खजुराहो में दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी – Khajuraho Temple History ,Tourist Places in Hindi

Khajuraho ka Mandir: मध्य प्रदेश के चतरपुर जिले में स्तिथ खजुराहो भारतीय वास्तुकला का एक खूबसूरत उदहारण है जो चंदेल राजवंश के शासन काल के दौरान बनवाया गया था यानि 950 से 1050 ईस्वी के बीच बनाए गए थे। प्राचीन इतिहास के साथ ये मंदिर भारत की कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत उदहारण है। खजुराहो मंदिरों में कई अद्भुत मध्ययुगीन हिन्दू मंदिर है। मंदिरों के मूर्तियां और वास्तुकला बिश्व प्रसिद्ध है और भारत में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है जहाँ हर साल लाखों के संख्या में सैलानी इन अद्भुत और खूबसूरत मंदिरों को देखने के लिए आते हैं।

खजुराहो मंदिरों को मंदिरों के पूर्व समूह, मंदिरों के पश्चिम समूह और मंदिरों के दक्षिण समूह में विभाजित किया गया है। मंदिरों के तीन मुख्य परिसर में हिन्दू धर्म के विभिन्न देवी देवताओं को समर्पित है, जबकि उनमें से कुछ जैन धर्म को भी समर्पित है। पश्चिम परिसर में मंदिर मुख्य रूप से हिन्दू देवताओं को समर्पित हैं जबकि पूर्व परिसर में मंदिर मुख्य रूप से जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं।

खजुराहो का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मंदिर कंदरिया महादेव मंदिर है जो मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर की ऊंचाई लगभग 31 मीटर है और इस मंदिर पर देवी देवतों के चित्रण बहुत प्रसिद्ध है। चौसठ योगिनी मंदिर खजुराहो का लोकप्रिय ग्रेनाइट मंदिर है जो हिन्दू धर्म के देवी काली को समर्पित है। मंदिरों में ध्यान, आध्यात्मिक शिक्षाओं और कामुक मूर्तियों के शानदार चित्रण हैं जिससे यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल बन गया है।

सभी को मेरा नमस्कार है, मुझे विल्कुल यकीन है आप सभी अच्छे होंगे। खजुराहो मध्य प्रदेश में एक प्रसिद्ध यूनेस्को विरासत स्थल है जो अपनी अद्भुत और उत्कृष्ट स्थापत्य मदिरों के लिए न केवल भारत में प्रसिद्ध है वल्कि पुरे बिश्व में जाना जाता है। यह भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है और साल भर दुनिया के विभिन्न हिस्सों है पर्यटकों को आकर्षित करता है। अलग अलग मंदिरों में कामुक नक्काशी इंडो आर्यन वास्तुकला के सबसे उत्कृष्ट नमूना है। इसलिए यदि आप इस शहर में पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो यह लेख आप के लिए है।

khajuraho ka mandir
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खजुराहो मंदिरों का इतिहास – Khajuraho Temple history in Hindi

खजुराहो भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के अलावा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जगह है जो  इतिहास प्रेमियों को अकसर लुभाता रहता है क्यों कि खजुराहो मंदिरों का इतिहास काफी रचोक और प्राचीन है। खजुराहो मंदिरों के शिलालेखों से यह पता चलता है की इन मंदिरों का निर्माण 950 से 1050 ईस्वी की अवधि के दौरान किया गया था और मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के शासकों के द्वारा किया गया था। यह माना जाता है की प्रत्येक चंदेल शाशक ने अपने जीवन काल में कम से कम एक मंदिर का निर्माण किया। इसका मतलब सभी खजुराहो मंदिरों का निर्माण किसी एक चंदेल वंश के शासकों के द्वारा नहीं किया गया है।

