदिर बीसवीं सदी में ही बनाया गया था।

यहां पर सालाना लाखों शिव भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, महाशिवरात्रि के दिनों में यहां पर बहुत भीड़ इकट्ठा होती है, बड़े-बड़े मेले लगते हैं और देशभर से साधु यहां इकट्ठा होते हैं। ऐसी मान्यता है कि चंद्रदेव ने यहां पर शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने चंद्रदेव को अपना रूप दिखाया था। चंद्रदेव का एक नाम सोम होने के कारण इस मंदिर को सोमनाथ का मंदिर कहा जाता है।

यह मंदिर नागर शैली में बनाया गया है। यह मंदिर सर्वप्रथम कब बनाया गया इसका कोई भी ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, लेकिन इस बात के प्रमाण है कि लगभग 650 ईस्वी में इस मंदिर को वैल्लभी के मेत्रीक राजाओं ने दोबारा बनवाया था, क्योंकि विध्वंसको ने इससे कुछ समय पहले इस मंदिर को तबाह कर दिया था।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Bhimashankar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

सोमनाथ मंदिर हर दिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। आरती सुबह 7 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे होती है। साथ ही लाइट एंड साउंड शो प्रतिदिन शाम 8 बजे से रात 9 बजे के बीच होता है।

मंदिर खुलने का समय: प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक। आरती सुबह 7 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे होती है। प्रसिद्ध लाइट एंड साउंड शो; प्रतिदिन शाम 8 से 9 बजे के बीच ‘जॉय सोमनाथ’ होता है।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Somnath Jyotirlinga

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग जाने का सबसे सही समय नवंबर से फरवरी के बीच होता है, इस समय यहां का तापमान 10 डिग्री से 20 डिग्री के बीच ही रहता है, इसलिए यह समय ठंड का होता है और मौसम बिल्कुल साफ सुथरा रहता है, यहां पर गर्मियों में घूमना मुस्किल हो सकता है, इसलिए आपको यहां पर सर्दियों के मौसम में ही जाना चाहिए।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Somnath Jyotirlinga?

By Air: अगर आप वायु मार्ग से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग में दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट दिऊ नामक एयरपोर्ट है जो कि सोमनाथ से केवल 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Train: वेरावल रेलवे स्टेशन सोमनाथ मंदिर के सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है इस ज्योतिर्लिंग से इस रेलवे स्टेशन की दूरी केवल 7 किलोमीटर की है।

By Road: नेशनल हाईवे नंबर 51 से आप सोमनाथ में आ सकते हैं, यहां से आप सोमनाथ मंदिर रोड की तरफ रुख कर सकते हैं।

2. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Mallikarjuna Temple

12 jyotirlinga names and places in hindi, Mallikarjuna Temple

मल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के श्रीशैल नाम के एक पर्वत पर स्थित मंदिर है,।पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि ब्रिंगी बहुत बड़े शिव भगत थे, उन्होंने शिव की बहुत पूजा आराधना की इससे देवी पार्वती नाराज हो गई और उन्होंने ऋषि ब्रिंगी को सदैव दोनों पैरों को ऊपर करके खड़े रहने को कहा। फिर भोलेनाथ ने मां पार्वती को समझाया लेकिन दिया गया श्राप तो वापस नहीं लिया जा सकता था, इसलिए भोलेनाथ ने ऋषि ब्रिंगी को एक तीसरी टांग दे दी, जिससे कि वह खड़े रह सके। इस मंदिर में आप ऋषि ब्रिंगी की मूर्ति देख सकते हैं जिसमें वे तीन टांगों पर खड़े हैं।

मल्लिकार्जुन नामक यह मंदिर हिंदू धर्म में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में केवल पूजा करना ही बहुत से हवनों के बराबर है, इस मंदिर में भगवान भोले के साथ-साथ मां पार्वती की भी पूजा की जाती है, क्योंकि मां पार्वती ऋषि द्वारा ना पूछे जाने पर नाराज हो गई थी, इसलिए इस मंदिर में मां पार्वती का बहुत अधिक महत्व है और हर रोज इन्हें मनाते हुए भगत पूजा करते है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Mallikarjuna Jyotirlinga Opening Time in Hindi

