7 Wonders of the world names in Hindi: दोस्तों दुनिया के सात अजूबों के बारे में आपने कभी ना कभी जरूर सुना होगा। पूरी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण 7 जगहों को सात अजूबों का नाम दिया गया है। इंग्लिश में इन्हें “सेवन वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड” कहा जाता है, अलग-अलग देश के लोगों की इन सात अजूबों को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं, क्योंकि इस खूबसूरत पृथ्वी पर ऐसी हजारों जगह हैं जहां पर घूमना अलौकिक अनुभव करवाता है और बहुत सी प्राचीन और धार्मिक महत्व वाली जगह भी हैं, इनमें से सात प्रमुख जगह ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए दुनिया के सात अजूबों को लेकर पूरी दुनिया में मतभेद हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको दुनिया के वे सात अजूबे (Duniya ke Saat Ajoobe) के बारे में बताएंगे जिनपर भारत के लोग विश्वास करते हैं, या कहे तो भारत जिन सात अजूबों को अजूबों के रूप में स्वीकार करता है। इनमें से लगभग जगह वही है, लेकिन हम भारत देश में स्थित ताजमहल को अधिक महत्व देते हैं। इसलिए हम ताजमहल को सात अजूबों में हमेशा सबसे ऊपर रखते हैं। आईये दोस्तों अधिक समय खराब ना करते हुए दुनिया के सात अजूबों के बारे में विस्तार से देख लेते हैं।
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दुनिया के सात अजूबे – Duniya ke Saat Ajoobe
दुनिया के अलग-अलग देशों के हिसाब से यह सात अजूबे अलग-अलग हैं। लेकिन भारत देश के लिए यह सात अजूबे ताजमहल, रोमन कोलोसियम, चीन की विशाल दीवार, माचू पिचू, पेट्रा, चिचेन इट्ज़ा और क्राइस्ट रिडीमर की मूर्ति है। आइए दोस्तों (7 Wonders of the world names in Hindi) दुनिया के सात अजूबों के बारे में विस्तार से जानकारी देख लेते हैं। यहां पर हम जानेंगे कि सात अजूबों पर कैसे जाया जाता है और यहां जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है।
1. दुनिया के सात अजूबे, ताजमहल – 7 wonders of the world in Hindi, Taj Mahal, India
ताजमहल बेहद ही खूबसूरत मकबरा है जो कि भारत के आगरा नामक शहर में स्थित है, ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने अपनी बीवी मुमताज महल की याद में करवाया था। यह सफेद संगमरमर से बना हुआ बेहद ही खूबसूरत मकबरा है, दुनिया भर में प्यार की निशानी होने के कारण यह बहुत अधिक प्रचलित है। इसकी इतनी अधिक लोकप्रियता होने के कारण इसे दुनिया के सात अजूबों में गिना जाता है।
ताजमहल में हिंदू और मुगल वास्तुकला का मिलाजुला सामंजस्य देखने को मिलता है। यह आकार में बहुत ही विशाल है, ताजमहल के सामने एक खूबसूरत मेहराब भी बनाया गया है, जहां से ताजमहल का दृश्य बेहद ही मनोरम प्रतीत होता है। इसके चारों तरफ चार दरवाजे है और सामने वाला दरवाजा सबसे मुख्य माना जाता है। यहां पर बीच में एक खूबसूरत महल और चारों तरफ चार मीनार हैं जो कि बाहर की तरफ झुकी हुई है। ताजमहल में बाग बगीचे भी हैं, जिससे कि इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।
ताजमहल घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Taj Mahal
ताजमहल भारत के आगरा में स्थित है, जोकि उत्तर प्रदेश का एक शहर है। यहां पर गर्मियों में तापमान बहुत अधिक रहता है, इसलिए उमस के कारण आपका यहां पर घूमना और ताजमहल की खूबसूरती को देख पाना नामुमकिन हो जाता है। इसलिए ताजमहल में घूमने का सबसे सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच में है। इस समय यहां पर सर्दियां रहती है और मौसम बहुत ही सुहाना रहता है।
ताजमहल कैसे जाएं? – How to reach the Taj Mahal?
