अयोध्या राम मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी – Ayodhya Ram Mandir All Information in Hindi

Ayodhya Ram Mandir: नमस्कार दोस्तों, आज के आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। आज का आर्टिकल अयोध्या के राम मंदिर के ऊपर रहने वाला है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि राम मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा और राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए कब खोल दिए जाएंगे, जैसा कि आप जानते हैं एक लंबे संघर्ष के बाद बाबरी मस्जिद को तोड़कर राम मंदिर बनाने की अनुमति मिली थी। इसके बाद इस मंदिर को बनाने में गवर्नमेंट ने भी सहयोग करने की इच्छा जताई थी और एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था। ऐसे में हर कोई राम मंदिर के बारे में जानकारी लेना चाहता है।

सैकड़ों सालों से श्री राम जी का मंदिर अयोध्या नगरी में स्थित था, जिसको 15वीं शताब्दी में मुगल राजाओं ने तोड़कर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा दिया। कालांतर में इस जगह पर हिंदू मुसलमानों के बीच में कई लड़ाई झगड़े भी हुए और अंततः बाबरी मस्जिद को भी तोड़ दिया गया। जब यह मामला कोर्ट में गया तो एक लंबे अरसे के बाद फैसला हिंदुओं की तरफ आया और राम मंदिर बनाने के आदेश दिए गए।

माना जाता है कि जिस जगह पर राम मंदिर है उस जगह पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। स्वयं भगवान श्री हरि विष्णु ने राजा राम के रूप में जन्म दिया था। ऐसे में यह स्थान हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत अधिक पावन और पवित्र माना जाता है। हर कोई इस स्थान के बारे में गहन से गहन जानकारी लेना चाहता है और आगामी मंदिर के बारे में जानना चाहता है, लोग रामलला के दर्शन के लिए आतुर हो रहे हैं। आईये दोस्तों आर्टिकल को शुरू करते हैं और पूरी जानकारी देख लेते हैं।

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अयोध्या राम मंदिर इतिहास – Ayodhya Ram Mandir History 

वैसे तो राम मंदिर का इतिहास हजारो सालों से जुड़ा हुआ है, लेकिन इस आर्टिकल में मैं वर्तमान मंदिर और इससे पहले स्थित मंदिर के बारे में विस्तार से बताऊंगा। दरअसल भारत में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ मुगल काल में शुरू हुई थी। मुगलों ने हमारी संस्कृति को लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया था। संस्कृति को तबाह करने की इस होड़ में मंदिरों को नष्ट करना एक आम बात थी, 15 वीं शताब्दी में मुगलों द्वारा यहां पर राम मंदिर को नष्ट करके एक मस्जिद का निर्माण करवाया, जो कालांतर में बाबरी मस्जिद के नाम से प्रसिद्ध हुई, 19वीं शताब्दी में हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद पर हमला कर दिया और काफी अधिक लड़ाई दंगे हुए।

1528 को मुगल राजा बाबर के आदेश पर अमीर बाकी नामक व्यक्ति ने यहां पर मंदिर तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण करवाया। इनके द्वारा बनाई गई बाबरी मस्जिद के 3 घुम्बंद थे, जिसमें से बीच वाले मुख्य गुंबद के नीचे भगवान राम का जन्म स्थान बताया गया था, क्योंकि उस समय मुगलों का राज था, तथा हिंदुओं पर बहुत अधिक अत्याचार होते थे, इसलिए मुगलों ने किसी की एक ना सुनी और यहां पर मस्जिद में नमाज जोरों शोरों से चलने लगी।

1853 में इस जगह पर पहली बार इस बात को लेकर दंगे हुए, उस समय अंग्रेजी शासन था और अंग्रेजों को इस विषय में अधिक जानकारी नहीं थी। दंगे ना हो इसलिए अंग्रेजों ने विवादित जगह के आसपास बाडबंदी कर दी और बाड के अंदर मुस्लिम पक्ष को इबादत करने की इजाजत दी तथा बाड के बाहर हिंदू पक्ष को पूजा करने की छूट दी, काफी सालों तक ऐसा ही चलता रहा और 23 दिसंबर 1949 को वह दिन आया जब असली लड़ाई शुरू हुई।