मल्लिकार्जुन मंदिर प्रतिदिन सुबह 4:30 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। मंदिर के दर्शन समय सुबह 6:30 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 6:30 से रात 9 बजे के बीच है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Mallikarjuna Jyotirlinga in Hindi

यह मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित है, इसलिए यहां पर घूमने का सही समय भी नवंबर से फरवरी के बीच का ही है, यहां भी आपको सर्दियों में ही घूमना चाहिए, क्योंकि गर्मियों में तापमान बहुत अधिक रहता है, सर्दियों में यहां पर तापमान 10 डिग्री से 25 डिग्री के बीच में ही रहता है, और यह तापमान टूरिज्म के लिए सबसे बेहतर है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Mallikarjuna Jyotirlinga?

By Air: यहां का सबसे करीबी हवाई अड्डा हैदराबाद का हवाई अड्डा है, जो कि यहां से 220 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है, यह हवाई अड्डा यहां से बहुत ही दूर है, अगर आप किसी दूरदराज के इलाके से आ रहे हैं तो आप इस हवाई अड्डे की सहायता ले सकते हैं, अन्यथा आपको यहां पर आने के लिए ट्रेन या रोड का सहारा लेना चाहिए।

By Train: श्रीशैलम का रेलवे स्टेशन यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है जो कि 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Road: हैदराबाद से हाईवे नंबर 765 के माध्यम से आपको श्रीशैलम की तरफ चलना है। यहां आगे सुन्देपेंता नाम का एक शहर आएगा, इस शहर से हाईवे नंबर 765 के माध्यम से थोड़ी ही दूर चलने पर एक T-point आएगा, वहां से आपको इस हाईवे को छोड़कर लोकल सड़क ले लेनी है। यह सड़क सीधे श्रीशैलम में जाकर रुकती है।

3. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Mahakaleshwar Temple

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Mahakaleshwar Temple

महाकालेश्वर नाम का यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर है जो मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। मंदिर के बारे में अग्रलिखित श्लोक बेहद प्रचलित है “आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम्, भूलोके च महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तु ते”। यानी कि आकाश में तारक शिवलिंग पाताल में हाटकेश्वर शिवलिंग और भूमि पर स्थित महाकालेश्वर शिवलिंग सबसे अधिक मान्य शिवलिंग है।

इसीलिए भगवान शिव को महाकाल के नाम से भी पुकारा जाता है। इस मंदिर की भस्म आरती देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और भस्म आरती में यहां पर ताजा मुर्दों को जलाने के बाद उत्पन्न हुई राख से लिंगम को लेपा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग छठी शताब्दी में हुआ था। यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है सबसे प्रथम भाग को महाकालेश्वर कहा जाता है जो कि सबसे नीचे स्थित है। बीच में ओमकारेश्वर और सबसे ऊपर नागचंद्रेश्वर स्थित है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय -Mahakaleshwar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हर दिन सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। सुबह 8 बजे से 10 बजे, 10:30 बजे से शाम 5 बजे, शाम 6 बजे से 7 बजे और रात 8 बजे से रात 11 बजे तक भक्त दर्शन कर सकते हैं।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Mahakaleshwar Jyotirlinga

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में घूमने का सबसे सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच का रहता है, क्योंकि यह स्थान मध्यप्रदेश में है। इसलिए गर्मियों में घूमना मुश्किल हो सकता है। इसलिए आपको यहां पर सर्दियों में ही आना चाहिए।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Mahakaleshwar Jyotirlinga?

By Air: देवी अहिल्याबाई होलकर नामक इंदौर में एयरपोर्ट है, यह उज्जैन से केवल 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

By Train: उज्जैन में रेलवे स्टेशन है जहां पर आप देश के बड़े शहरों से ट्रेन लेकर आ सकते हैं।

By Road: इंदौर से नेशनल हाईवे नंबर 52 और 47 दोनों जाते हैं, तो आप आसानी से इंदौर आ सकते हैं। इसके बाद आप लोकल हाईवे से उज्जैन में जा सकते हैं।  उज्जैन से इंदौर केवल 55 किलोमीटर की दूरी पर है।

4. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम और स्थान, ओंकारेश्वर मंदिर – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Omkareshwar Temple

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Omkareshwar Temple

नर्मदा नदी के तट के बगल में मांधाता द्वीप पर स्थित, ओंकारेश्वर एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। यह प्रसिद्ध मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह नर्मदा नदी पर स्थित है इस मंदिर और पास की नदी को मिलाकर यह ओम का आकार बनाता है। जब ऊपर से इसे देखा जाता है तो यह ओम के आकार में नजर आता है, इस कारण इस मंदिर को ओमकारेश्वर कहा जाता है।

मान्यता के अनुसार एक बार देवताओं और राक्षसों के बीच एक महान युद्ध हुआ, जिसमें राक्षसों की जीत हुई, जिसे देवताओं के लिए एक बड़ी हार था। इसलिए देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की और उनकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और दानवों और राक्षसों को पराजित किया। दूसरी कथाओं के अनुसार भगवान शिव और पार्वती तीनो लोकों में भ्रमण करते हैं और रात को रुकने के लिए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में आते हैं।

ओंकारेश्वर के इस मंदिर को ममलेश्वर व अमलेश्वर भी कहा जाता है। ओमकारेश्वर मंदिर से जुड़ी एक मान्यता यह है कि जब कोई श्रद्धालु देश के सभी तीर्थों की यात्रा करता है तो उसे वहां से लाए गए जल को इस मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग के ऊपर चढ़ाना होता है, इसके बिना उनकी यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय -Omkareshwar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। दर्शन के लिए सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:20 बजे और शाम 4 बजे से 8:30 बजे के बीच है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग घूमने  का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Omkareshwar Jyotirlinga

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग घूमने का सबसे सही समय भी अक्टूबर से मार्च का ही है। सर्दियों में यहां का तापमान 10 डिग्री से 25 डिग्री के बीच ही रहता है जो कि घूमने के लिए और दर्शन के लिए सबसे बेहतर है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Omkareshwar Jyotirlinga?

By Air: यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट भी देवी अहिल्या बाई एयरपोर्ट ही है जो कि इंदौर में स्थित है यह रिपोर्ट इस मंदिर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Train: ओमकारेश्वर नाम का रेलवे स्टेशन यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है, जो कि मंदिर से केवल 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Road: आपको इंदौर से मोर्ताक्का की तरफ आना है और यहां से आपको ओमकारेश्वर की तरफ चलना है, मोर्ताक्का इंदौर से 68 किलोमीटर और यहां से ओम्कारेश्वर केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर है।

एक बार यहां पर पहुंचने के बाद आपको मंदिर तक जाने के लिए एक किस्ती लेनी होगी, यह रास्ता 20 मिनट का है और आपको नदी के किनारे पर ही किस्ती मिल जाएगी।

5. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, केदारनाथ मंदिर – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Kedarnath Temple

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Kedarnath Temple

केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में पार से स्थान पर आता है यह बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है और हिमालय में स्थित है। इस मंदिर में केवल गर्मियों के दिनों में ही जाया जा सकता है क्योंकि सर्दियों में यहां पर बर्फ बहुत अधिक पड़ती है, जिसके कारण श्रद्धालुओं का जाना मना होता है। समुद्र ताल से लगभग 12000 फीट की ऊंचाई पर स्तिथ यह मंदिर भारत का सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री पवित्र जल लेने के लिए जाते हैं और पवित्र जल को केदारनाथ शिवलिंग पर अर्पण करते हैं।

यह भारत के उत्तराखंड राज्य में हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल होने के साथ-साथ चार धामों और केदारनाथ के पञ्च मुख्य मंदिरों में भी शामिल है। 2013 में आई भयंकर प्राकृतिक त्रासदी में इस मंदिर के आसपास की सभी इमारतें पानी में ढह गई थी, चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई थी लेकिन उसी समय एक बहुत बड़ा चमत्कार हो गया, इस मंदिर के बिल्कुल पीछे एक बहुत बड़ी चट्टान लुढ़कती हुई आ रही थी और वह मंदिर से कुछ ही दूरी पर ठहर गई, जिसके कारण पीछे से आने वाले पानी को चट्टान ने काट दिया और मंदिर बिल्कुल सुरक्षित रहा। इस चट्टान को भीम शिला के नाम से जाना जाता है।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Kedarnath Jyotirlinga Opening Time in Hindi