ऐसा माना जाता है की 20 वर्ग किलोमीटर की क्षेत्र में फैले मंदिर स्थल में 12 वीं शताब्दी के दौरान लगभग 85 मंदिर थे। बर्तमान में इनमें केवल 25 मंदिरों को देखा जा सकता है जो सिर्फ 6 वर्ग किलोमीटर की क्षेत्र में फैले हुए हैं। 13 वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के आक्रमण के बाद खजुराहो मंदिरों में भरी परिवर्तन हुआ सुल्तान कुतुब-उद-दीन ऐबक ने चंदेला साम्राज्य पर आक्रमण किया और कब्ज्जा कर लिया।

खजुराहो मंदिर 13वीं और 18वीं शताब्दी के बीच मुस्लिम शासकों के नियंत्रण में था। उस समय मुस्लिम शासकों के द्वारा अनेक मंदिरों को नष्ट कर दिया गया। उदहारण के लिए 1495 ई. में सिकंदर लोदी ने अपनी सैन्य शक्ति के बल पर खजुराहो के मंदिरों को नष्ट कर दिया। लेकिन बाद में हिन्दू और जैन धर्म के लोगों ने खजुराहो मंदिर की रक्षा किया। खजुराहों में लगभग 85 हिन्दू मंदिर शामिल थे जिनमें से अधिकांश आज खंडहर में तब्दील हो गया है और उनमें 25 मंदिर आज भी मजबूत है और हमें अतीत के गहराई में ले जाती है।

खजुराहो मंदिर का निर्माण किसने किया – Who Built Khajuraho Temple in Hindi 

खजुराहो मंदिर का निर्माण चंदेल साम्राज्य के शासन के समय 950 ईस्वी से 1050 ईस्वी के बीच हुआ था। दिलचस्प बात यह है प्रत्येक चंदेल शासकों ने अपने जीवन कल में कम से कम एक बार मंदिर निर्माण किया। तो इसका मतलब यह है की खजुराहो में सभी मंदिर एक चंदेल शासक द्वारा नहीं बनाए गए हैं। इनका निर्माण चंदेल वंश के विभिन्न चंदेल शासकों द्वारा किया गया है।

खजुराहो मंदिर कहाँ है – Khajuraho ka Mandir Kahan Hai

खजुराहो एक प्राचीन शहर है जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्तिथ अपनी शानदार मंदिरों और जटिल मूर्तियों के लिए जाना जाता है।

खजुराहो मंदिर का वास्तुकला – Architecture of Khajuraho Temple in Hindi 

खजुराहो के मंदिर नागर शैली और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इन मंदिरों को मध्ययुगीन कला के दौरान भारत की स्थापत्य कला का उत्कृठ नमूना माना जाता है। खजुराहो के मंदिरों को तीन भौगालिक विभाजनों में विभाजित किया गया है जिनको पूर्व, दक्षिण और पश्चिम समूह कहा जाता है। पश्चिम समूह है सबसे बड़ा मंदिर है जो कंदरिया महादेव मंदिर है और भगवान शिव को समर्पित है।

खजुराहो के अधिकतम मंदिर बलुआ पत्थर से बने हैं जिनमें गुलाबी, भूरे और हलके पिले रंग के अलग अलग रंग हैं। खजुराहो मंदिर मध्ययुगीन युग में महिलाओं की पारंपरिक जीवनशैली को पदर्शित करता है। मंदिर की दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र उकेरे गए हैं। सभी खजुराहो मंदिरों में से कंदरिया महादेव मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, विश्वनाथ और माता जगदम्बा के दर्शन करने के लिए पश्चिम मंदिरों का अधिकतर दौरा किया जाता है।

खजुराहो मंदिर के आतंरिक भाग में कई कमरें हैं जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें से प्रत्येक कमरे में प्रवेश द्वार, एक गर्भगृह और एक हॉल है। यह मंदिर भारतीय आर्यन शैली की वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण हैं। सभी मंदिरों पर अत्यधिक कलात्मक पत्थर का काम लगभग 1000 साल पहले देवी, देवताओं, कुम्हारों, किसानों, संगीतकारों, योद्धाओं, पौराणिक और वास्तविक जानवरों और महिलाओं आदि के जीवन का एक खूबसूरत कहानी दिखाता है।