23 दिसंबर 1949 को मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे रामलला की मूर्तियां पाई गई हिंदू पक्ष ने दावा किया कि यहां भगवान राम प्रकट हुए हैं, और मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि यह मूर्तियां किसी ने बाहर से लाकर यहां पर रख दी हैं, लेकिन इस लड़ाई के बाद में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का मामला तूल पकड़ गया, शहर के मजिस्ट्रेट ने दंगे ना हो इसलिए विवादित जगह पर पूजा अर्चना या किसी भी प्रकार की इबादत पर रोक लगा दी।

1950 में ही हिंदू पक्ष ने विवादित जगह पर मूर्तियां स्थापित करके पूजा अर्चना करने की छूट मांगी और कुछ समय पश्चात मुस्लिम पक्ष ने भी यहां से मूर्तियां हटवाने को लेकर अर्जि लगाई, 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने यहां पर राम मंदिर बनाने के लिए एक बड़ी कमेटी का गठन किया। यह बात मुस्लिम पक्ष को बिल्कुल भी रास ना आई।

1986 में फैजाबाद के जज ने हिंदू पक्ष की अर्जी स्वीकार की और विवादित ढांचे में पूजा अर्चना करने के लिए मूर्तियां स्थापित करने की छूट दे दी। इसके पश्चात 6 दिसंबर 1992 को  लगभग सभी हिंदू संगठनों ने मिलकर विवादित ढांचे पर हमला कर दिया और बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया, उस समय यह मामला बहुत अधिक बढ़ गया और पूरे देश भर में सांप्रदायिक दंगे हुए, इन दंगों में 2000 से अधिक लोगों की जानें गई।

साल 2002 में हिंदू संगठन के लोगों को लेकर जा रही ट्रेन को आग लगा दी गई। यह मामला गोधरा कांड के नाम से प्रचलित है, तथा इसमें 58 हिंदुओं की मौत हो गई, इसके बाद गुजरात में भारी दंगे हुए तथा 2000 से अधिक लोगों की हत्याएं हुई।

जब यह मामला 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया तो जज ने फैसला सुनाते हुए विवादित ढांचे को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दे दिया। यह फैसला किसी भी पक्ष को मंजूर न था, क्योंकि हर एक पक्ष पूरी जगह पर अपना अधिकार जता रहे थे। इसके बाद 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को कोर्ट से बाहर सेटलमेंट करने का आह्वान किया, लेकिन कोई भी पक्ष मानने को तैयार नहीं था।

क्योंकि यह मामला बहुत लंबा चल रहा था, इसलिए 8 मार्च 2019 को कोर्ट ने इस फैसले को अगले 8 सप्ताह में पूर्ण करने के आदेश दिए और स्पेशल बेच बिठाया गया, स्पेशल बेच के जजों ने इसके बाद 9 नवंबर 2019 को ऐतिहासिक फैसला आया तथा यह जमीन हिंदू पक्ष को सुपुर्द कर दी गई, इस फैसले में मुस्लिम पक्ष को अलग से 5 एकड़ जमीन देने के लिए कहा गया जो हिंदू पक्ष ने स्वीकार कर ली।

25 मार्च 2020 वह दिन था जब पहली बार रामलला को टेंट से बाहर निकालकर फाइबर के मंदिर में स्थापित किया गया, इसके पश्चात 5 अगस्त 2020 को मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम किया गया, भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले मुस्लिम पक्ष के ओवैसी नामक नेता द्वारा विवादित भाषण आया जिसमें कहा गया कि बाबरी अभी जिंदा है, तथा भविष्य में यहां पर बाबरी मस्जिद ही बनाई जाएगी।