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने समय सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक है।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Kedarnath Jyotirlinga

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है, इसलिए यहां पर सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है। सर्दियों में कई बार भारी बर्फबारी के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सर्दियों में यहां पर घूमने और दर्शन करने का सही समय नहीं है। यहां पर आने के लिए सबसे सही समय मई से नवंबर के बीच का है यह गर्मियों का सीजन होता है और अधिक बर्फ यहां पर नहीं होती। इसलिए अगर आप दर्शन के लिए आ रहे हैं तो आपको इसी समय में आना चाहिए वरना अगर आप बर्फ का आनंद लेना चाहते हैं तो आप सर्दियों में भी आ सकते हैं।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Kedarnath Jyotirlinga?

By Air: जॉली ग्रांट नाम का एयरपोर्ट यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट है जो कि देहरादून में स्थित है यह एयरपोर्ट मंदिर से 238 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Train: ऋषिकेश का रेलवे स्टेशन यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है जो कि केदारनाथ से 216 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Road: उत्तराखंड का हाईवे नंबर 107 सोनप्रयाग तक जाता है, यहां से आप गौरीकुंड रिक्शा वगैरह से जा सकते हैं, गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी 16 किलोमीटर पड़ती है, जो कि आपको पैदल चलकर ही जानी होगी या यहां पर घोड़े और खच्चर की व्यवस्था भी रहती है, लेकिन बहुत दुर्गम रास्ता होने के कारण साधन नहीं जा सकते हैं।

6. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, भीमाशंकर मंदिर – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Bhimashankar Jyotirlinga Temple

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Bhimashankar Jyotirlinga Temple

मोटेश्वर महादेव के नाम से जाने जाने वाला भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है। यह सह्याद्रि नामक एक पर्वत के ऊपर स्थित है। रावण का भतीजा भीम भगवान विष्णु और श्री राम जी से बहुत क्रोधित हुए थे, उन्होंने ब्रह्मा जी की तपस्या करके उनसे बहुत से वरदान प्राप्त किए और बहुत से देवताओं से युद्ध भी किया। यह मंदिर 3,200 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर भीमा नामक एक नदी भी बहती है जो आगे चलकर कृष्णा नामक नदी में मिल जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सभी 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम जपते हुए इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आता है, उसके सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार भीम के पिता कुंभकरण थे, जिनका श्री राम ने वध किया था। कुंभकरण के वध के तुरंत पश्चात भीम का जन्म हुआ था। पहले भीम को नहीं पता था कि उनके पिता की हत्या किसने की है, लेकिन जब उनकी माता ने उनको इसके विषय में बताया तो भीम ने श्री राम से बदला लेने की ठान ली। इसके बाद उन्होंने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की और वरदान में विजय प्राप्ति मांगी। इसके बाद उन्होंने बहुत से देवताओं से युद्ध किया और देवताओं को पराजित किया। अंत में सभी देवता भगवान शिव से मदद मांगने के लिए आए भगवान शिव ने भीम के साथ युद्ध किया और भीम को नष्ट कर दिया। इसके पश्चात देवतागणों ने भगवान शिव को उसी जगह पर शिवलिंग के रूप में विराजमान होने को कहा तो भगवान ने भक्तों की बात मान ली।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Bhimashankar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर सप्ताह के सभी दिन सुबह 4:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9:30 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। मंदिर का दर्शन सुबह 5 बजे शुरू होता है और रात 9:30 बजे तक चलता है। दोपहर में आरती के दौरान 45 मिनट के लिए दर्शन बंद रहता है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Bhimashankar Jyotirlinga

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के महाराष्ट्र में स्थित होने के कारण यहां पर घूमने का सबसे सही समय नवंबर से मार्च के बीच का रहता है। इस समय यहां पर सर्दियों का मौसम होता है और तापमान केवल 10 से 25 डिग्री के बीच ही रहता है जो कि घूमने के लिए सबसे सही है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Bhimashankar Jyotirlinga?

