Ajmer me Ghumne ki Jagah: राजस्थान के अजमेर शहर खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है और यह शहर अरावली पर्वतमाला से घेरा हुआ है। अजमेर दक्षिण पश्चिम से 130 किलोमीटर और पुष्पकर शहर से सिर्फ 14 किलोमीटर दूर स्थित है। अजमेर शहर को अलग नाम से अजय मेरु कहा जाता है। इसकी शानदार वास्तुकला और शिल्प सिर्फ राजस्थान में नहीं वल्कि पूरी विश्व में प्रसिद्ध है। अजमेर हिन्दुओं और मुसलमानों दोनों धर्म के लिए महत्वपूर्ण और खूबसूरत तिर्थ स्थल है। यह शहर मोईउदिनचिशती की दरगाह के लिए भी बोहत प्रसिद्ध है और कहा जाता है कि यह दरगाह में आप जो भी मनत मांगेंगे वो पूरे होते है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 135 की दूरी पर स्तिथ अजमेर विभिन्न पर्यटक आकर्षणों का घर है जो अपनी समृद्ध इतिहास और विविध संस्कृति को दर्शाता है। अरावली पहाड़ियों से घिरा यह हलचल भरा शहर अजय मेर से लिया गया है जिसका अर्थ है अजय पहाड़ी। अपनी जीवंत मूगल और धार्मिक आकर्षणों के लिए जाना जाने वाला राजस्थान का यह शहर साल भर दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। चाहे आप इतिहास के शौकीन हो या प्रकृति प्रेमी आपको अजमेर हर कदम पर आश्चर्यचकित कर देने वाला स्थान है।
आप सभी को मेरा नमस्कार है और मुझे उम्मीद है आप सभी स्वस्थ और अच्छे होंगे। अजमेर में तिर्थ और अपने मनत पूरे करने के लिए यह एक अद्भुत स्थान है। अपने ऐतिहासिक स्थलों, खूबसूरत झीलों और अन्य कई दर्शनीय स्थलों के साथ राजस्थान का यह शहर यानि अजमेर कई अनूठा आकर्षण प्रदान करता है। इसके प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए और तिर्थ करने के लिए हर साल लाखों संख्या में पर्यटकों आते हैं। अगर आप अजमेर के यात्रा में दिलचस्पी रखते हैं और अजमेर में घूमना चाहते हैं तो यह लेख आप के लिए ही है। मेरा आप से निवेदन है इस लेख को शरू से अंत तक जरूर पढ़े ताकि अजमेर जाने से पहले आपको पूरी जानकारी मिल सके।
Table Contents
अजमेर का इतिहास – Ajmer History in Hindi
- अजमेर का इतिहास वास्तव में महान और अद्भुत है जो हमें प्राचीन इतिहास की गहराई में ले जाती है।
- अजमेर मूल रूप से मध्य राजस्थान में स्तिथ एक ऐतिहासिक क्षेत्र है और यह 11 वीं और 12 वीं शताब्दी के दौरान चौहान साम्राज्य के एक महत्वपूर्ण हिस्सा था
- अजमेर की स्थापना 1100 ई. में अजयपाल चौहान के द्वारा किया गया था जिन्होंने शहर को अजयमेर नाम दिया था जिसका अर्थ अजय पहाड़ी है।
- अजमेर शहर 1193 तक चौहानों के एक महत्पूर्ण गढ़ बना रहा जब अंतिम हिन्दू शासक पृथ्वीराज चौहान को अफगान शासक मोहम्मद गौरी ने हराया था।
- पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद अजमेर को विभिन्न अक्रमणकारियों को सामना करना पड़ा।
- अंत में अजमेर मूगल साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।
- जब मूगल सम्राट अकबर ने बर्ष 1956 में अजमेर को एक प्रांत होने का दर्जा दिया और अजमेर को अपने मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया।
- प्राचीन काल से अजमेर मुसलमानों के साथ साथ हिन्दुओं के लिए भी एक प्रमुख तीर्थस्थल रहा है और यह एक विशिष्ट विशेषता है जो अजमेर शहर को उसका वास्तविक चरित्र प्रदान करती है।
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अजमेर में घूमने की जगह अजमेर शरीफ दरगाह – Ajmer me Ghumne ki Jagah Ajmer Sharif Dargah