इसके कुछ समय पश्चात ही नए मंदिर का मॉडल लॉन्च हो गया, तथा एक भव्य मंदिर स्थापना करने को लेकर सरकार ने भी सहयोग करने को कहा, 2020 में रखी गई नीवं को 3 साल पूरे हो चुके हैं, और मंदिर बनने में 3 साल का ही वक्त लगने वाला था, अभी मंदिर का लगभग 80% कार्य पूर्ण हो चुका है, और कमेटी का कहना है कि 2023 के अंत तक भक्तों के लिए यह मंदिर खुल जाएगा।

अयोध्या राम मंदिर की वास्तुकला – Ayodhya Ram Mandir Architecture 

Ayodhya ram mandir

पुराने मंदिर की वास्तुकला को लेकर अधिक प्रमाण नहीं है, लेकिन जब आप नए मंदिर में जाएंगे तो माना जाता है कि पास में एक म्यूजियम बनाया जा रहा है, जिसके अंदर पुराने मंदिर के अवशेषों को रखा जाएगा। इसके अलावा कुछ अवशेषों को नए मंदिर निर्माण में भी इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि पुराने मंदिर जैसा ही माहौल बनाया जा सके, हालांकि नया मंदिर काफी विशाल बनाया जा रहा है, जिसके बारे में यहां पर मैं आपको पूरी जानकारी दूंगा।

यह बहुत ही खूबसूरत और नक्काशीदार मंदिर है। इस मंदिर का लगभग 80% कार्य पूर्ण हो चुका है, 2023 के अंत तक मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा और इसके पश्चात भी साल 6 महीने तक मंदिर में और कार्य चलता रहेगा।

इस मंदिर की वास्तुकला आप ऊपर चित्र में देख सकते हैं, कि यह मंदिर कितना खूबसूरत बन रहा है। यह इस मंदिर की असली तस्वीर है जो हाल ही में ली गई है, अभी तो इस मंदिर पर और भी कार्य होना बाकी है, इस मंदिर को कई हिस्सों में बनाया जा रहा है, और भारत के खास वास्तुकारों द्वारा इसे डिजाइन किया गया है। पूरे मंदिर में जबरदस्त नागरा वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया है। यह मंदिर जमीन से लगभग 161 फुट ऊंचा होगा।

इस मंदिर में पूरे 360 खंभों का प्रयोग किया जाएगा, सभी खंभों पर बेहतरीन नक्काशी की गई है, और जबरदस्त डिजाइन उकेरे गए हैं, मंदिर में लगभग 5 गुंबद है। मुख्य गुंबद सबसे ऊंचा है, जिसके नीचे रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, और इसे गर्भ ग्रह के नाम से जाना जाएगा इसके अलावा मंदिर का प्रांगण भी काफी विशाल है।

इस मंदिर की नीवीं में जो इंट लगाई गई है उन सभी पर राम लिखा गया है। यह पूरा मंदिर लगभग 10 एकड़ भूमि में बना हुआ है, तथा मंदिर का चबूतरा काफी ऊंचाई पर है। 10 एकड़ में केवल मुख्य मंदिर बना हुआ है, तथा पूरे मंदिर की भूमि लगभग 57 एकड़ है।

मंदिर के बीच में गर्भ ग्रह है, गर्भ ग्रह के थोड़ा आगे कुंदू मंडप बनाया गया है। इसके आगे नृत्य मंडप तथा सब से बाहर की तरफ रंग मंडप नामक जगह है, मंदिर में अलग-अलग कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई है, तथा इस मंदिर में कुल 3 मंजिलें हैं जहां पर आप टहल सकते हैं।

मंदिर में सामने की तरफ मुख्य सीढियों की चौड़ाई लगभग 16 फुट है, जैसा कि हमने पीछे बताया इस मंदिर का 80% कार्य पूर्ण हो चुका है, तथा 2023 के अंत तक यह भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

राम मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting facts about Ram Mandir