By Air: भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पुणे एयरपोर्ट से केवल 120 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर आप वायु मार्ग से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए आना चाहते हैं तो आपको पुणे आना होगा।

By Train: यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन भी पुणे रेलवे स्टेशन ही है।

By Road: पुणे से हाईवे नंबर 60 पर यह मंदिर स्थित है।

7.

12 ज्योतिर्लिंग का नाम, काशी विश्वनाथ मंदिर –12 Jyotirling ka Naam, Kashi Vishwanath Temple

Kashi Vishwanath Jyotirlinga Temple, varanasi

काशी विश्वनाथ मंदिर 7 वां ज्योतिर्लिंग है और इस मंदिर का हिंदू धर्म में बहुत विशिष्ट स्थान है। यह वाराणसी में स्तिथ बहुत ही अलौकिक मंदिर है। इस मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा यह है कि जब मां पार्वती अपने घर पर थी तो उन्होंने शिवजी से आग्रह किया कि वे उन्हें ले जाए, शिव उन्हें काशी विश्वनाथ में लेकर आए थे, जिस जगह पर यह मंदिर स्थित है और यहां पर ज्योतिर्लिंग में विराजमान हुए थे। इतिहास में इस मंदिर को बहुत बार बनाया गया और बहुत बार तोडा गया। इस मंदिर को बनाने के सबसे निकट ऐतिहासिक प्रमाण 11 वीं सदी में राजा हरिश्चंद्र से मिलते हैं।

मोहम्मद गोरी ने कुछ वर्षों पश्चात ही इस मंदिर को तोड़ दिया था, जिसको हिंदू राजाओं द्वारा पुन: बना लिया गया। लेकिन लगभग 1447 में जौनपुर के सुल्तान द्वारा इसे दोबारा तोड़ दिया गया, यहां पर इस समय स्थित मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई होलकर द्वारा 1780 में किया गया। माना जाता है कि महाराजा रणजीत सिंह ने भी लगभग 1 टन सोना इस मंदिर के लिए दिया था।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Bhimashankar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

कशी विश्वनाथ मंदिर प्रतिदिन दोपहर 2:30 बजे से रात 11 बजे तक भक्तों के लिया खुला रहता है। मंदिर में मंगल आरती सुबह 3 बजे से 4 बजे के बिच की जाती है। भोग आरती सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 12:20 तक चलती है। उसके बाद शाम 7 बजे संध्या आरती शुरू होती है और रात 8:15 बजे तक की जाती है। अंत में रात 9 बजे से 10:15 बजे तक श्रृंगार आरती की जाती है और रात 10:30 से रात 11 बजे तक शयन आरती की जाती है।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Kashi Vishwanath Jyotirlinga

काशी विश्वनाथ में दर्शन और घूमने का सबसे सही समय अक्टूबर से फरवरी के बीच का है इस समय यहां पर सर्दियों का मौसम होता है और तापमान 5 से 20 डिग्री के बीच में रहता है यह तापमान पर्यटकों के लिए बिल्कुल सही होता है।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Kashi Vishwanath Jyotirlinga?

By Air: वाराणसी का सबसे करीबी एयरपोर्ट लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है जोकि मंदिर से केवल 25 किलोमीटर की दूरी पर है स्थित है।

By Train: वाराणसी जंक्शन मंदिर का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है।

By Road: एशियन हाईवे का नेटवर्क 32 सीधा वाराणसी से होते हुए निकलता है आप दिल्ली से इस हाईवे की सहायता से वाराणसी आ सकते हैं।

8. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम और स्थान, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Trimbakeshwar Jyotirlinga

नासिक में ब्रह्मागिरी पर्वत के पास में स्थित यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में आठवां है, इस मंदिर में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों की पूजा एक साथ की जाती है, गौतम ऋषि ने यहां पर घोर तप किया था, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके सामने आए और उसके पश्चात त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में इसी जगह पर विराजमान हो गए।