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खजुराहो का मंदिर में कंदरिया महादेव मंदिर – Khajuraho ka Mandir me Kandariya Mahadev Mandir 

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कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो के पश्चिम समूह के मंदिरों के बड़ी और अद्भुत सरंचना है जो खजुराहो के सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर की ऊंचाई लगभग 30 मीटर है और इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजवंश के शासन काल के दौरान 1025 – 1050 के बिच किया गया था। यह मंदिर अपनी उत्कृठ वास्तुकला और दीवारों पर की गई पुरषों और महिलाओं की कामुक नक्काशी के लिए जाना जाता है। मंदिर के भीतर एक शिव लिंग है जो पर्यटकों को आध्यात्मिक गहराई में ले जाती है। कंदरिया महादेव मंदिर में महिलाओं के 800 से अधिक चित्रों है जिनमें से अधिकांश 3 फीट से अधिक ऊँचा है। कंदरिया महादेव मंदिर में प्रवेश शुल्क प्रति भारतीय के लिए 10 भारतीय मुद्रा है और प्रवेश समय सुबहे 6 बजे से साम 6 तक है।

खजुराहो का मंदिर में चित्रगुप्त मंदिर – Khajuraho ka Mandir men Chitragupta Temple

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चित्रगुप्त मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित एक खूबसूरत मंदिर है जिसे चंदेल शासकों के द्वारा 1023 ईस्वी बनवाया गया था। इस मंदिर में रथ चलाते हुए भगवान सूर्य की 5 फीट ऊँचा एक सुन्दर मूर्ति है जिसे सात घोड़ों द्वारा खिंचा जाता है। यह मंदिर खजुराहो में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है क्यूंकि यह खजुराहो में एकमात्रा सूर्य मंदिर है। मंदिर की बहरी दीवारों पर की गई देवताओं और कामुक जोड़ों की नक्कासी वास्तब में अद्भुत है।

खजुराहो में लक्ष्मण मंदिर  – Khajuraho ka Mandir me Lakshmana Temple

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खजुराहो मंदिरों के पश्चिमी समूह में स्तिथ लक्ष्मण मंदिर यकीनन सभी खजुराहो सरंचनाओं में से सबसे खूबसूरत और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर चंदेल शासकों के द्वारा बनाया गया था। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान बिष्नु को समर्पित है। इस भव्य मंदिर की प्रवेश द्वार में हिन्दू धर्म की पवित्र त्रिमूर्ति के विस्तृत प्रतिनिधित्व दर्शाया गया है जिनमें भगवान ब्रम्हा, भगवान बिष्नु और भगवान शिव है और इसकी गर्भगृह के रूप में वैकुंठ विष्णु का चित्रण है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है और  लाल बलुआ पत्थर से निर्मित खजुराहो के सुरक्षित मंदिरों में से एक है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर असाधारण रूप से देवी और देवताओं के 600 से अधिक छवियों के साथ खूबसूरती से पदर्शित किया गया है। मंदिर में प्रवेश समय सुबहे 8 बजे से साम 6 बजे तक है और मंदिर में प्रवेश शुल्क 10 भारतीय मुद्रा है।

चतुर्भुज मंदिर खजुराहो – Chaturbhuj Temple Khajuraho

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चतुर्भुज मंदिर भगवान बिष्णु को समर्पित खजुराहो में एक भव्य मंदिर है जो 12 वीं शताब्दी में चंदेल शासकों के द्वारा बनवाया गया था। यह खजुराहो में घूमने के लिए एक दिलचस्प आकर्षण है और खजुराहो में एक महत्वपूर्ण मंदिर भी है। मंदिर अपनी प्रभावशाली वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। चतुर्भुज शब्द का अर्थ है चार भुजाओं वाला। इस मंदिर में भगवान बिष्णु के चार हात वाले एक राजसी मूर्ति है जो बहुत आकर्षक है। यह खजुराहो में एकमात्र मंदिर है जिसकी देवरों पर कई कामुक नक्काशी नहीं है।

