कालाराम मंदिर नासिक – इतिहास, वास्तुकला, विशेषता और घूमने के स्थान – Kalaram Mandir Nashik information in Hindi

Kalaram Mandir Nashik: महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित कालाराम मंदिर एक प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर है जो भगवान राम को समर्पित है। यह नासिक में सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है।कालाराम मंदिर भगवान श्रीराम का नासिक में स्थित बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, हिंदू धर्म में इस मंदिर की बहुत मान्यता है। आध्यात्मिकता के साथ-साथ इस मंदिर की कलात्मक विशेषताएं भी है, जिनके बारे में हम आगे आर्टिकल में जिक्र करेंगे। इस मंदिर को किसने बनवाया कब बनवाया और यहां तक जाने का कितना खर्चा लग सकता है, जैसी पूरी जानकारी इस आर्टिकल में देखेंगे। तो आइए दोस्तों अधिक समय खराब ना करते हुए जल्दी से जल्दी आर्टिकल को शुरू करते हैं।

नमस्कार दोस्तों, आज के आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, इस आर्टिकल में हम कालाराम मंदिर नासिक के बारे में पूरी चर्चा करेंगे, यहां पर मैं आपको इस मंदिर के इतिहास और वास्तुकला के बारे में पूरी जानकारी दूंगा, इसी के साथ-साथ मंदिर से जुड़ी बहुत सी विशेषताओं का जिक्र भी इस आर्टिकल में करूंगा।

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कालाराम मंदिर नासिक का इतिहास – History of Kalaram Mandir Nashik

यह मंदिर 1790 में सरदार ओधेकर द्वारा बनवाया गया था। सरदार रंगाराव ओधेकर ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया था जो कि पेशवा बाजीराव के एक आर्मी जनरल थे। यह मंदिर काले पत्थरों के इस्तेमाल से बनाया गया है जोकि रामशेज नामक जगह से लाए गए हैं।

यह मंदिर अपनी विशेष वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर में बहुत से खूबसूरत खंभे हैं, जो कि देखने लायक हैं, कालांतर में इस मंदिर में बहुत से मरम्मत के कार्य किए गए हैं। 1930 का मरम्मत का कार्य सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़ा माना जाता है। मंदिर में यह महत्वपूर्ण मरम्मत कार्य 1930 के समय के इंदौर के राजा द्वारा किया गया था, जिनका नाम तुकोजीराव होलकर था। यहां पर मार्बल की एक मूर्ति स्थापित करना और सभा मंडप बनाना मुख्य कार्य किया गया था। 2015 में नासिक के मुंसिपल कारपोरेशन ने मंदिर के बाहरी दीवारों का पुनर्निर्माण करवाया था और मंदिर के प्रांगण और अंदर के फर्श को मार्बल का बनाया था।

कालाराम मंदिर नासिक वास्तुकला और विशेषता – Architecture and Speciality of Kalaram Mandir Nashik

कालाराम मंदिर की वास्तुकला

कालाराम मंदिर अपनी खूबसूरत वास्तुकला के कारण भी चर्चित है, इस मंदिर में आपको दक्षिणी और उत्तरी भारत की मिली जुली वास्तुकला देखने को मिलेगी, यह मंदिर पूरी तरह से काले पत्थरों से बनाया गया है, यहां पर स्थित श्री राम की मूर्ति भी काले पत्थरों से बनी हुई है, इसलिए इस मंदिर को काला राम मंदिर के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर को पेशवों ने बनाया है, इसलिए इसे पेशवा शैली से निर्मित मंदिर भी कहा जाता है।

यह मंदिर चकोर जगह में बना हुआ है, जब आप सामने के दरवाजे से मंदिर में दाखिल होते हैं तो आपको बड़े-बड़े खंभे दिखाई देंगे ऐसी मान्यता है, कि यह सभी केवल एक ही पत्थर से निर्मित है और एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, मंदिर का मुख्य गर्भ ग्रह या कहें तो मुख्य मंदिर इस चकोर जगह के बिल्कुल बीच में स्थित है।

मुख्य मंदिर के आसपास छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं, जो कि हिंदू देवी देवताओं के हैं, मुख्य मंदिर उत्तर भारत की कला से निर्मित है और यहां पर शिकारा शैली का इस्तेमाल भी किया गया है, इस शैली में दरवाजों और अलग-अलग कलाकृतियों में घुमावदार तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे इंग्लिश में curved भी कहा जाता है।

इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक अलग मंदिर भी है, यह मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है, इस मंदिर को पंचवटी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, यहां पर एक खूबसूरत गोपुरम है यह मंदिर भी बहुत ही खूबसूरत है और नक्काशी दार बनाया गया है।

इस पूरे ढांचे पर बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है और बहुत ही जटिल वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया है, जब आप इस मंदिर को देखेंगे तो आप पाएंगे कि नाशिक शहर का इतिहास कितना समृद्ध था। 

कालाराम मंदिर की विशेषता

मंदिर को बनाने में लगभग 23 लाख रुपए लगे थे। इस मंदिर को बहुत ही अद्भुत तरीके से बनाया गया है यहां पर 84 खंभे हैं जो यह दिखाता है कि इंसान को 84 लाख योनियों में से होकर मनुष्य योनी मिलती है। मंदिर परिसर में बिल्कुल सामने बीचोबीच श्री राम लक्ष्मण और सीता जी की मूर्ति है इन के ठीक सामने मुख्य मंदिर के आगे हनुमान जी का मंदिर है इस मंदिर को दास हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां पर हनुमान जी के हाथ में किसी भी प्रकार के कोई अस्त्र-शस्त्र नहीं है हनुमान जी हाथ जोड़े हुए हैं और जब आप हनुमान जी की मूर्ति के पास खड़े होकर मंदिर की तरफ देखेंगे तो आपको श्री राम साफ़ दिखाई देंगे, इससे यह प्रतीत होता है कि हनुमान जी श्री राम जी के सामने नतमस्तक हैं।

श्री हनुमान दास मंदिर में 40 खंभे हैं, जिससे हनुमान चालीसा का बोध होता है। मुख्य मंदिर में श्री राम जी का दर्शन करने के लिए आपको 14 सीढ़ियां को चढ़कर जाना होगा, क्योंकि हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि 14 भवन पार करने के बाद ही जीवात्मा भगवत धाम को प्राप्त कर सकती है।

इस मंदिर को कुछ इस तरह से बनाया गया है, कि मकर और तुला सक्रांति को सूर्य की पहली किरण सीधे श्री राम जी के ऊपर पड़ती है। इस मंदिर से जुड़ी एक और विशेषता यह है कि यहां पर श्री राम की मूर्ति धनुष और कमान के साथ नहीं है। यहां पर श्रीराम एक हाथ अपनी छाती पर रखे हुए हैं और दूसरा हाथ अपने पैरों की तरफ इशारा कर रहे हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि जो भी श्री राम जी के चरणों में जाता है भगवान खुद उसकी रक्षा करते हैं।

रामनवमी के दिनों पर यहां का कार्यक्रम बहुत प्रसिद्ध है यहां पर 9 दिनों तक उत्सव चलता है। भगवान श्रीराम को नहला कर नए कपड़े पहनाए जाते हैं, और पूरे नासिक में भगवान श्री राम को रथ के ऊपर घुमाया जाता है, पहले हनुमान जी को लेकर जाया जाता है, जैसे कि हनुमानजी ऐलान करते हैं, कि प्रभु श्रीराम आ रहे हैं उसके बाद प्रभु श्रीराम पूरे नासिक शहर में घुमाये जाते हैं और मूर्ति को दोबारा मंदिर में स्थापित किया जाता है।

कालाराम मंदिर में देखने लायक जगह – Best Seensight Places of Kalaram Mandir Nashik

दोस्तों अगर आप कालाराम मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो नीचे दिए गए स्थानों पर आपको जरूर घूमना चाहिए, यहां पर मैं आपको कुछ स्थान दे रहा हूं, यह मंदिर में देखने लायक सबसे प्रसिद्ध जगह हैं।

कालाराम मुख्य मंदिर

काला राम मुख्य मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और चर्चित है, यहां की नक्काशी और वास्तुकला बेहद खूबसूरत है, जब आप इस मंदिर को देखेंगे तो आप पाएंगे कि उत्तर भारत की वास्तुकला कितने उत्तम थी, यह मंदिर आज भी ज्यों का त्यों बेहतरीन तरीके से अपनी जगह बना हुआ है, कालांतर में इस ने बहुत से आंधी तूफान भी झेले हैं।

पंचवटी

आपको यहां की पंचवटी जरूर देखनी चाहिए, जब श्री राम और सीता जी वनवास पर थे, उस समय में पंचवटी में रहे थे हिंदू धर्म के लिए यह स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है।

सीता गुफा

ऐसी मान्यता है कि वनवास के समय में सीता जी इस गुफा में रहा करती थी, हिंदू धर्म में इस गुफा का बहुत अधिक महत्व है, जो भी कोई कालाराम मंदिर में दर्शन के लिए जाता है, वह सीता गुफा जरूर देखकर आता है आपको भी यहां पर जरूर जाना चाहिए।