  1. मंदिर से कुछ दूरी पर जमीन में टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा जिससे कि अगर सालों बाद मंदिर के बारे में कुछ जानकारी लेना हो तो ली जा सकती है।
  2. मंदिर को उन इंटों से बनाया जाएगा जिनके ऊपर श्री राम नाम अंकित है।
  3. मंदिर का निर्माण प्राचीन पद्धति से किया जाएगा इसलिए मंदिर में कहीं भी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
  4. सोमपुरा आर्किटेक्ट ने मंदिर का डिजाइन बनाया है सोमपुरा का यह परिवार हजारों सालों से मंदिर और भवन निर्माण में पारंगत है।
  5. कर्नाटक की अंजनी नामक पहाड़ी जहां पर भगवान हनुमान का जन्म स्थान बताया गया है वहां से पत्थर लाकर मंदिर निर्माण में सहयोग किया जाएगा।
  6. 2500 से अधिक स्थानों से मिट्टी एकत्रित करके मंदिर में लाई जाएगी।
  7. देश के अलग-अलग नदियों का पानी भी इस्तेमाल किया जाएगा तथा कुछ स्वच्छ कुंडों का पानी इस्तेमाल किया जाएगा।
  8. पूरे भारत से लोग मंदिर निर्माण में सहयोग करेंगे और पूरे भारत से सोने और चांदी की इंटें मंदिर निर्माण के लिए आई हैं।
  9. पूरे मंदिर को वास्तु शास्त्र को ध्यान रखते हुए बनाया गया है।
  10. भगवान राम के अलावा भी कई देवी-देवताओं की मूर्तियां मंदिर में स्थापित की जाएगी।

अयोध्या राम मंदिर में घूमने की जगह – Ayodhya Ram Mandir Me Ghumne ki Jagah

दोस्तों हमने राम मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी दे दी है, यहां पर हमने इतिहास तथा वर्तमान मंदिर की वास्तुकला के बारे में देख लिया है, आइए अब राम मंदिर के आसपास घूमने की जगह तथा राम मंदिर में घूमने की जगह के बारे में देख लेते हैं, इसके अलावा हम मंदिर में रुकने की जगह है, यहां के प्रसिद्ध भोजन तथा यहां पर जाने तथा घूमने का सबसे सही समय और जाने के रास्तों के बारे में भी डिटेल में जानकारी लेंगे।

कनक भवन 

यह भवन अयोध्या में ही स्थित है, यहां पर भगवान राम और सीता की मूर्तियां स्थापित की गई है, तथा यह स्थान अपना अलग ऐतिहासिक महत्व रखता है। अगर आप अयोध्या में जा रहे हैं तो आपको कनक भवन देखने के लिए जरूर जाना चाहिए। माना जाता है कि पुराने समय में यह भवन पुरा सोने का बना हुआ था। इस भवन को कालांतर में बहुत से मुगल राजाओं ने तथा आक्रमणकारियों ने लूटा है, आज भी कनक भवन की मान्यता इतनी ही बनी हुई है।

अश्वगंधा यज्ञ स्थली

भगवान राम ने खुद यहां पर अश्वगंधा यज्ञ किया था, इसलिए इस स्थल को अश्वगंधा यज्ञ स्थली के नाम से जाना जाता है। यह स्थान अयोध्या में ही स्थित है, और मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। अगर आप अयोध्या जा रहे हैं तो आपको अश्वगंधा यज्ञ स्थली जरूर जाना चाहिए। यहां पर भगवान राम का खूबसूरत मंदिर बनाया गया है तथा सभी देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।

सीता की रसोई

सीता की रसोई नामक स्थान काफी प्रचलित है, क्योंकि माता सीता को अन्न देवी के रूप में भी पूजा जाता है, जिसका अर्थ है वह मां जो सभी को भोजन प्रदान करती है, सीता की रसोई नामक स्थान रामलला के जन्म स्थली के बिल्कुल पास में ही स्थित है, तथा भविष्य में स्थान को और अधिक डिवेलप किया जाएगा, जब राम मंदिर में अधिक श्रद्धालुओं आने लगेंगे तो सीता की रसोई से ही प्रसाद बनाया जाएगा।

