अजंता की गुफाओं का इतिहास, वास्तुकला और घूमने की जानकारी – Ajanta Caves Information in Hindi

Ajanta Caves in Hindi: अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। इन गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से छठी ईसवी के बीच हुआ था। यह गुफाएं भारत की परंपरा और ऐतिहासिक कलाकृति को बहुत अच्छे से संजोए हुए हैं। इस आर्टिकल में हम अजंता की गुफाओं के बारे में पूरी जानकारी लेंगे, यहां हम अजंता की गुफाओं के इतिहास, वास्तुकला और यहां पर घूमने की जगह के बारे में विस्तार से देखेंगे।

अजंता के गुफाएं भारत के सबसे प्रचीन ऐतिहासक स्थलों में से एक है जो देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 1983 में विश्व ऑर्गेनाइजेशन यूनेस्को ने अजंता की गुफाओं को विश्व धरोहर का दर्जा देकर संरक्षित किया था, और तभी से यूनेस्को गुफाओं में पुनर्निर्माण और रखरखाव का कार्य कर रहा है। यहां पर यूनेस्को ने बहुत सारी मूर्तियों को सुरक्षित रखा है, इन गुफाओं में असंख्य खूबसूरत मूर्तियां और पेंटिंग्स हैं।

अजंता की गुफाएं केवल महाराष्ट्र में ही नहीं वल्कि पुरे भारत में सबसे अधिक देखे जाने जगहों में से एक है। वाघुर नदी के तट के पर स्तिथ यह गुफाएं मूर्तियां, पेंटिंग, मठ और नक्काशी प्राचीन भारत और भारत में बौद्ध धर्म के उदय को दर्शाती हैं। अजंता की गुफाओं को दो भागों में विभाजित किया जाता है। प्रथम भाग को चैत्य-गृह कहा जाता है, चैत्य गृह में पूजा पाठ की जाती थी और भगवान का ध्यान किया जाता था और दूसरे भाग को विहार-ग्रह कहा जाता है। बिहार गृह में भोजन करने और रहने के लिए मठ बनाए गए हैं।

बौद्ध धर्म के लिए इन गुफाओं का महत्व बहुत अधिक है, बुद्धिस्ट लोगों ने ही अपनी पूजा पाठ के लिए इन गुफाओं का निर्माण किया था, और बौद्ध धर्म को महत्व देने वाले बहुत से राजाओं ने इन गुफाओं का पुनर्निर्माण करवाया था और इन गुफाओं को संरक्षित किया था। कालांतर में इन गुफाओं में बहुत सारे बदलाव हुए हैं, आइए दोस्तों आर्टिकल को आगे बढ़ाते हैं और गुफाओं के बारे में ओर अधिक जानकारी ले लेते हैं।

और पढ़े: गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई के बारे में पूरी जानकारी

Table Contents

अजंता की गुफाओं का इतिहास – Ajanta Caves History in Hindi

Ajanta Caves in hindi

इन गुफाओं का निर्माण सातवाहन और बाद में वकाताका राजवंश ने मिलकर किया था, जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया इन गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी के बीच हुआ था, इतिहास काल में यह गुफाएं भगवान का ध्यान करने और भिक्षुओं के रहने के लिए इस्तेमाल की जाती थी।

यह गुफाएं को बहुत ही जटिल कारीगरी से बनाई गई है, एक ही पहाड़ी में तीस अलग-अलग प्रकार के छेद करना कोई आम बात नहीं है और उस समय में कोई आधुनिक मशीनें भी नहीं थी। यह गुफाएं बस छिनी और हथौड़े से बनाई गई है और शताब्दियों तक अलग-अलग पीढ़ी के लोगों ने निर्माण कार्य में सहयोग किया है। इसीलिए इन गुफाओं में अलग-अलग राजा महाराजाओं के समय की परंपरा और निर्माण पद्धति देखने को मिलती है।