कपालेश्वर मंदिर

कपालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है, यह मंदिर कलाराम मंदिर के बिल्कुल पास में ही स्थित है, और पौराणिक कहानियों के अनुसार यह दोनों मंदिर आपस में जुड़े हुए हैं, यहां पर जाकर आप इस मंदिर की बेहतरीन नक्काशी और वास्तुकला के साक्षी हो सकते हैं।

रामकुंड

यह रामकुंड इस मंदिर के पास में ही स्थित है, ऐसी मान्यता है कि वनवास के समय में श्री राम जी ने इस कुंड में स्नान किया था, हिंदू धर्म में इस कुंड की मान्यता बहुत अधिक है जो भी कलाराम मंदिर में दर्शन के लिए जाता है, वह रामकुंड जरूर देखता है।

मंदिर की विशेषता

आपको मंदिर के 84 खंभे यहां की 14 सीढ़ियां हनुमान मंदिर के 40 खंभे जरूर देखने चाहिए, यहां पर बहुत ही बेहतरीन नक्काशी की गई है, और इनसे जुड़ी बहुत सी कहानियां भी प्रचलित है, जब आप यहां पर जाएंगे तो आपको यहां के लोग बहुत से पुरानी कहानियां बताएंगे, इनमें से एक प्रमुख कहानी यह है कि मंदिर के निर्माण के समय सभी पत्थरों को उबलते हुए दूध में डालकर रखा गया था, कि वह उचित है या नहीं।

दास हनुमान मंदिर

आपको हनुमान मंदिर जरूर देखना चाहिए, यह श्री राम मंदिर के बिल्कुल सामने स्थित है, और यहां पर हनुमान जी की मूरत हाथ जोड़े हुए और विनम्र अवस्था में है ऐसा प्रतीत होता है कि श्री हनुमान श्री राम जी के सामने नतमस्तक हाथ जोड़े हुए खड़े हैं।

सिक्कों का संग्रहालय

मंदिर के बिल्कुल पास में एक सिक्कों का संग्रहालय भी है, जहां पर आप पुराने समय में इस्तेमाल होने वाले सिक्कों को देख सकते हैं, यहां पर मंदिर के निर्माण के समय के सिक्के भी आपको मिल जाएंगे।

मंडप

यहां का सभा मंडप बहुत ही महत्वपूर्ण है, यह मंदिर के बिल्कुल सामने स्थित है, और यहां पर बहुत से भगत जन बैठकर भगवान की पूजा पाठ करते हैं, यहां पर भगवत गीता और रामायण महाभारत जैसे महाकाव्य के श्लोक दिन में 12 घंटे चलते रहते हैं।

सोने का कलश

श्री रंगराव ओढेकर जिन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया, मंदिर का निर्माण होते होते उनके पास सारी संपत्ति धन जायदाद खत्म हो चुकी थी, अंत में मंदिर में कलश स्थापित करना बाकी रह गया था, हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार मंदिर के ऊपर एक कलश जरूर होना चाहिए, उस समय जब उनके पास कोई भी पैसा नहीं था तो उनकी पत्नी के मायके से एक हीरों का हार आया था जिसको बेचकर उन्होंने मंदिर में सोने का कलश स्थापित किया।

कालाराम मंदिर के आसपास घूमने की जगह – Best Tourist Attractions of Nashik

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आइए दोस्तों अब कालाराम मंदिर के आसपास घूमने के स्थानों को भी देख लेते हैं, अगर आप कालाराम मंदिर में घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको नासिक की दूसरे जगहों पर भी जरूर जाना चाहिए।

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त्रंबकेश्वर मंदिर

नासिक का त्रंबकेश्वर मंदिर कालाराम मंदिर से केवल 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर केवल नाशिक में ही नहीं वल्कि पुरे महाराष्ट्र में सबसे प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। मंदिर का महत्व इतना ज्यादा है की यहाँ हर दिन तीर्थयात्री और पर्यटकों का भीड़ लगा रहता है।  

पांडवलेनी गुफाएं

यह गुफाएं कालाराम मंदिर से केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह 2000 साल पुरानी गुफाएं बहुत ही प्रसिद्ध है और हजारों टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं। पांडवलेनी गुफाएं 24 रॉक-कट गुफाओं का एक समूह है जो दूसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व की हैं। यह गुफाएं मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित है और नाशिक में घूमने के लिए एक बहेतरीन आकर्षण है। 