शिव पुराण में कहा गया है की पास में स्थित ब्रह्मागिरी मंदिर के ऊपर चढ़ने के लिए लगभग 700 सीढ़ियां है। इसके ऊपर राम कुंड और लक्ष्मण कुंड है, इस मंदिर के गर्भ गृह में तीन शिवलिंग है जिससे यह प्रमाणित होता है कि इस  मंदिर में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों विराजमान है। 12 ज्योतिर्लिंगों में केवल यही एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जिसमें तीनों देव एक स्थान पर है।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Trimbakeshwar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

यह मंदिर सप्ताह के सभी दिन, सुबह 5:30 से रात 9 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Trimbakeshwar Jyotirlinga

आपको यहां पर अक्टूबर से फरवरी के बीच में ही घूमने के लिए आना चाहिए। इस समय यहां का तापमान बिल्कुल स्थिर रहता है और 10 से 25 डिग्री के बीच ही रहता है।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Trimbakeshwar Jyotirlinga?

By Air: मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट है। आप एयरपोर्ट पर आने के बाद यहां से त्रिंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जा सकते हैं जो कि यहां से केवल 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Train: नासिक रेलवे स्टेशन यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन पर आने के बाद आप बस या फिर टैक्सी के माध्यम से त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जा सकती हैं।

By Road: नासिक से 848 नंबर हाईवे के माध्यम से आप त्रिंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग आ सकते हैं। यह दूरी केवल 30 किलोमीटर की है।

9. 12 ज्योतिर्लिंग का नाम वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग – 12 Jyotirling ka Naam,Vaidyanath Jyotirlinga 

वैद्यनाथ मंदिर, जिसे लोकप्रिय रूप से बाबा बैद्यनाथ धाम के रूप में जाना जाता है, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और भगवान शिव के सबसे पवित्र निवास स्थान माना जाता है। यह पवित्र मंदिर झारखंड में देवघर में स्तिथ है। वैद्यनाथ मंदिर से जुड़े कई मतभेद चल रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि महाराष्ट्र में स्थित वैद्यनाथ मंदिर ही असली वैद्यनाथ मंदिर है और बहुत से लोग मानते हैं कि झारखंड का वैद्यनाथ मंदिर असली वैद्यनाथ मंदिर है।

इस मंदिर से जुड़ी एक कथा यह है कि त्रेता युग में रावण भगवान शिव के परम भगत थे, वह हिमालय में एक शिवलिंग बनाकर भगवान की पूजा अर्चना कर रहे थे। जब उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ उनके सामने आए तो उन्होंने उन्हें शिवलिंग में विराजित करने की इच्छा जाहिर की और कहा कि मैं इस शिवलिंग को लंका मेरे राज महल में लेकर जाना चाहता हूं।

भोलेनाथ ने रावण से कहा की वह शिवलिंग को लंका लेकर जा सकता है, लेकिन उसे एक बात का ध्यान रखना होगा कि अगर बीच में कहीं भी शिवलिंग को रख दिया तो वही शिवलिंग उसी स्थान पर विराजमान हो जाएगा और दोबारा उसे उठाया नहीं जा सकता। ऐसी मान्यता है कि रावण ने बीच में शिवलिंग को रख दिया था, लेकिन भोलेनाथ के कहे अनुसार शिवलिंग को दोबारा उठा न पाया। इसलिए यह शिवलिंग सदैव इसी जगह पर बना रहेगा, इस जगह को अब वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय -Vaidyanath Jyotirlinga Opening Time in Hindi

मंदिर सभी सात दिनों में सुबह 4 बजे से दोपहर 3: 30 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। इसके बाद शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। लेकिन विशेष रूप से  महाशिवरात्रि जैसे धार्मिक अवसरों के दौरान दर्शन का समय बढ़ा दिया जाता है।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Vaidyanath Jyotirlinga

अगर आप महाराष्ट्र या झारखंड के किसी भी वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग में जा रहे हैं, यहां पर जाने का सबसे सही समय नवंबर से फरवरी के बीच का ही है इस समय यहां का तापमान 10 से 20 डिग्री के बीच रहता है।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Vaidyanath Jyotirlinga?