ताजमहल आगरा में यमुना नदी के किनारे पर बना हुआ है। आगरा शहर आने के लिए आप सड़क मार्ग रेल से या हवाई जहाज से आ सकते हैं। अगर आप सड़क मार्ग से आगरा में आना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि यह शहर पूरे भारत के साथ बहुत अच्छी कनेक्टिविटी रखता है। अगर आप ट्रेन से ताजमहल को देखने के लिए आना चाहते हैं तो आगरा का खुद का रेलवे स्टेशन भी है, जिसकी सहायता से आप आसानी से ताजमहल को देखने के लिए आ सकते हैं।
अगर आप हवाई जहाज से ताजमहल को देखने के लिए आना चाहते हैं तो इंदिरा गांधी नेशनल हवाई अड्डा यहां का सबसे करीबी हवाई अड्डा है जो कि ताजमहल से 200 किलोमीटर की दूरी पर भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यहां से ताजमहल जाने के लिए आप टैक्सी बुक करवा सकते हैं या आगरा तक आप बस से भी सफर कर सकते हैं।
2. रोमन कोलोसियम, इटली – Roman Colosseum, Italy
रोमन कोलोसियम रोम के समृद्ध इतिहास और विरासत को दर्शाता है। वेस्पियन नामक रोम के शासक ने इसका निर्माण कार्य आरंभ करवाया था और इसका निर्माण 70 से 80 ईसवी के बीच माना जाता है। माना जाता है कि टाइटस नामक शासक के शासनकाल में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था।
इस कोलोसियम के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इसे दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है। इसका एक हिस्सा कालांतर में टूट चुका है, जिसके बाद भी यह ज्यों का त्यों बना हुआ है और दिखने में बेहद ही खूबसूरत प्रतीत होता है। भले ही यह इमारत दिखने में बहुत ही खूबसूरत है, लेकिन इस इमारत का इतिहास खून से रंगा हुआ है।
जैसा कि आप जानते हैं, रोमन साम्राज्य में योद्धाओं का महत्व बहुत अधिक हुआ करता था। इसलिए इस इमारत के अंदर योद्धा खूनी लड़ाई लड़ते थे, जो योद्धा लड़ाई में मारा जाता था, वह हारा हुआ माना जाता था और जो बच जाता था, वह विजेता घोषित कर दिया जाता था। यानी कि अगर योद्धाओं के बीच लड़ाई हुई तो किसी ना किसी की मौत होनी तो तय है। इसलिए उस समय में यहां पर लाखों दर्शक भी इकट्ठा हुआ करते थे। इस प्रकार की लड़ाइयां यहां पर साल में दो बार लड़ी जाती थी और बहुत अधिक उत्सव मनाया जाता था।
रोमन कोलोसियम घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Roman Colosseum
अप्रैल से अक्टूबर तक यहां पर टूरिस्ट की बहुत अधिक भरमार होती है। यह मौसम के हिसाब से भी यहां का सबसे सही समय है। लेकिन अगर आप सर्दियां सहन कर सकते हैं, और अगर आप अधिक भीड़भाड़ नहीं चाहते हैं, तो आप यहां पर नवंबर से अप्रैल के बीच आ सकते हैं। इस समय यहां पर सर्दियां थोड़ी अधिक होती है, लेकिन भीड़-भाड़ बिल्कुल भी नहीं होती और आपको ठहरने के लिए भी आसानी से जगह मिल जाती है। लेकिन अगर आप टूरिस्ट सीजन में आना चाहते हैं तो आपको यहां पर अप्रैल से अक्टूबर के बीच आना चाहिए।
रोमन कोलोसियम कैसे जाएं? – How to reach the Roman Colosseum?