हनुमान गढ़ी

हनुमानगढ़ी नामक यह स्थान अयोध्या में ही एक ऊंची पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इस मंदिर तक जाने के लिए आपको पहाड़ी पर लगभग 76 सीढ़ियां चढ़नी होगी। माना जाता है कि यहां पर भगवान राम की बहुत छोटी मूर्ति स्थापित की गई है, जो बहुत अधिक धार्मिक मान्यता रखती है। इस मंदिर को इच्छा पूरी करने वाला मंदिर भी माना गया है। यहां पर जो भी भगत अपनी इच्छा लेकर जाते हैं, वह भगवान हनुमान द्वारा जरूर पूर्ण की जाती है। यहां पर भगवान हनुमान की मूर्ति उनकी माता जी के साथ में स्थापित की गई है।

तुलसी संग्राहलय

तुलसी संग्रहालय नामक जगह बहुत अधिक धार्मिक मान्यता रखती है। अगर आप सनातन धर्म तथा संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो आपको तुलसीदास जी के संग्रहालय में जरूर आना चाहिए। इस संग्रहालय में आपको बहुत से पुराने ग्रंथ मिल जाएंगे। यह एक लाइब्रेरी के तौर पर बनाई गई है, यहां पर तुलसीदास के जीवन के बारे में भी अधिक जानने को मिलेगा।

रामकथा पार्क

राम कथा पार्क बहुत खूबसूरत पार्क है, अगर आप प्राकृतिक सुंदरता पसंद करते हैं तो आपको राम कथा पार्क में जरूर आना चाहिए। यहां पर आप कई प्रकार की एक्टिविटी कर सकते हैं, तथा प्रकृति के करीब महसूस कर सकते हैं। इस पार्क में आपको बहुत ही खूबसूरत शांत माहौल मिलेगा, जिससे आपको काफी शांति की अनुभूति होगी। इस पार्क का ऐतिहासिक महत्व भी है, तथा अति प्राचीन कहानियां भी इस पार्क के साथ जुड़ी हुई है जो आप यहां पर आकर जान सकते हैं।

राजा मंदिर

राजा मंदिर सरयू नदी के तट पर बना बहुत ही खूबसूरत मंदिर है। यह एक ऐतिहासिक मंदिर है जो हिंदू वास्तुकला का खूबसूरत उदाहरण प्रदान करता है। इस मंदिर में बहुत से भगवानों की मूर्ति स्थापित की गई है। सरयू नदी के किनारे पर स्थित होने के कारण इस मंदिर की खूबसूरती और बढ़ जाती है। यहां का माहौल बहुत शांत है तथा वातावरण काफी शुद्ध प्रतीत होता है। मेडिटेशन के लिए यह स्थान उचित माना गया है आप नदी के किनारे पर टहल सकते हैं तथा आनंद की अनुभूति ले सकते हैं।

सरयू नदी

सरयू नदी की धार्मिक महत्वता सदियों से बनी हुई है। इस नदी को भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है। यह बहुत ही शुद्ध तथा पावन नदी है, आपको इस नदी के किनारे सुबह शाम जरूर टहलना चाहिए। आप चाहे तो नदी के पानी में कई प्रकार की वाटर एक्टिविटी भी कर सकते हैं। राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद इस नदी में कई प्रकार के डेवलपमेंट कार्य किए जाएंगे। इस नदी को स्वच्छ बनाने के लिए बहुत से काम करने अभी बाकी हैं।

राम मेला

भारत में करोड़ों लोग राम मंदिर दर्शन के लिए खुलने का इंतजार कर रहे हैं। मान्यता है कि 2023 के आखिर तक राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा, तथा दर्शन के लिए स्वर प्रथम खोला जाएगा, ऐसे में लाखों लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आएंगे, इतने लोगों के जमावड़े पर यहां मेले लगने आम बात है। इसलिए आप जब भी रामलला के मंदिर पर जाएंगे, तो आसपास आपको मेले जरूर दिखाई देंगे, तो आप इन मेलों में टहल सकते हैं।