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है जिसे गरीब नवाज़ के नाम से भी जाना जाता है, जहाँ न केवल मुस्लिम तीर्थयात्री वल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती एक महान सूफी संत थे और उन्हने अपना पुरे जीवन गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। यह पवित्र दरगाह अपनी अनूठी और उत्कृठ स्थापत्य शैली के लिए भी प्रसिद्ध है जिसका निर्माण शाहजहां ने करवाया था और अकबर ने इस दरगाह के लिए योगदान दिया था। इस दरगाह की प्रमुख आकर्षण तीन द्वार निजाम गेट, शाहजहां गेट और बुलंद दरवाज़ा है और इनमें बुलंद दरवज़ा अपनी प्राचीन स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है। इसी पवित्र स्थान पर अपनी मनोकामनाओं को पुरे करने के लिए प्रतिदिन हज़ारों के तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। यह स्थान अजमेर में घूमने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।
अजमेर के प्रमुख पर्यटन स्थल अढ़ाई दिन का झोंपड़ा – Ajmer Tourist Places in Hindi Adhai Din Ka Jhonpra
अढ़ाई दिन का झोंपड़ा एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक मस्जिद है जो लगभग खँडहर में बदल चूका है और अजमेर में घूमने के लिए एक प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। स्मारक की खूबसूरत और अनूठी वास्तुकला को देखने के लिए कई इतिहासकारों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। दरअसल सबसे पहले इस स्मारक को संस्कृत कॉलेज के लिए बनवाया गया था लेकिन सुल्तान गोरी द्वारा अजमेर पर कब्ज़ा करने के बाद इसे एक मस्जिद के रूप में बदल दिया गया। इस मजीद की स्थापत्य शैली इंडो इस्लाम शेलिओं का एक आदर्श मिश्रण है और ऐतिहासिक दृष्टि से अजमेर में काफी महत्वपूर्ण स्थान है।
अजमेर में घूमने की जगह आनासागर झील – Ajmer me Ghumne ki Jagah Anasagar Lake
आनासागर झील अजमेर शहर का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है जो अजमेर शहर के मध्य में स्तिथ है और शहर के केंद्र से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है। यह विशाल झील एक कृतिम झील है जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में अर्नोराज चौहान के द्वारा बनवाया गया था जो महान पृथ्वीराज चौहान के पूर्वज थे। बाद में मूगल शासकों के द्वारा झील को बढ़ाने के लिए ओर संशोधन किये। आज यह झील अजमेर में एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है और अजमेर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है। झील के पास दौलत बाग है जो सम्राट जहांगीर द्वारा स्थापित एक बगीचा है। अपनी प्राकृतिक आकर्षणों के अलावा इस झील में पर्यटक नौका विहार और वाटर स्कूटर की सवारी का आनंद भी ले सकते हैं।
अजमेर में घूमने की ऐतिहासिक जगह पृथ्वीराज स्मारक – Ajmer me Ghumne ki Atihasik Jagha Prithviraj Smarak
राजपूत वंश के राजा अजमेर के पृथ्वीराज चौहान के स्मृति में निर्मित पृथ्वीराज स्मारक अजमेर में एक ऐतिहासिक स्मारक है जिन्हें सबसे महान युद्ध नायकों में से एक के रूप में माना जाता है। अजमेर में तारागढ़ के सड़क मार्ग पर स्तिथ इस स्मारक में घोड़े पर सवार काले पत्थर में राजा की एक मूर्ति है और पृथ्वीराज चौहान के हात में धनुष बाण लिए दिखाया गया है। इस प्रतिमा के पास एक खूबसूरत बगीचा है जहाँ आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ कुछ समय का आनंद ले सकते हैं।
