एलीफैंटा गुफाओं का इतिहास और घूमने की जानकारी – Elephanta Caves Maharashtra Information in Hindi

Elephanta Caves in Hindi: मुंबई के हार्बर में एलीफैंटा द्वीप पर स्तिथ एलीफैंटा गुफाएं भारत के सबसे पुराने ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस गुफाओं को घारापुरीची लेनि के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है गुफाओं का शहर। 7 वीं शताब्दी के यह गुफाएं प्राचीन भारत के वास्तुकला का एक उल्लेखनीय उदहारण है और देश का सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से भी एक है। बर्ष 1987 में, एलीफेंटा गुफाओं को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया था। आज यह केवल देश में ही नहीं वल्कि पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण है। 

एलीफैंटा गुफाएं भारत के भारत के एक महत्पूर्ण ऐतिहासिक स्थल तो है ही, साथ ही यह एक धार्मिक स्थल के रूप में काफी लोकप्रिय है। यह गुफाएं भारतीय रॉक-कट वास्तुकला का एक शानदार नमूना है। एलिफेंटा गुफाएं कई अलग-अलग गुफाओं का मिश्रण हैं। यह गुफाएं मुख्य रूप से दो समूह में विभाजित हैं, पहला गुफा समूह हिन्दू धर्म से सम्बंधित है, जो 5 गुफाओं का एक मिश्रण है, जबकि दूसरी गुफा समूह बौध धर्म को समर्पित 2 गुफाओं का एक समूह है। 

हालाँकि गुफाओं में अधिकांश कलाकृतियां नष्ट हो चुके हैं, लेकिन इसकी कुछ हिस्सों आज भी इतिहास प्रेमियों और दर्शकों को बहुत आकर्षित करता है। एलीफैंटा की गुफाएं मूर्तियों और  नक्काशियों से भर पुर है, जो विभिन्न हिंदू देवी देवताओं के साथ साथ पौराणिक कथाओं के दृश्य को दर्शाती हैं और इनमें से सबसे प्रसिद्ध त्रिमुति हैं, जो भगवान शिव की उनके तीन रूपों को भव्य रूप से दर्शया गया है। यहाँ पर्यटक भारत के प्राचीन इतिहास को देखने के साथ पूजा करने के लिए भी आते हैं। 

Elephanta ki Gufa/ Elephanta Caves in Hindi
Elephanta ki Gufa
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एलीफैंटा गुफाओं का इतिहास – History of Elephanta Caves in Hindi 

Elephanta Caves in Hindi

एलीफैंटा गुफाओं का इतिहास आज भी रहस्य से डूबा हुआ है। आज तक यह ठोस प्रमाण नहीं मिला है की वास्तव में इन गुफाओं का निर्माण किसने और कब करवाया गया था, लेकिन इतिहासकार के अनुसार एलीफैंटा गुफाएं 5वीं शताब्दी और 8वीं शताब्दी के बीच बनाया जाने की अनुमान लगाया है। इतिहासकारों के अनुसार इन गुफाओं का निर्माण श्रेय कलचुरी वंश के राजाओं को जाता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है की चालुक्य या राष्ट्रकूट शासकों ने इस शानदार गुफाओं का निर्माण करवाया था। इसके बाद मौर्य, शाही और मराठों सहित कई अन्य शासकों ने भी यहाँ पर अपना शासन चलाया था।

जब 1500 के दशक में पर्तगाली यहाँ आए, तब उन्हनें यहाँ एक विशाल हाथी की प्रतिमा देखि और इसका नाम एलीफैंटा द्वीप रख दिया। पर्तगाली शासन काल के दौरान इन गुफाओं को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। समय के साथ साथ इन गुफाओं को विभिन्न आक्रमकारियों द्वारा क्षति और विनाश का सामना करना पड़ा। लेकिन 1909 में ब्रिटिश भारत के अधिकारियों ने गुफाओं को और नुकसान से बचाने के प्रयास शुरू किए। आज यह गुफाएं प्राचीन इतिहास को दर्शाते हुए भव्य रूप से खड़े हैं और हजारों पर्यटकों को अपनी शानदार वास्तुकला के माध्यम से लुभाते रहे हैं।  