सुला वाइनयार्ड्स

अगर आप पियक्कड़ किस्म के व्यक्ति हैं तो आपको मंदिर से 11 किलोमीटर की दूरी पर ही एक वाइन यार्ड मिल जाएगा। यह प्रसिद्ध स्थान नाशिक में घूमने के लिए एक आकर्षक जगहों में से एक माना जाता है। यह स्थान अपनी अंगूर की अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध और हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 

गंगापुर बांध

यह गंगापुर बांध मंदिर से केवल 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है, इस बांध से आसपास का वातावरण बहुत ही खूबसूरत नजर आता है पिकनिक मनाने के लिए यह स्थान बेहद सही रहेगा।

अंजनेरी हिल

अंजनेरी हिल यहां से 20 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है, यह बेहद खूबसूरत पहाड़ी है। ऐसी मान्यता है कि यह पहाड़ी श्री हनुमान जी की जन्म स्थली है, जिसके कारण यह हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह नासिक में घूमने के लिए एक सबसे शीर्ष स्थानों में एक है। 

सोमेश्वर जलप्रपात

दोस्तों यह झरना इस मंदिर से केवल 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और पिकनिक और ट्रेकिंग के लिए बेहद ही शानदार जगह है। यह नासिक में और कालाराम मंदिर के आसपास घूमने के लिए सबसे पसंदिता जगहों में से एक है। यह छोटा और सुंदर झरना पवित्र गोदावरी नदी के ऊपर बना है जिसकी ऊंचाई 10 मीटर है।  मानसून के दौरान यह जगह बहुत खूबसूरत हो जाती है क्योंकि यहां पानी का बहाव तेज होता है और चारों ओर बहुत अधिक हरियाली भी होती है। 

मुक्तिधाम मंदिर

मुक्तिधाम मंदिर कालाराम मंदिर से केवल 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह सफेद संगमरमर से बना हुआ बेहद खूबसूरत मंदिर है, यहां पर सालाना हजारों भगत आकर दर्शन करते हैं, यह मंदिर भगवान श्री शिव को समर्पित हैं।

नासिक की गुफाएं

नासिक की गुफाएं कालाराम मंदिर से केवल 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पर 24 बौद्ध गुफाएं हैं जो कि पहली शताब्दी में बनी हुई है, यह गुफाएं अपने बेहद खूबसूरत डिजाइन के लिए जाने जाती है।

विहिगांव जलप्रपात

विहिगांव झरना कलाराम मंदिर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह बेहद ही खूबसूरत झरना है और अपने आसपास की बेहतरीन हरियाली के लिए जाना जाता है, यह पिकनिक मनाने के लिए उचित जगह है।

आनंदवाद गांव

आनंदवाद कलाराम मंदिर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और बेहद खूबसूरत गांव हैं, अगर आप गांव के जनजीवन को देखने के शौकीन हैं तो आपको इस गांव में जरूर आना चाहिए, यहां पर आकर आप यहां के लोकल भजन को ट्राई कर सकते हैं और गांव के लोगों के रहन सहन के बारे में और जानकारी ले सकते हैं।

कालाराम मंदिर नासिक में जाने और घूमने का खर्चा – Cost of going and seensight of Kalaram Mandir Nashik

कालाराम मंदिर में जाने और घूमने का खर्चा आप पर निर्भर करता है, मंदिर में किसी भी प्रकार की कोई एंट्री फीस नहीं है, अगर यहां पर भोजन की बात करूँ तो कालाराम मंदिर के पास में ही आप बहुत से होटल पाएंगे, जहां पर आप अच्छा भोजन कर पाएंगे, यहां पर आप 300 से ₹500 में आसानी से भोजन कर सकते हैं, अगर आप आसपास के स्थानों पर घूमने के लिए जा सकते हैं तो कुछ खास जगहों पर एंट्री फीस 50 से ₹200 के बीच है, इसके अलावा ज्यादातर जगह घूमने के लिए खुली हुई है और फ्री है।

कालाराम मंदिर नासिक में रुकने के स्थान – Where to stay at Kalaram Mandir Nashik

आपको नासिक शहर में बहुत से होटल मिल जाएंगे, यह मंदिर सिटी सेंटर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है, आप चाहे तो आनंद बाद गांव में भी जाकर रह सकते हैं यह मंदिर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पर भी रहने के बहुत से स्थान मिलेंगे।

अगर आप नासिक में रुकना चाहते हैं तो यह आपके लिए ज्यादा उचित रहेगा, क्योंकि यहां से आप आसपास के स्थानों पर घूमने के लिए आसानी से जा सकते हैं, नासिक में आपको 500 से 1000 रुपए में एक रात के लिए होटल मिल जाएगा।