खजुराहो का मंदिर में विश्वनाथ मंदिर – Khajuraho ka Mandir me Vishvanatha Temple

विश्वनाथ मंदिर खजुराहो में सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत मंदिरों में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में ब्रह्मा की एक भव्य छवि भी स्थापित है और  शिवलिंगम के साथ नंदी बैल की एक विशाल मूर्ति भी स्थापित है। यह मंदिरों के खजुराहो समूह के पश्चिमी भाग में स्थित है। मंदिर के आंतरिक भाग में 101 छोटे लिंगों से घिरा एक शिवलिंग को देखा जा सकता है। मंदिर की वास्तुकला और प्राचीन सुंदरता वास्तव में अद्भुत है खजुराहो में घूमने और देखने के लिए एक बहेतरीन स्थान है। विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश समय सुबहे 7 बजे से साम 6 तक है और प्रवेश शुल्क प्रति भारतियों के लिए 10 मुद्रा है।

आदिनाथ मंदिर खजुराहो मध्य प्रदेश – Adinath Temple Khajuraho Madhya Pradesh in Hindi  

Adinath Temple

तीर्थंकर जैन भगवान को समर्पित आदिनाथ मंदिर न केवल खजुराहो में वल्कि पुरे मध्य प्रदेश में सबसे खूबसूरत और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह खजुराहो में एक पुराना मंदिर है जिसका निर्माण चंदेल शासकों के द्वारा किया गया था। यह मंदिर मंदिरों के पूर्व समूह का एक हिस्सा है और मंदिर की वास्तुकला वास्तव में अद्भुत है। मंदिर की बाहरी हिस्सों को हिन्दू देवी देवताओं से सजाया गया है। मंदिर में प्रवेश समय सुबहे 8 बजे से साम 6 बजे तक है और इसका कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है।

खजुराहो का मंदिर में नंदी मंदिर – Khajuraho ka Mandir me Nandi Temple

खजुराहो में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक नंदी मंदिर भगवान शिव के वाहन को समर्पित नंदी बैल का मंदिर है। हिन्दू मंदिर वास्तुकला के अनुसार यह स्मारक शिव मंदिर के ठीक सामने बनाया गया है और इसमें एक बैल की विशाल मूर्ति है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों का हिस्सा होने के कारण मंदिरों को नक्काशीदार जानवरों और मानव आकृतिओं से सजाया गया है। यह मंदिर पश्चिम समूह का एक हिस्सा है और बड़ी तादाद में पर्यटकों को आकर्षित करता है। 

जगदंबी मंदिर – Jagdambi Temple

जगदंबी मंदिर खजुराहो में एक आश्चर्यजनक मंदिर है जो देवी पारवती को समर्पित खजुराहो के देवी जगदंबी मंदिर में 25 मंदिरों का एक समूह है। कई लोगों का मानना है की मंदिर मूल रूप से भगवान बिष्णु को समर्पित था, लेकिन बाद में देवी पारवती को समर्पित कर दिया गया। मंदिर का निर्माण 1000 से 1025 ईस्वी के बिच किया गया था। जगदंबी मंदिर दक्षिण में कंदरिया मंदिर के सामने है, लेकिन ऊंचाई में छोटा है। यह खजुराहो में सबसे खूबसरती से सजाया गए मंदिरों में से एक है और इसकी वास्तुकला इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। मंदिर में प्रवेश समय सुबहे 7 बजे से साम 6 बजे तक है और मंदिर में प्रवेश करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।

चौसठ योगिनी मंदिर – Chausath Yogini Temple

Chausath Yogini Temple

खजुराहो में स्तिथ सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक चौसठ योगिनी मंदिर खजुराहो में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। लाल पत्थरों से बना यह मंदिर 5.4 मीटर ऊँचा है। यह चतुष्कोणीयों  मंदिर शुरू में छोटे छोटे गर्भगृहों के साथ बनाया गया था जिसमें 64 योगिनियों तथा अन्य देवियों की प्रतिमाएं स्थापित थी। वर्त्तमान में इस मंदिर में 35 गर्वगृह बने हुए हैं जिनमें किसी भी प्रकार की मूर्तियां नहीं है। मंदिर में प्रवेश समय सुबहे 7 बजे से रात 8 बजे तक का है और मंदिर में प्रवेश करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।