भारत में लगभग 7वीं शताब्दी तक बौद्ध धर्म अपने पतन तक पहुंच चुका था, भारत में बौद्ध धर्म के पतन के पश्चात इन गुफाओं का त्याग कर दिया गया था। इसके बाद लगभग हजार बारह सौ साल तक यह गुफाएं विरान पड़ी रही थी, और 1819 में एक अंग्रेज इतिहासकार जॉन स्मिथ ने इन गुफाओं की खोज की थी। उस समय में इन गुफाओं पर बहुत अधिक पेड़ पौधे और जंगल बस चुके थे, लेकिन जॉन स्मिथ को यहां पर बहुत कुछ ऐतिहासिक मिलने की संभावना थी, इसलिए उन्होंने ऊपर से घास फूस और जंगल को साफ करवाया और गुफाओं की खोज की।

इसके पश्चात इन गुफाओं में बहुत सारे रिनोवेशन के कार्य किए गए और सरकार द्वारा गुफा को सुरक्षित रखने का कार्य शुरू हुआ। 1983 में यूनेस्को ने इन गुफाओं को विश्व धरोहर का दर्जा दिया, जिसके पश्चात इन गुफाओं की पूरे विश्व में बहुत ख्याति हुई। अब इन गुफाओं में घूमने के लिए भारत के साथ-साथ दूसरे देशों से भी लोग आते रहते हैं।

अजंता की गुफाओं की वास्तुकला – Architecture of Ajanta Caves in Hindi

अजंता की गुफाएं अलग-अलग वास्तुकलाओं का मिश्रण है। यहां पर आपको चैत्य-गृह में भारत की जबरदस्त पत्थर कटाई देखने को मिल जाती है। यहां पर एक बहुत शानदार मेहराब बनाया गया है। यहां की छत ऊपर से गुंबद के जैसी है और अंदर से बेहतरीन नक्काशी की गई है। अंदर विहार गृह में भिक्षुओं के बैठने के लिए शानदार जगह बनाई गई है। मेडिटेशन के लिए यहां अलग से जगह बनी हुई है जहां पर एकांत में बैठकर भिक्षु अपने प्रभु का ध्यान कर सकते थे। इसके अलावा यहां अलग-अलग भिक्षुओं के लिए छोटे-छोटे कमरे भी बनाए गए हैं।

यहां पर बौद्ध धर्म का स्तूप भी बनाया गया है, जिसकी कलाकारी भी बेहद जबरदस्त है। इसी के साथ-साथ पूरी गुफा में एक शानदार पैटर्न और डिजाइन है, जिसको देखकर आप अचंभित रह जाएंगे, इनको देखकर आप पुराने आदिकाल के जीवन को आसानी से समझ सकते हैं, और उस समय के भिक्षुओं के रहन सहन के बारे में और अधिक जानकारी ले सकते हैं। वास्तव में अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र में स्तिथ एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है जहाँ भारत के प्राचीन इतिहास और अद्भुत वास्तुकला की सही मिश्रण को देखा जा सकता है।

अजंता गुफा का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Ajanta Caves in Hindi

छोटे बच्चों के लिए गुफा में जाना बिल्कुल निशुल्क, अगर आप भारत के निवासी हैं तो आपके लिए ₹40 प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से एंट्री फीस लगेगी और अगर आप सार्क देशों से आते हैं तो एंट्री फीस बढ़कर 40 से ₹50 हो जाती है लेकिन लगभग यह भारत के लोगों के जितने भी होती है, और अगर आप सार्क देशों से नहीं है और अमेरिका कनाडा जैसे दूसरे देशों से हैं तो आपकी इंटरफेस लगभग ₹600 है।

अजंता की गुफाओं के खुलने का समय – Visiting Timing of Ajanta Caves in Hindi

अजंता की गुफाएं सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुली रहती है, लेकिन शाम 4:30 के बाद एंट्री नही हो सकती।