अगर आप भारत से इटली तक की यात्रा करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इटली का वीजा अप्लाई कर देना चाहिए। अगर आप अब भारत से रोम की हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि रोम में दो मुख्य एयरपोर्ट है पहले एयरपोर्ट का नाम लियोनार्डो द विंची है और दूसरे एयरपोर्ट का नाम विंसी-Fiumicino है। भारत से अपना करीबी एयरपोर्ट चुन लीजिए और फ्लाइट बुक कर लीजिए। यहां पर ज्यादातर फ्लाइट इंदिरा गांधी नेशनल एयरपोर्ट दिल्ली से जाती है इसलिए आप इस एयरपोर्ट की सहायता से आसानी से रूम में आ सकते हैं।
3. चीन की विशाल दीवार – The Great Wall of China
दुनिया की सात अजूबों में से एक चीन की महान दिवार यानि The Great Wall of China दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सरांचाओं में से एक है। इस दीवार की लंबाई 21,196 किलोमीटर है। चीन की विशाल दीवार का निर्माण प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 13वीं शताब्दी तक जारी रहा था। अलग-अलग राजा महाराजाओं ने यहां पर अलग-अलग प्रकार के किलों का निर्माण करवाया था और इन सभी किलों को एक दूसरे से जोड़कर एक विशालकाय दीवार स्थापित की गई थी। हजारों सालों तक इसके निर्माण कार्य के चलने के पीछे एक कारण यह भी था कि अलग-अलग राजवंशों का शासन अलग-अलग जगह तक होता था, जैसे जैसे शासन फैलता गया, वैसे वैसे यह दीवार भी आगे बढ़ती गई।
पत्थरों से बनी यह दीवार, आज के समय में दुनिया के सात अजूबों में शामिल की जाती है। यहां पर हजारों पर्यटक साल भर में घूमने के लिए आते हैं। इस दीवार पर थोड़ी थोड़ी दूरी पर किले बनाए गए हैं। दीवार की वास्तुकला बेहद ही खूबसूरत है और आकार में बहुत ही विशालकाय है। यह भारी-भरकम पत्थरों से बनी हुई है और हजारों सालों तक चीन को आक्रमणकारियों से बचाती रही है।
और पढ़े: चीन की महान दिवार के बारे में जानकारी
चीन की महान दीवार घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Month to Visit Great Wall of China
अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक के महीने चीन की दीवार पर घूमने के लिए सबसे सही रहेंगे। चीन की दीवार पर अगर आप सर्दियों में घूमने के लिए जाएंगे तो यहां पर सर्दियां बहुत अधिक पड़ेंगी और अगर आप गर्मियों में जाएंगे तो गर्मियां भी उमस भरी और बेहद गर्म होती है। इसलिए आपको यहां पर अप्रैल से जून जोकि वसंत ऋतु का समय है और सितंबर से अक्टूबर जोकि पतझड़ का समय है, में ही जाना चाहिए।
चीन की महान दीवार कैसे जाएं? – How to reach the Great Wall of China?
अगर आप चीन की दीवार घूमना चाहते हैं तो यहां पर जाने के लिए आपको सबसे पहले तो चीन का वीजा चाहिए होगा, चीन का वीसा लेने के बाद आपको चीन की राजधानी बीजिंग तक फ्लाइट से जाना होगा, आप इंदिरा गांधी नेशनल एयरपोर्ट दिल्ली से फ्लाइट लेकर बीजिंग आसानी से पहुंच सकते हैं, बीजिंग एयरपोर्ट से आपको एक्सप्रेस ट्रेन लेकर टैक्सी स्टैंड पर आ जाना है, यह एक्सप्रेस ट्रेन सिटी सेंटर तक आती है, टैक्सी स्टैंड से आप टैक्सी लेकर चीन की दीवार पर आसानी से जा सकते हैं।
4. माचू पिचू, पेरू – Machu Picchu, Peru