एलीफैंटा गुफाओं का वास्तुकला – Architecture of Elephanta Caves in Hindi

Elephanta Caves in Hindi

एलीफैंटा गुफाएं भारत में रॉक-कट वास्तुकला के कुछ बेहतरीन उदाहरण हैं। यह एलीफैंटा द्वीप पर स्तिथ गुफाओं का दो समूह है, जिनमें से प्रत्येक में रॉक- कट शैली की वास्तुकला है। इन दो गुफा समूह में से एक में पांच गुफाएं हैं, जिनमें कई हिंदू देवी देवताओं के कई मूर्तियां हैं, जबकि अलग दो गुफाओं में बौद्ध धर्म से सम्बंधित हैं और इन गुफाओं में पानी की टंकियों और एक स्तूप के साथ छोटे समूह है। इन गुफाओं का निर्माण ठोस बेसाल्ट चट्टान से उकेरा गया है और 60,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में निर्माण किया गया है। सभी गुफा को रॉक कट मंदिर के रूप में उकेरा गया है, जिनमें एक विशाल हॉल, प्रांगण, दो पार्श्व कक्ष और छोटे मंदिर हैं।

एलीफैंटा गुफा में गुफा संख्या 1 (ग्रेट केव्स) – Elephanta Caves , Cave No. 1 The Great Caves 

एलीफैंटा गुफा में गुफा संख्या 1 जिसे एक भव्य गुफा या महान गुफा कहा जाता है। इस गुफा की आतंरिक भाग रक वर्गाकार है जिसकी बिच में एक मंडप है। यह गुफा तट के करीब स्तिथ है और यहाँ का सबसे प्रमुख गुफा मंदिर है। इस गुफा तक पर्यटकों को पहंचने के लिए 120 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। गुफा में कई प्रवेश द्वार होने के बावजूद मुख्य द्वार छोटा और संकरा है। मंदिर परिसर में भगवान शिव के विभिन्न रूपों की विशाल मूर्तियां हैं, जो विशेष रूप से दर्शनीय है। मुख्य हॉल के किनारे गर्भ गृह है और गर्भ गृह में लिंग का प्रदक्षिणा पथ है और एक मंडप है। गुफा की सभी दीवारों में भगवान शिव और कई अन्य देवी देवताओं के नक्काशियां हैं।

एलीफैंटा गुफा में गुफा संख्या 2-5 – Elephanta Caves  Cave No. 2-5 

गुफा संख्या 2 इस पुरे द्वीप की अधूरी गुफाओं में से एक है और पूरी तरह से नष्ट हो गया है। गुफा संख्या 2 से सटा हुआ गुफा संख्या 3 अब खंडहर स्थिति में है और इसमें खंभे, मंडप, बरामदा, कक्ष और एक मंदिर है। गुफा संख्या 4 भी अब पूरी तरह से खंडहर में बदल चूका है, लेकिन यहाँ एक शिव मंदिर के अवशेष को देखा जा सकता है। गुफा 5 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है और यहाँ कोई  कलात्मक अवशेष नहीं है और इसे गुफा 2 की तरह ही अधूरा माना जाता है।

एलीफैंटा गुफा में गुफा संख्या 6-7 – Elephanta Caves  Cave No. 6-7

गुफा संख्या 6 को सीताबाई गुफा मंदिर के नाम से जाना जाता है और यह गुफा तीन कक्षों वाला एक बड़ा हॉल, एक तीर्थस्थल और भिक्षुओं के लिए एक विश्राम स्थल है। पुर्तगाली शासन के दौरान गुफा संख्या 6 को परिवर्तित किया गया था और इसे ईसाई चर्च के रूप में इस्तेमाल किया गया था। गुफा संख्या 7 एक छोटी गुफा है, जिसमें एक सूखे तालाब और कुछ प्राचीन मूर्तियां हैं।