अजंता की गुफाओं के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य – Important Fact about Ajanta Caves in Hindi

  • यह गुफा लगभग हजार साल तक वीरान पड़ी रही थी, बाद में अंग्रेज इतिहासकार जॉन स्मिथ ने इन्हें खोजा था।
  • बाढ़ के कारण और जंगलों के कारण गुफा छिन्न-भिन्न हो गई थी इसलिए सरकार के सामने इसे संजो कर रखना बहुत बड़ा चैलेंज था।
  • यह गुफाएं भारत की पत्थर कटाई की एक जबरदस्त मिसाल है। यहां की पेंटिंग्स और गुफा की नक्काशी देखकर आप जरूर अचंभित रह जाएंगे।
  • अजंता की गुफाएं यूनेस्को द्वारा संरक्षित है जिसके कारण विश्व भर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं।
  • सातवीं शताब्दी तक बौद्ध धर्म भारत में प्रथम तक पहुंच चुका था, जिसके कारण भिक्षु इस गुफा को छोड़कर चले गए थे, और बहुतों ने धर्म परिवर्तन कर लिया था।

अजंता में बौद्ध गुफाएं – Ajanta ki Gufa me Buddhist Caves

अजंता की लगभग सभी गुफाएं बौद्ध गुफाएं ही हैं, यहां पर भिक्षु भगवान का ध्यान करते थे और निवास करते थे। इन गुफाओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है प्रथम श्रेणी में भिक्षु का ध्यान और एंट्रेंस गेट है और दूसरी श्रेणी में भिक्षुओं के रहने के लिए स्थान है।

अजंता में हिंदू गुफाएं – Ajanta ki Gufa me Hindu Caves

अजंता की गुफाओं में कोई भी गुफा हिंदू गुफा नहीं है लेकिन गुफा नंबर 19, 26 और 29 पर हिंदू धर्म का थोड़ा प्रभाव दिखाई देता है। इन गुफाओं की मूर्तियों में हिंदू देवी देवताओं की छाप है, लेकिन यह गुफाएं भी बौद्ध धर्म के लिए बनाई गई थी और बाद में हिंदू धर्म की छाप छोड़ी गई है।

ऐसा माना जाता है कि जब बौद्ध इन गुफाओं को छोड़कर चले गए थे, तो बहुत से हिंदू साधु इन गुफाओं में बसने लग गए थे, जिनके कारण हिंदुओं के प्रमाण भी इन गुफाओं में मिलते हैं। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि जब बौद्ध धर्म का भारत में पतन शुरू हो गया था, तो उस समय बहुत सारे बौद्ध भिक्षुओं ने हिंदू धर्म को अपना लिया था और हिंदू देवी देवताओं की पूजा करने लग गए थे।

अजंता में जैन गुफाएं – Ajanta ki me Gufa Jain Caves

दोस्तों वैसे तो यहां पर लगभग सभी गुफाएं बौद्ध धर्म की गुफाएं हैं लेकिन इनमें से गुफा नंबर 30 और गुफा नंबर 31 जैन गुफाएं हैं, इनका निर्माण छठी शताब्दी में वकाताका राजवंश द्वारा करवाया गया था, इस बात का प्रमाण यह है कि गुफा नंबर 30 में महावीर भगवान की सिंहासन पर बैठे हुए पेंटिंग है। गुफा नंबर 31 जोकि विहार गुफाओं की श्रेणी में आती है यहां पर बहुत से छोटे छोटे कमरे जैन लोगों के लिए हैं जिससे कि यह साबित होता है कि जेनी भी यहां पर रहा करते थे।

अजंता केव्स में घूमने के लिए महत्वपूर्ण गुफाएं – Tourist Attraction in Ajanta Caves in Hindi

वैसे तो अजंता की सभी गुफाएं बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आइए इनमें से कुछ मुख्य गुफाओं के बारे में देख लेते हैं।