राम मंदिर पार्क

जैसे ही राम मंदिर का कार्य पूर्ण होता है तो इसके पास की जमीन पर खूबसूरत उद्यान स्थापित किया जाएगा, जिसमें भगत जन टहल सके तथा सुबह-शाम मैडिटेशन कर सकें, यह पार्क बहुत ही खूबसूरत बनाया जाएगा, जैसे ही मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होता है, तथा भक्तों के लिए मंदिर खोला जाता है। उस वक्त पार्क का काम शुरू हो जाएगा, आप इस खूबसूरत पार्क में टहल पाएंगे।

अयोध्या राम मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit In Ayodhya Ram Mandir In Hindi

अगर आप अयोध्या में घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आप साल भर में किसी भी समय यहां पर जा सकते हैं, यहां पर गर्मी अधिक रहती है इसलिए आपको सर्दियों में ही जाना चाहिए, लेकिन अगर आप धार्मिक यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि जैसे ही मंदिर में दर्शन शुरू हो जाते हैं, तो आप त्योहारों के सीजन में यहां पर जाना प्रेफर कीजिए, क्योंकि त्योहारों के सीजन में यहां पर माहौल बहुत ही जबरदस्त बनेगा, यहां पर दिवाली जैसे त्यौहार बहुत ही अधिक धूमधाम से मनाए जाएंगे क्योंकि पिछले 600 सालों से मंदिर पहली बार भक्तों के लिए खुल रहा है।

अयोध्या राम मंदिर में रुकने की जगह – Where To Stay In Ayodhya Ram Mandir In Hindi

अयोध्या राम मंदिर के पास में लाखों लोगों के रुकने के लिए कई धर्मशालाएं तथा मंदिर कमेटी द्वारा बड़े स्थान बनाए जाएंगे, जहां पर आप रुक पाएंगे, इसके अलावा अयोध्या शहर की डेवलपमेंट कुछ अलग ही लेवल पर होगी, यहां पर आपको बहुत से खूबसूरत होटल मिलेंगे, अगर आप मंदिर के कपाट खुलने से पहले यहां पर जाना चाहते हैं, तो आज के समय में भी यहां पर आप 500 से 1000 रुपए में एक रात के लिए जबरदस्त होटल लेकर रह सकते हैं, लेकिन जब मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी उस समय लाखों लोगों के ठहरने के लिए स्थान बनाए जाएंगे।

अयोध्या राम मंदिर जाने और घूमने में कितने रुपए खर्च हो सकते हैं?

अयोध्या के राम मंदिर में जानने और घूमने में कितने रुपए खर्च होंगे यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। सबसे पहले तो अपने स्थान से अयोध्या के राम मंदिर तक जाने का खर्च देख लीजिए। इसके बाद रही रहने और खाने-पीने की बात तो आपको बता दूं कि मंदिर के निकट रहने के लिए उचित स्थान बनाए जाएंगे, जिनका पहले से खर्च बताना काफी मुश्किल है। अगर आप आज के समय में आसपास के होटल का किराया देखें, तो 500 से 1000 रुपए में आप एक रात के लिए होटल ले पाएंगे, फिलहाल मंदिर निर्माण कार्य के कारण कई रिस्ट्रिक्शन लगाई गई है, लेकिन यह सभी प्रतिबंध जल्द ही हटा दिए जाएंगे।

इस मंदिर में सभी लोगों के लिए इंट्री बिल्कुल फ्री होगी, तथा किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं होगा। यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप पूजा अर्चना में कितने रुपए खर्च करते हैं। मान्यता है कि जब मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे, उस समय प्रसाद के रूप में फ्री में भोजन दोनों समय करवाया जाएगा तथा मंदिर के पास में ही रहने की उचित व्यवस्था भी फ्री में की जाएगी।