नासिक का प्रसिद्ध भोजन – Famous Food of Nashik in Hindi

नासिक अपने लजीज भोजन के लिए जाना जाता है। अगर यहां के कुछ बेहतरीन पकवानों की बात की जाए तो मिसल पाव, वडा पाव, कांदा पोहा, साबूदाना खिचड़ी, श्रीखंड, पिथला भाकरी जैसे कुछ प्रसिद्ध भोजन है। आप इन पकवानों को मंदिर के आसपास भी आसानी से ग्रहण कर सकते हैं, यह आपको छोटे से बड़े होटल और स्ट्रीट फूड के तौर पर भी पूरे नासिक में आसानी से मिल जाएंगे।

कालाराम मंदिर नासिक जाने का सबसे सही समय – Best Time to Visit Kalaram Mandir Nashik

कालाराम मंदिर में जाने का सबसे सही समय अक्टूबर से फरवरी के बीच का होता है। इस समय यहां पर सर्दियां होती है, इसलिए तापमान 12 से 28 डिग्री के बीच में ही रहता है। यह समय आउटडोर एक्टिविटी करने के लिए भी बेहतरीन है।

सर्दियों में ज्यादातर त्यौहार भी आते हैं, इसलिए आप यहां पर त्योहारों का आनंद भी ले सकते हैं। होली, विजयदशमी, रामनवमी जैसे त्यौहार यहां पर बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं और सर्दियों के महीनों में यहां पर टूरिस्ट सबसे अधिक आते हैं।

अगर आप यहां पर गर्मियों के महीनों में आना चाहते हैं तो यहां पर उमस बहुत अधिक होती है, और तापमान 40 डिग्री से पार चला जाता है, इसलिए आपको घूमना नामुमकिन हो जाएगा। अक्टूबर से पहले मानसून के महीने होते हैं, इस समय में भी आपको नासिक में नहीं आना चाहिए, क्योंकि यहां पर वर्षा बहुत अधिक होती है, जिसके कारण आपका घूमना नामुमकिन हो सकता है और आपको अपने ट्रैवल प्लान समय से पहले बदलने पड़ सकते हैं।

कालाराम मंदिर नासिक कैसे पहंचे – How to Reach Kalaram Mandir Nashik

हवाई मार्ग – By Flight: अगर आप हवाई जहाज से कालाराम मंदिर आना चाहते हैं तो यहां का सबसे निकटवर्ती एयरपोर्ट औजार एयरपोर्ट है जो कि 30 किलोमीटर दूर है, आप इस एयरपोर्ट के सहायता से यहां घूमने के लिए आ सकते हैं, लेकिन यह एयरपोर्ट बड़े शहरों से कनेक्ट नहीं है, इसलिए आपको पहले चेक करना चाहिए कि आपकी फ्लाइट यहां पर आती है या नहीं।

रेल मार्ग – By Train: अगर आप ट्रेन से नासिक आना चाहते हैं तो नासिक का अपना एक रेलवे स्टेशन है, जो कि देश के बड़े शहरों से बहुत अच्छे कनेक्टिविटी रखता है, नासिक के जंक्शन पर आने के बाद आप मंदिर तक जाने के लिए टैक्सी या बस की सहायता ले सकते हैं।

सड़क मार्ग – By Road: अगर आप सड़क मार्ग से नासिक आना चाहते हैं तो आप मुंबई पुणे और औरंगाबाद जैसे स्थानों से बड़ी आसानी से नासिका सकते हैं, मुंबई से इसकी दूरी 170 किलोमीटर और पुणे से लगभग 210 किलोमीटर है। यह दूरी आपको चार-पांच घंटे में नासिक पहुंचा देगी, नासिक में बहुत से लोकल और नेशनल हाईवे भी है, इसलिए आप सड़क मार्ग से आसानी से यहां पर आ सकते हैं।

Kalaram Mandir Nashik Information In Hindi

दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल (Kalaram Mandir Nashik Information In Hindi), इस आर्टिकल में हमने कालाराम मंदिर नासिक के बारे में पूरी जानकारी ग्रहण की है। यहां पर हमने कलाराम मंदिर के इतिहास वास्तुकला और विशेषता के बारे में पूरी जानकारी ली है। इसी के साथ-साथ यहां पर घूमने के स्थान, मुख्य दर्शनीय स्थल, रुकने की जगह और भोजन के बारे में भी पूरी जानकारी ली है।

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