माचू पिचू इंका नामक एक अति प्राचीन सभ्यता से जुड़ा हुआ एक शहर है। यह स्थान दक्षिण अमेरिका में स्थित है और इस स्थान को 2007 में दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है। समुद्र तल से इस स्थान की ऊंचाई लगभग 2400 मीटर है और यह स्थान एक खूबसूरत पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इस स्थान का निर्माण लगभग 1430 इसमें में करवाया गया था। 1911 में इस स्थल को खोजा गया था और 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित कर दिया गया है। आज के समय में यहां पर लाखों टूरिस्ट घूमने के लिए जाते हैं और इसकी खूबसूरती देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध इतिहास को दर्शाने के साथ-साथ इस स्थल की धार्मिक मान्यता भी बहुत अधिक है। ऐसी मान्यता है कि स्पेन वासियों ने इस स्थान पर आक्रमण किया था, लेकिन इस स्थान को बगैर लुटे ही छोड़ दिया था। यह यहां के देवता की शक्ति के कारण माना जाता है। माचू पिचू वास्तव में एक अद्भुत जगह है और हर साल लाखों के संख्या में पर्यटक इस स्थान को देखने के लिए आते हैं।
माचू पिचू घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Machu Picchu
यहां पर घूमने का सबसे सही समय मई से सितंबर के बीच का रहता है। इस समय पर यहां का मौसम बहुत ही सुखा होता है। इस समय यहां पर वर्षा की अधिक संभावना नहीं होती और घूमने के लिए तापमान भी बिल्कुल सही बना रहता है। अगर आप इस स्थान पर घूमने के लिए सर्दियों में जाते हैं तो कोहरे के कारण आपका घूमना नामुमकिन हो जाता है और गर्मियों में भी यहां वर्षा होती रहती है और तापमान भी सही नहीं रहता।
माचू पिचू कैसे जाएं? – How to reach Machu Picchu?
पेरू की राजधानी लीमा है तो आपको सबसे पहले तो पेरू देश का वीजा ले लेना है। इसके बाद आपको इंडिया से कोई भी लीमा की डायरेक्ट फ्लाइट देखनी है। अगर यहां की डायरेक्ट फ्लाइट नहीं मिल रही है, तो आप इनडायरेक्ट फ्लाइट भी ले सकते हैं। लिमा नामक शहर से आपको दोबारा फ्लाइट लेकर कुसको नामक शहर में आ जाना है। लिमा से कुसको की फ्लाइट लगभग 20 घंटे की होती है। यहां से माचू पिचू जाने के लिए आप बस की सहायता ले सकते हैं। माचू पिचू में आने के बाद जब आप विश्व अजूबे को देखने के लिए जाएंगे तो आप ट्रैकिंग के रास्ते से जा सकते हैं, या आप बस का सहारा भी ले सकते हैं। यह दूरी बस से लगभग 30 किलोमीटर की है।
5. दुनिया के सात अजूबेपेट्रा, जॉर्डन – 7 wonders of the world in Hindi, Petra, Jordan
नबाति जाति के लोगों द्वारा बसाया गया पेत्रा या पेट्रा पत्थर पर खुदे अपनी बेहद खूबसूरत इमारत के कारण प्रसिद्ध है। यह जगह जॉर्डन देश में स्थित है और यहां पर पत्थर पर एक बहुत विशालकाय ढांचा बनाया गया है, जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां पर इनकी सिंचाई व्यवस्था भी बहुत जबरदस्त थी और इस जगह को ये लोग अपनी राजधानी के रूप में प्रयोग करते थे। मान्यता है कि यह स्थान छठी शताब्दी के लगभग बना हुआ है। इस जगह पर पत्थर में खुदी हुई गुफा नुमा आकृति सबसे अधिक प्रसिद्ध है।
कालांतर में इस स्थान पर अलग-अलग राजाओं ने शासन किया है और इस स्थान ने बहुत से आक्रमण सहे हैं। इसी के साथ-साथ यहां पर बहुत सी प्राकृतिक आपदाएं भी हुई है, लेकिन पत्थरों पर बने हुए यह स्थान आज भी ज्यों के त्यों हैं।
पेट्रा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Petra
बसंत और पतझड़ के सीजन में यहां पर जाना सबसे सही रहता है। यहां पर बसंत का महीना मार्च से मई के बीच रहता है और पतझड़ का महीना सितंबर से नवंबर के बीच रहता है। इस समय में यहां का तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच रहता है जो कि घूमने के लिए उचित है। इस स्थान पर कई प्रकार के उत्सव भी मनाए जाते हैं और बहुत से म्यूजिक इवेंट भी होते हैं जो कि साल भर होते रहते हैं।
पेट्रा कैसे जाएं? – How to reach Petra?