अयोध्या का प्रसिद्ध भोजन – Famous Food of Ayodhya In Hindi

अगर मैं आपको अयोध्या के कुछ प्रसिद्ध भोजन के बारे में बताऊं, तो यहां पर छोले भटूरे, रुमाली रोटी, बैंगन का भर्ता, लिट्टी चोखा, समोसा तथा पराठे अत्यधिक प्रचलित है, यहां पर जाकर आपको यह सभी जरूर ट्राई करने चाहिए, अगर आप राम मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे, तो आपको पास के स्थानों पर यह सभी सुविधाएं मिल जाएंगी, इसके अलावा आपको मंदिर में प्रसाद भी जरूर ग्रहण करना चाहिए।

अयोध्या राम मंदिर कैसे जाएं? – How to reach Ayodhya Ram Mandir?

हवाई जहाज से अयोध्या राम मंदिर कैसे जाएं? – How To Reach Ayodhya Ram Mandir  By Flight In Hindi

लखनऊ एयरपोर्ट यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट रहेगा। इसके अलावा आप प्रयागराज तथा वाराणसी एयरपोर्ट से भी अयोध्या में आसानी से पहुंच सकते हैं। एयरपोर्ट पर आने के बाद मंदिर परिसर तक आने के लिए आप बस या टैक्सी की सहायता ले सकते हैं।

ट्रेन से अयोध्या राम मंदिर कैसे जाएं? – How To Reach Ayodhya Ram Mandir By Train In Hindi

राम घाट रेलवे स्टेशन मंदिर परिसर के सबसे करीब रेलवे स्टेशन रहेगा, जो मंदिर से केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा। यह रेलवे स्टेशन देश के बाकी स्थानों से बहुत जबरदस्त कनेक्टिविटी रखेगा, इस रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद आप देश भर से कहीं से भी आ पाएंगे।

सड़क मार्ग से अयोध्या राम मंदिर कैसे जाएं? – How To Reach Ayodhya Ram Mandir By Road In Hindi

आप नेशनल हाईवे नंबर 34 से आसानी से अयोध्या में आ सकते हैं। इसके बाद अयोध्या की लोकल सड़कों के माध्यम से रामलला के मंदिर तक पहुंच सकते हैं, इस मंदिर तक नई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जो काफी चौड़ी तथा खूबसूरत सड़के हैं, जिससे कि यात्रियों को यहां तक आने में अधिक परेशानी का सामना ना करना पड़े।

FAQs:- Ayodhya Ram Mandir In Hindi

Q. अयोध्या राम मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

A. अयोध्या का राम मंदिर राम जन्मभूमि होने के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। 

Q. अयोध्या राम मंदिर कहां पर स्थित है?

A. अयोध्या राम मंदिर अयोध्या में स्थित है, अयोध्या उत्तर प्रदेश का एक खूबसूरत तथा प्रसिद्ध शहर है, अयोध्या का पुराना नाम फैजाबाद था, जिसे योगी आदित्यनाथ ने बदलवा कर वापिस अयोध्या कर दिया, प्राचीन काल में इसे अवध के नाम से जाना जाता था।

Q. आयोध्या राम मंदिर कब खुलेगा 

A. माना जा रहा है की 2023 के अंत तक मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

Ayodhya Ram Mandir In Hindi

दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल। इस आर्टिकल में हमने निर्माणाधीन अयोध्या के प्रसिद्ध राम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देखी है। आशा करूंगा कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में हमने राम मंदिर के इतिहास और वास्तुकला से जुड़ी हर एक जानकारी डिटेल में देखी है। इसके अलावा यहां पर जाने और रहने की व्यवस्था के बारे में भी जाना है, तथा दर्शन के लिए मंदिर खुलने के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली है। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो आप इसे अपने करीबी साथियों के साथ जरूर साझा कीजिए। मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में, नई जानकारी के साथ। जय सियाराम।


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