एलीफैंटा की गुफा कहाँ है – Elephanta ki Gufa Kahan Hai

एलीफैंटा की गुफाएं मुंबई से लगभग 11 किलोमीटर की दुरी पर एलीफैंटा द्वीप पर स्तिथ है, जिसे घारपुरी द्वीप के रूप में भी जाना जाता है। Elephanta ki Gufa मुंबई हार्बर में महाराष्ट्र में स्तिथ है। 

एलीफैंटा गुफा खुलने और बंद होने की समय – Elephanta Caves Timing in Hindi

एलीफैंटा गुफाएं (Elephanta ki Gufa) हर दिन सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुली रहती हैं, लेकिन सोमवार को बंद रहती है।

एलीफैंटा गुफा की प्रवेश शुल्क – Elephanta Caves Entry Fees in Hindi

एलीफैंटा गुफा में घूमने के लिए प्रति भारतीय व्यक्ति के लिए 40 भारतीय मुद्रा है, जबकि विदेशियों के लिए 600 भारतीय मुद्रा है।

एलीफैंटा गुफा के आसपास घूमने की जगह – Tourist Places Near Elephanta Caves in Hindi

यदि आप मुंबई में स्तिथ एलीफैंटा गुफाओं का दौरा कर रहे हैं, तो आसपास कई अन्य पर्यटक आकर्षण हैं जिन्हें आप जरूर  देखना पसंद करेंगे। यहाँ स्तिथ कई प्रसिद्ध आकर्षण है जिनमें गेटवे ऑफ़ इंडिया है, जो मुंबई शहर में स्तिथ एक प्रतिष्ठित स्मारक है। इसके अलावा आप जुहू बीच, सिद्धिविनायक मंदिर, मरीन ड्राइव और हाजी अली दरगाह जैसे कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के यात्रा कर सकते हैं।

एलीफैंटा केव्स घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Elephanta Caves in Hindi 

एलीफैंटा गुफाओं का यात्रा साल में किसी भी समय किया जा सकता है। लेकिन यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक का महीना अच्छा माना जाता, जो सर्दियों का मौसम होता है। मार्च से जून तक गर्मी का मौसम होता है, जो घूमने के लिए विल्कुल भी अनुकूल नहीं होता है। जुलाई से सितंबर मानसून का मौसम होता है और मुंबई में भारी बारिश का सम्भावना ज्यादा रहता है, इसलिए एलीफैंटा केव्स तक पहंच पाना काफी मुश्किल हो सकता है।

एलीफैंटा की गुफा कैसे पहंचे – How to Reach Elephanta Caves in Hindi 

एलिफेंटा की गुफाओं में पहंचने के लिए गेटवे ऑफ इंडिया जाना पड़ता है और नाव का टिकट खरीदना पड़ता है। समुद्र के रास्ते द्वीप तक पहुंचने में एक घंटे का समय लगता है। नाव में यात्रा के लिए यात्रियों को 150 रुपये देनी पड़ती है, जो दो तरफ की यात्रा के लिए शुल्क होता है। सुबह 9 बजे से गेटवे ऑफ इंडिया से पहली नाव शुरू  होती है और आखिरी नाव दोपहर 3 बजे शुरू होती है। एलिफेंटा गुफा से गेटवे ऑफ इंडिया की पहली वापसी नाव दोपहर 12 बजे शुरू होती है, जबकि आखिरी वापसी शाम 5:30 बजे शुरू होती है।

वायु मार्ग – By Air : अगर आप देश के किसी भी शहरों से एलीफैंट केव्स के लिए फ्लाइट की माध्यम से यात्रा कर रहे हैं, तो नजदीकी हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। 

रेल मार्ग – By Train : नकटतम रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन है, जो मुंबई शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है।

सड़क मार्ग – By Road : एलिफेंटा की गुफाओं देश के एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने कारण यहाँ तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहंचा जा सकता है।


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