दोस्तों अगर आप पेट्रा में घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको जॉर्डन देश का वीसा ले लेना है। अम्मान नामक शहर जॉर्डन की राजधानी है जहां पर यहां का इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्थित है। दिल्ली से यहां की फ्लाइट डायरेक्ट जाती है अगर आपको डायरेक्ट फ्लाइट नहीं मिल रही है तो आप इन डायरेक्ट फ्लाइट भी ले सकते हैं। एयरपोर्ट से पेट्रा तक जाने के लिए आप एयरपोर्ट से टैक्सी बुक करवा सकते हैं। इसके अलावा यहां पर कार किराए पर लेने की सुविधा भी उपलब्ध है। इसलिए आप कार किराए पर लेकर भी पेट्रा तक जा सकते हैं।
6. चिचेन इट्ज़ा में पिरामिड, मेक्सिको – Chichén Itzá, Mexico
चिचेन इट्ज़ा नामक यह जगह माया सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र रही है, इस जगह पर एक विशालकाय पिरामिड है, जिसके कारण इस स्थान पर सालाना लाखों टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं। यह जगह कैनकन से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर युकाटन राज्य में स्थित है। चिचेन इत्जा का निर्माण लगभग 11वीं शताब्दी में हुआ था, इस पिरामिड का निर्माण करवाने वाली माया सभ्यता के बारे में बहुत से रोचक किस्से प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि चिचेन इट्ज़ा में बहुत से ऐसे स्थान प्रसिद्ध है, जहां पर अजीब अजीब तरह की आवाजें सुनाई देती रहती हैं।
ऐसी मान्यता है कि यहां के मुख्य पिरामिड के सामने खड़े रहकर एक बार ताली बजाने पर पिरामिड से सात आठ बार तालियों की गूंज सुनाई देती है, और चिड़ियों के चहचहाने जैसी ध्वनि उत्पन्न होती है। इसी प्रकार यह स्थान कई रहस्य से भरी हुए है जिसे आज भी पुरे दुनिया में एक आकर्षक और रहस्यमयी स्थान माना जाता है।
चिचेन इट्ज़ा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Chichén Itzá
अगर आप इस स्थान पर घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि यहां पर जाने का सबसे सही समय बसंत और पतझड़ ऋतु का है। बसंत ऋतु यहां पर मार्च से मई तक रहती है और पतझड़ का समय यहां पर सितंबर से नवंबर तक रहता है। इस समय में यहां का तापमान बहुत ही अच्छा रहता है और तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच बना रहता है। आसमान बिल्कुल साफ रहता है और आउटडोर एक्टिविटी करने के लिए माहौल बिल्कुल सही रहता है। ध्यान रखिए कि यह एक उष्ण तापमान वाली जगह है इसलिए यहां पर सनस्क्रीन लगाकर ही जाएं।
चिचेन इट्ज़ा कैसे जाएं? – How to reach Chichén Itzá?