By Air: बिरसा मुंडा हवाई अड्डा जो कि रांची में स्थित है जो वैद्यनाथ का सबसे करीबी हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा झारखंड के वेदनाथ मंदिर से केवल 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Train: देवघर नामक रेलवे स्टेशन यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है।

By Road: आप भागलपुर से 25 नंबर सड़क पर 120 किलोमीटर की दूरी तय करने पर वैद्यनाथ मंदिर पहुंचेंगे इसे लोकल लोग बाबा वैद्यनाथ के नाम से जानते हैं।

10. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – 12 jyotirlinga names and places in Hindi, Nageshwar Temple

Nageshwar Temple, gujarat

यह गुजरात के द्वारका में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर है जो कि 12 ज्योतिर्लिंगों में 10वां स्थान रखता है। यह द्वारका से केवल 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर को लेकर दारूका नामक एक राक्षसी का वर्णन आता है। दारूका और माँ पारवती से वरदान पाकर बहुत घमंडी हो चुकी थी। उसका पति दारुक जो कि एक विशाल राक्षस था, वह दूसरे राक्षसों को मार देता था और इसी के चलते दारूका एक सुंदर वन को लेकर समुंदर में चली गई थी यह सुंदरवन मां पार्वती ने उनको रक्षा करने के लिए सौंपा था।

आगे चलकर वन के पास समुद्री रास्ते से एक ब्राह्मण चला गया था, ब्राह्मण को दारूक ने कारावास में डाल दिया और कारावास में बहुत से शिव भगत होने के कारण उन्होंने भोलेनाथ की जय बोलनी शुरू की जिसके पश्चात भोलेनाथ एक बिल से पूरे एक मंदिर के रूप में बाहर आए, इस मंदिर में भोलेनाथ का पूरा परिवार गर्भ ग्रह में ज्योतिर्लिंग के समान उत्पन्न हुआ।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Nageshwar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

नागेश्वर मंदिर सप्ताह के सभी दिन सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। भक्त सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे और शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन की जा सकती है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Nageshwar Jyotirlinga

नवंबर से फरवरी के बीच में सर्दियों का मौसम नागेश्वर ज्योतिर्लिंग घूमने का सबसे सही समय है इस समय यहां का तापमान 10 से 25 डिग्री के बीच का रहता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Nageshwar Jyotirlinga?

By Air: जामनगर एयरपोर्ट यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट है जो कि नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से 137 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Train: यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन द्वारका रेलवे स्टेशन है जो कि अहमदाबाद राजकोट मुंबई और दिल्ली जैसे आसपास के बड़े शहरों से बहुत अच्छी कनेक्टिविटी रखता है।

By Road: नेशनल हाईवे 51 सीधा द्वारका से होते हुए निकलता है, यहां पर आप सड़क नंबर 6 पर इस मंदिर को पाएंगे।

11. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Rameshwaram Temple

Rameshwaram Temple, Tamilnadu

11वा ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम में स्थित है, ऐसी मान्यता है की भगवान राम जब रावण का वध करके वापस आ रहे थे तो उन्होंने रामेश्वरम जो कि भारत का सबसे निचला हिस्सा है, वहां पर समुंदर के किनारे पर एक शिवलिंग बनाकर शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर शिवजी उत्पन्न हुए थे और उस समय से शिव इसी ज्योतिर्लिंग में समाहित है।

ऐसी मान्यता है कि रावण एक ब्राह्मण था और ब्राह्मण को मारना क्षत्रिय धर्म नहीं है, इसलिए इस पाप की मुक्ति के लिए श्रीराम ने भोलेनाथ को प्रसन्न किया था, इस जगह पर श्री राम तपस्या करना चाहते थे, लेकिन यहां पर भोलेनाथ का कोई मंदिर नहीं था, इसलिए उन्होंने हनुमान जी से कैलाश पर्वत से शिवलिंग लेकर आने को कहा हनुमान जी समय पर नहीं पहुंच सके, इसलिए माता सीता ने समुंदरी रेत से शिवलिंग बनाया और भगवान श्रीराम ने शिवलिंग की पूजा की बाद में हनुमान जी भी कैलाश पर्वत से शिवलिंग लेकर आ गए थे, यहां पर दोनों शिवलिंग उपस्थित हैं।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय -Rameshwaram Jyotirlinga Opening Time in Hindi