गुफा संख्या 1, बौद्ध तीर्थ – Cave 1, Buddhist shrine

गुफा नंबर 1 अजंता की सबसे महत्वपूर्ण गुफा है, यहां पर बौद्ध धर्म के लिए विख्यात एक बहुत बड़ा स्तूप है, और भगवान की बहुत सारी मूर्तियां हैं और भगवान बौद्ध से जुड़ी कई पेंटिंग भी आपको यहां पर दिखाई देंगी।

गुफा संख्या 2, बौद्ध चित्र – Cave 2, Buddhist Paintings

गुफा संख्या दो में चारों तरफ सुंदर पेंटिंग है, जिसके कारण यह गुफा बहुत विख्यात है यहां की छतों पर शानदार पेंटिंग्स बनाई गई है जो कि टूरिस्ट को बहुत अधिक अट्रैक्ट करती है, यहां पर भगवान बुध के साथ साथ बहुत सारे भिक्षुओं की पेंटिंग भी है।

गुफा संख्या 4, गौतम बुद्ध की मूर्ति – Cave 4, Statue of Buddha

गुफा नंबर 4 भगवान गौतम बुद्ध की एक बड़ी मूर्ति के कारण विख्यात है और इसी के साथ-साथ यहां पर भगवान बुध से जुड़े बहुत सारे चित्र भी है।

गुफा संख्या 10, नक्काशी दार खम्बे – Cave 10, Carved Pillars

गुफा संख्या 10 अपने नक्काशीदार खम्बों और स्तूप के कारण विख्यात है यहां पर नक्काशी धार खंभे हैं जिन पर बहुत बेहतरीन डिजाइन उकेरे गए हैं।

अजंता के आस पास घूमने की जगह – Tourist Places Around Ajanta Caves in Hindi

अजंता की गुफाओं के अलावा औरंगाबाद में बहुत सी जगह है, जहां पर आप घूम कर मनोरंजन कर सकते हैं आइए उन जगहों के बारे में भी देख लेते हैं, यह जगह गुफा से लगभग 30 से 50 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है।

एलोरा की गुफाएं – Ellora Caves

एलोरा की गुफाएं भी अजंता की गुफाओं की तरह ही विश्व धरोहर है। यहां पर भी अजंता की गुफाओं की तरह बहुत सारी गुफाएं हैं, जो कि बेहतरीन निर्माण पद्धति से बनाई गई है। यहां पर बौद्ध हिंदू और जैन तीनों धर्मों की गुफाएं हैं, जिनमें कालांतर में भिक्षु रहा करते थे और भगवान का पूजा पाठ किया करते थे।

दौलताबाद का किला – Daulatabad Fort

दौलताबाद का किला अजंता की गुफाओं से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर जाकर आप शहर के इतिहास के बारे में और अधिक जान सकते हैं। इस किले की सबसे खास बात यह है कि यह किला लगभग 200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से आसपास की जगह का दृश्य बहुत ही शानदार दिखता है।

बीबी का मकबरा – Bibi Ka Maqbara

बीबी के मकबरे को मिनी ताजमहल का दर्जा भी दिया गया है। यह 17वीं शताब्दी से ही औरंगाबाद में स्थित है और मुगल राजा औरंगजेब की माताजी की याद में बनवाया गया था, साल भर में यहां पर हजारों टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं।

पंचक्की – Panchakki

यह पानी के द्वारा चलने वाली एक चक्की होती है जो कि औरंगाबाद में ही स्थित है, पानी के ऊपर एक गोल चक्र होता है जिससे कि पानी के बहाव के कारण चक्का गोल घूमता है, इससे आटा पीसने और अलग-अलग प्रकार के कार्य करवाए जाते थे।

भद्र मारुति मंदिर – Bhadra Maruti Temple

यह मंदिर अजंता की गुफाओं से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है, हिंदू धर्म के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, यह मंदिर बहुत ही बेहतरीन है और जबरदस्त नक्काशी की गई है।