सबसे पहले तो आप को मेक्सिको का वीजा ले लेना है, इसके बाद बारी आती है फ्लाइट बुक करवाने की यहां पर कैनकन इंटरनेशनल एयरपोर्ट जोकि कैनकन में स्थित है। यहां से बहुत सी फ्लाइट भारतीय शहरों से आती है, इसलिए आप मेक्सिको में इस स्थान का चुनाव कर सकते हैं। इसके बाद यहां से चिचेन इत्जा जाने के लिए आप टैक्सी या बस की सहायता ले सकते हैं। यहां पर कार रेंटल की सुविधा भी उपलब्ध होती है, इसलिए आप कोई गाड़ी किराए पर लेकर भी घूमने के लिए जा सकते है।
7. क्राइस्ट रिडीमर, ब्राज़ील – Christ Redeemer, Brazil
यह मूर्ति ब्राजील में स्थित है और जीसस क्राइस्ट की एक बेहद ही शानदार प्रतिमा है। इस मूर्ति को रोम और ब्राजील के कई कलाकारों और इंजीनियरों ने मिलकर बनाया था। ऊंचाई में यह प्रतिमा लगभग 30 मीटर है और 8 मीटर का इस मूर्ति का पेडेस्टल है, यानी की मूर्ति 26 फीट ऊंची है। इस मूर्ति ने अपने दोनों बाहें फैला रखी है, जैसा कि आप फोटो में देख सकते हैं, इसलिए चौड़ाई में यह मूर्ति लगभग 28 मीटर चौड़ी है।
यह शनदार मूर्ति ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो नामक शहर में तेजूका फॉरेस्ट नेशनल पार्क में स्थापित की गई है। इस मूर्ति को 700 मीटर उनके एक पर्वत के शिखर पर स्थापित किया गया है। कंक्रीट की यह मूर्ति वजन में लगभग 635 मेट्रिक टन है। इस मूर्ति का निर्माण लगभग 1922 से 1931 के बीच किया गया था। इस मूर्ति के नाम से पता चलता है कि जीसस क्राइस्ट की याद में इस मूर्ति को बनाया गया था, क्योंकि इस जगह के ज्यादातर लोग ईसाई ही हैं।
क्राइस्ट रिडीमर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit The Christ Redeemer
अगर आप क्राइस्ट रिडीमर नामक इस मूर्ति को देखने के लिए रियो डी जनेरियो में जा रहे हैं, तो आपको बता दूं कि यहां पर सूखे मौसम में जाना सबसे बेस्ट रहता है। यहां पर आपको जून से सितंबर के महीनों में ही जाना चाहिए। वैसे तो यहां पूरे साल टूरिस्ट आते रहते हैं, क्योंकि यह जगह बहुत ही फेमस है लेकिन अगर आप सूखे मौसम में आते हैं तो अधिक वर्षा भी नहीं होगी और मौसम में उमस भी अधिक नहीं होगी।
क्राइस्ट रिडीमर कैसे जाएं? – How to reach Christ Redeemer?
रियो डी जनेरियो नामक शहर जो कि ब्राजील में स्थित है वहां तक की यात्रा भारत से कई चरणों में पूर्ण होती है। सबसे पहले तो आपको ब्राजील देश का वीजा ले लेना है। वीजा मिल जाने के बाद आपको रियो में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइट चेक करनी है। दिल्ली से आपको यह फ्लाइट बड़ी ही आसानी से मिल जाएगी। अगर आपको कोई डायरेक्ट फ्लाइट नहीं मिलती है तो आप इन डायरेक्ट फ्लाइट भी ले सकते हैं।
इसके बाद रियो से आपको क्रोकोवाडो नामक शहर में ट्रेन के माध्यम से पहुंचना है। यहां पर क्राइस्ट रिडीमर की मूर्ति सबसे करीब है आप चाहे तो एयरपोर्ट से सीधा टैक्सी भी ले सकते हैं। जब आप मूर्ति के करीब पहुंच जाते हैं तो आप यहां पर एलीवेटर के माध्यम से चढ़ाई कर सकते हैं या पैदल भी यात्रा कर सकते हैं।
7 Wonders of the World in Hindi, Conclusion:
तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल। इस आर्टिकल में हमने 7 Wonders of the World in Hindi (Duniya ke Saat Ajoobe) के बारे में विस्तार से जानकारी ली है। इसी के साथ-साथ सात अजूबों पर जाने के रास्ते और यहां जाने और घूमने का सबसे सही समय भी आपको बताया है। आशा करूंगा कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और आप इसे अपने आठवें अजूबे के पास जरूर भेजेंगे। अगर आपको दी गई जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने करीबी साथियों और फैमिली मेंबर के साथ जरूर साझा कीजिए। मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ।
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