अजमेर टूरिस्ट प्लेस तारागढ़ फोर्ट – Ajmer Tourist Places in Hindi Taragarh Fort
राजस्थान के सबसे पुराने पहाड़ी किलों में से एक तारागढ़ किला एक विशाल सरंचना है जिसे 1934 में बनाया गया था। इस ईमारत का निर्माण अजमेर के संस्थापक अजयपाल चौहान ने करवाया था। आज यह राजपुताना वास्तुकला का एक भव्य सरंचना है जो लगभग सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मुगल शासन काल के दौरान तारागढ़ किले को एक महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र के रूप इस्तेमाल किया गया था, लेकिन बाद के बर्षों में अजमेर में ब्रिटिश शासन के दौरान इसे एक प्रमुख कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। अरावली की छोटी पर स्तिथ यह शाही स्थल पुरे शहर का सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करता है जो इसे अजमेर में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनता है।
अजमेर में लोकप्रिय जगह नारेली जैन मंदिर – Ajmer me Sabse Lokopriyo Jagah Nareli Jain Temple
अजमेर शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ नारेली जैन मंदिर खूबसूरत संगमरमर की ईमारत समकालीन वास्तुकला और पारंपरिक स्थापत्य शैली का एक आदर्श मिश्रण है। पूरा मंदिर संगमरमर से बना है और अपने आसपास के क्षेत्र में जटिल पत्थर के नक्काशी और अन्य मंदिरों को पदर्शित करता है। लेकिन यहाँ का प्रमुख आकर्षण गुरु आदिनाथ जी की विशाल प्रतिमा है। यह खूबसूरत नक्काशीदार मंदिर शांति की आभा प्रदान करता है और अजमेर में देखने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यह मंदिर दिगंबर जैनियों के तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थल है और अपनी मूर्तियों और विस्तृत डिजाइनों के लिए प्रसिद्ध है।
अजमेर में घूमने की जगह सोनी जी नसियां – Ajmer me Ghumne ki Jagah Soniji ki Nasiyan
अजमेर में सोनी जी नसियां एक जैन मंदिर है भगवान ऋषभ या भगवान आदिनाथ को समर्पित है और यह समृद्ध वास्तुकला को खूबसूरती से प्रदर्शित करता है। यह अकबर के किले के पास अजमेर के किन्द्र में स्तिथ है और इसे लाल मंदिर और अजमेर जैन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण मुख कक्ष है जिसे स्वर्ण नगरी या फिर सोने का शहर कहा जाता है जिनमें कई सोने की परत वाली लकड़ी की कलकुर्तियाँ हैं जो जैन धर्म में कई कलाकुरतियों को दर्शाती हैं। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बानी है इसीलिए इसे लाल मंदिर भी कहा जाता है। अजमेर के दर्शनीय स्थलों में सोनी जी नसियां एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और बड़ी तादाद में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
अजमेर पर्यटन स्थल अकबर का महल और संग्रहालय – Ajmer Tourism in Hindi Akbar’s Palace and Museum
अकबर का महल और संग्रहालय अजमेर में सबसे अधिक देखे जाने वाला जगहों में से एक है। अकबर का महल, अजमेर शहर के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक है और इस महल के निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई कला और कौशल के शानदार काम को दर्शाता है। अकबर के महल का निर्माण 1570 ई. में महान मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था। यह राजस्थान अजमेर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सम्राट जहांगीर और सर थॉमस रो के बीच ऐतिहासिक बैठक के लिए मंच के रूप में काम किया था। अपनी शानदार वास्तुकला के अलावा महल अपने संग्रहालय के लिए भी जाना जाता है जिसे अजमेर सरकारी संग्रहालय कहा जाता है। इस संग्रहालय में कई दिलचस्प वस्तुएं हैं जिनमें पुरातात्विक कलाकृतियां, सुन्दर मूर्तियां, हतियार और पेंटिंग अदि शामिल हैं।