सिद्धार्थ बाग़ और चिड़ियाघर – Siddharth Garden and Zoo

सिद्धार्थ बाग औरंगाबाद में घूमने की बेहतरीन जगहों में से एक है, अजंता की गुफाएं भी औरंगाबाद में ही स्थित है इसलिए आप सिद्धार्थ बाद बड़ी ही आसानी से जा सकते हैं, सिद्धार्थ बाग़ और चिड़ियाघर अजंता से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है, यहां पर आपको तरह तरह के पेड़ पौधे और जानवरों की अलग-अलग की सिम मिल जाएगी यहां पर आपको पक्षियों के बेहतरीन किसमें मिलेंगी जो कि इनमें से कई पूरे भारतवर्ष में कहीं नहीं मिलती।

अजंता की गुफाओं में घूमने जाने का सबसे सही समय – Best Time to Visit Ajanta Caves

अगर आप अजंता की गुफाएं देखना चाहते हैं तो आपको यहां पर सर्दियों के मौसम में ही आना चाहिए। यहां पर आने का सही समय नवंबर से फरवरी के बीच होता है। इस समय यहां का तापमान बिल्कुल सुहावना होता है और 10 डिग्री से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है। यह समय टूरिस्ट के लिए सबसे अच्छा रहता है इसलिए इस समय या यहां पर बहुत अधिक विजिटर आते हैं तो आपको तैयारी थोड़ी पहले से ही कर लेनी चाहिए।

अगर आप जून से सितंबर के मानसून सीजन में अजंता आना चाहते हैं तो आपको वर्षा के कारण परेशानी हो सकती है, लेकिन अगर आप यहां के हरे भरे पहाड़ और ग्रीनरी देखना चाहते हैं तो यह समय भी सही रहेगा।

लेकिन मार्च से मई के बीच में अजंता में घूमने के लिए नहीं आना चाहिए, क्योंकि इस समय यहां का तापमान 45 डिग्री तक बढ़ जाता है जोकि आपके लिए घूमना नामुमकिन बना देगा।

अजंता केव्स कैसे पहंचे – How to Reach Ajanta Caves in Hindi

वायु मार्ग: अजंता की गुफाओं के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट औरंगाबाद एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के बाकी बड़े शहरों से बहुत अच्छी कनेक्टिविटी रखता है। आप कहीं से भी फ्लाइट लेकर औरंगाबाद एयरपोर्ट पर आ सकते हैं और इसके पश्चात आप अजंता की गुफाओं पर टैक्सी या बस के माध्यम से जा सकते हैं।

रेल मार्ग: जलगांव का रेलवे स्टेशन अजंता की गुफाओं के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो यहां से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और देश के बाकी शहरों से बहुत अच्छी कनेक्टिविटी रखता है। अगर आप अजंता में घूमने के लिए आना चाहते हैं तो आपको जलगांव रेलवे स्टेशन पर आ जाना है और इसके बाद आप अजंता के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।

सड़क मार्ग: अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र के बाकी शहरों से बहुत अच्छी कनेक्टिविटी रखती है। आप सड़क के माध्यम से औरंगाबाद या जलगांव आ सकते हैं और इसके पश्चात आप बड़े ही आसानी से अजंता की गुफाओं में जा सकते हैं।

Conclusion:

दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल, इस आर्टिकल में हमने अजंता की गुफाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी ली है, यहां पर हमने अजंता की गुफाओं में मुख्य गुफाएं, इसका इतिहास और मुख्य तथ्यों के बारे में भी पूरी जानकारी ली है।

इसी के साथ-साथ हमने यहां के आसपास की अच्छी घूमने वाली जगह के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली है। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ साझा करना बिल्कुल भी ना भूले। मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ।


और पढ़े: 

1 thought on “अजंता की गुफाओं का इतिहास, वास्तुकला और घूमने की जानकारी – Ajanta Caves Information in Hindi”

Leave a Comment