रामेश्वरम मंदिर खुलने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे और दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे खुला रहता है। दर्शन के लिए भक्तों को रात 8 बजे तक अनुमति मिलती है।

मंदिर खुलने का समय: सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक। रात 8 बजे तक दर्शन की अनुमति है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Rameshwaram Jyotirlinga

यह तमिलनाडु में स्थित है इसलिए आप जानते होंगे कि यहां पर गर्मियां बहुत अधिक होती है, गर्मी में आपका बाहर घूमना मुश्किल हो सकता है, इसलिए यहां पर आपको अक्टूबर से अप्रैल के बीच में ही जाना चाहिए इस समय यहां का तापमान 20 से 30 डिग्री रहता है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Rameshwaram Jyotirlinga?

By Air: यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट मदुरई एयरपोर्ट है जो कि यहां से 170 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

By Train: मंदिर के सबसे करीब रेलवे स्टेशन रामेश्वर रेलवे स्टेशन है और यह रेलवे स्टेशन चेन्नई मदुरई कोइम्ब्तूर जैसे बड़े रेलवे स्टेशन से कनेक्टेड है।

By Road: एशियन हाईवे नंबर 43 रामेश्वरम में सीधा जाता है, आप अपनी गाड़ी लेकर रामेश्वरम में जा सकते हैं, इस हाइवे पर आगे चलकर आपको रामसेतु जरूर देखना चाहिए।

12. 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम और स्थान, घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग – 12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Grishneshwar Temple

Grishneshwar Temple

12वां ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद में स्थित है। घुस्मा नामक एक कन्या शिव की परम भगत थी। उसने एक पुत्र को जन्म दिया, सुधर्मा जोकि घुस्मा की बहन थी वह उससे बहुत घृणा करती थी। सुधर्मा ने घुस्मा के पुत्र का वध कर दिया और उसे एक तालाब में फेंक दिया, घुस्मा बहुत बड़ी शिव भगत थी, इसलिए उन्होंने शिव जी से प्रार्थना की, शिव ने स्वयं आकर उसको उसका पुत्र तलाब से जिंदा वापस करके दे दिया। शिव भक्तों के लिए तब से यह स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

केवल घृणा के कारण 1 पुत्र का वध होना और उसी को भगवान शिव के द्वारा पुनर्जीवन देना बहुत ही अद्भुत है। इसीलिए इस जगह को घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम दिया गया है। यह मंदिर हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है और मंदिर परिसर बेहद खूबसूरत नक्काशी, मूर्तियों और कई आकर्षण है। यह हर तरह से प्रभावशाली है और पर्यटक और भक्त मंदिर की संरचना से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने और दर्शन का समय – Grishneshwar Jyotirlinga Opening Time in Hindi

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर खुलने का समय सुबह 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक है। श्रावण के दौरान, दर्शन दोपहर 3 बजे से 11 बजे के बीच होता है

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Grishneshwar Jyotirlinga

नवंबर से फरवरी के बीच में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने का सबसे सही समय है, इस समय यहां का तापमान 10 से 25 डिग्री के बीच रहता है और घूमने के लिए बिल्कुल सही तापमान माना जाता है।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं? – How to reach Grishneshwar Jyotirlinga?

By Air: यहां का सबसे करीबी हवाई अड्डा औरंगाबाद हवाई अड्डा है जोकि इस मंदिर से केवल 30 किलोमीटर की दूरी पर है।

By Train: औरंगाबाद रेलवे स्टेशन है यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है जो कि आसपास के बड़े शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी रखता है।

By Road: नेशनल हाईवे नंबर 52 से 22 नंबर लोकल सड़क निकलती है, 22 नंबर लोकल सड़क के यह मंदिर बिल्कुल पास में स्थित है, औरंगाबाद से यह मंदिर 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi, Conclusion:

तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल,(12 Jyotirlinga Names and Places in Hindi)। आशा करता हूं कि आपको जानकारी पसंद आई होगी। यहां पर हमने सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में संपूर्ण जानकारी ली है। यहां पर हमने ज्योतिर्लिंगों का नाम, स्थान और इतिहास के बारे में भी संपूर्ण जानकारी ली है। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ साझा करना बिल्कुल भी ना भूले। मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ।


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