अजमेर में घूमने की जगह फॉय सागर झील – Ajmer me Ghumne ki jagah Lake Foy Sagar
शहर के सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में से एक फॉय सागर झील है जिसका नाम ब्रिटिश इंजीनियर फॉय के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इसे 1892 में बनाया था। झील का निर्माण अजमेर में सूखे के दौरान पानी की कमी को दूर करने के लिए उद्देश्य से किया गया था। आज यह अजमेर में सबसे आदर्श पिकनिक स्थलों में से एक है और अजमेर में घूमने के लिए एक खूबसूरत जगह भी है। यह शानदार झील अपनी वास्तविक प्राकृतिक सुंदरता से पर्यटकों को अचंभित कर देती है और आसपास की अरावली पर्वतमाला का सुन्दर दृश्य भी प्रस्तुत करती है।
अजमेर में घूमने की जगह साई बाबा मंदिर – Ajmer me Ghumne ki Jagah Sai Baba Temple
अजमेर का साई बाबा मंदिर अपनी खूबसूरत स्थापत्य शैली के लिए जाना जाता है। यह आश्चर्यजनक पूरी तरह से संगमरमर से बना है जिसे 1999 में बनाया गया था। दो एकड़ के क्षेत्र में फैला यह मंदिर पुरे साल हजारों भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। मंदिर में पूजा हर गुरुवार और शनिवार को की जाती है जिससे जो सबसे व्यस्त और सबसे अधिक भीड़ वाले दिन बन जाती है। अजमेर में दर्शनीय स्थलों के साथ धार्मिक अनुभव के लिए अजमेर का साई बाबा मंदिर एक आदर्श स्थान बन जाता है।
अजमेर घूमने का सबसे सही समय – Best Time to Visit Ajmer in Hindi
हालाँकि अजमेर साल में किसी भी समय यात्रा किया जा सकता है, लेकिन अजमेर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है जो मानसून और सर्दी का मौसम होता है। इन महीनों के दौरान यहाँ का मौसम ज्यादा खुशनुमा लगता है, इसीलिए यह समय अजमेर में घूमने के लिए बिलकुल अनुकूल है। सर्दियों में तापमान लगभग 6 डिग्री सेल्सियस से 23 डिग्री सेल्सियस के बिच रहता है जो पर्यटकों को घूमने के लिए एक आदर्श समय बनता है। मानसून के दौरान अजमेर में मध्यम से भरी बारिस होती है और गर्मियों के मौसम के दौरान तापमान 45 डिग्री तक पहंच जाता है जो घूमने के लिए बिलकुल भी सही समय नहीं है।
अजमेर कैसे पहंचे – How to Reach Ajmer in Hindi
वायु मार्ग – By Air : अजमेर का नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर में सांगानेर हवाई अड्डा है जो अजमेर से लगभग 135 की दूरी पर स्तिथ है। यह हवाई अड्डा देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डा से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग – By Train : नकटतम रेलवे स्टेशन अजमेर रेलवे जंक्शन है। यह स्टेशन कोलकाता, दिल्ली, जयपुर, पुणे, लखनऊ और इलाहाबाद जैसे शहरों से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग – By Road : सड़क मार्ग से अजमेर पहंचने का सबसे अच्छा विकल्प है। अजमेर जयपुर से लगभग 132 किलोमीटर और दिल्ली से लगभग 388 किलोमीटर दूर है और अजमेर से दिल्ली साथ ही जयपुर के लिए बहुत सारी बसें उपलब्ध है। राज्य परिवहन की बसें उदयपुर, जोधपुर, बूंदी, भरतपुर, बीकानेर और जैसलमेर सहित कई महत्वपूर्ण स्थलों से जुड़ी हुई हैं।
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