मतंगेश्वर मंदिर -Matangeshwar Temple

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खजुराहो में अन्य मंदिरों के विपरीत मतंगेश्वर मंदिर की अपनी विशेषता है। प्राचीन मतंगेश्वर मंदिर 9वीं शताब्दी में चंदेल राजवंश के राजा चंद्र देव द्वारा बनाया गया था। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अभी भी पूजा होती है। इस मंदिर में भारत के सबसे बड़े शिवलिंग है जो 9 फीट ऊँचा है और पिले चुना पत्थर से बना है। मंदिर को महामृत्यंजय मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह वास्तव में खजुराहो में घूमने के लिए एक अद्भुत और अच्छी जगहों में से एक है और मंदिर में प्रवेश समय सुबहे 6 बजे से साम 6 बजे तक है।

खजुराहो पर्यटन स्थल रनेह झरना – Khajuraho Tourism in Hindi Raneh Falls

रनेह झरना खजुराहो में घूमने के लिए ओर एक दिलचस्प आकर्षण है। खजुराहो से लगभग 20 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है और  भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। रानेह जलप्रपात का नाम राजा राणे प्रताप के नाम पर रखा गया है। यह केन नदी द्वारा निर्मित एक प्राकृतिक झरना है जिसे कर्णावती भी कहा जाता है। यह खूबसूरत झरना हर साल लाखों यात्रियों ओर प्रकृति प्रेमियों को अकसर आकर्षित करता है। यह झरना खूबसूरत हरियाली से घिरा हुआ है ओर मानसून के दौरान झरना काफी आकर्षक दिखाई देती है। खजुराहो के पास घूमने के लिए रनेह झरना एक बहेतरीन स्थान है। पर्यटक सुबहे 9 बजे से साम 5 बजे तक रनेह झरना घूमने सकते हैं ओर इसका प्रवेश शुल्क 15 भारतीय मुद्रा है।

खजुराहो के दर्शनीय स्थल अजयगढ़ किला – Khajuraho Tourist Places in Hindi Ajaigarh Fort

लगभग 206 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ अजयगढ़ किला मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक किला है जो खजुराहो से लगभग 65 किलोमटेर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान इतिहास प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है साथ ही पर्यटकों प्राचीन इतिहास में डूबने के लिए यह एक बहेतरीन जगह है। अजयगढ़ किला चंदेल वंश के महत्वपूर्ण वास्तुशिल्प को प्रदर्शित करता है। किला न केवल आश्चर्यजनक विंध्य श्रेणी में स्थित है बल्कि इसका एक दिलचस्प इतिहास भी है। किला उनके शासनकाल के अंतिम कुछ वर्षों में चंदेल राजवंश की राजधानी के रूप में कार्य करता था। आज यह मध्य प्रदेश में के प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है।

खजुराहो में घूमने की जगह कालिंजर किला – Khajuraho me Ghumne ki Jagah Kalinjar Fort

मध्य प्रदेश के कालिंजर में स्तिथ एक आकर्षक ऐतिहासिक किला कालिंजर किला चंदेल शासकों के द्वारा निर्मित 8 सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है जो विंध्य पर्वतमाला में एक सुनसान पहाड़ी के ऊपर 244 मीटर की दुरी पर स्तिथ है। यह किला देश के सबसे पुरानी किलों में से एक है और किले की दीवारों पर जानवरों और पक्षियों के साथ साथ भगवान शिव, भगवान विष्णु, देवी शक्ति, भगवान भैरव और भगवान गणेश की पत्थर की नक्काशी है। यह किला खजुराहो में घूमने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।

दुलादेव मंदिर – Duladeo Temple

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दुलादेव मंदिर खजुराहो मंदिर के दक्षिण समूह के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है जो खजुराहो के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है की यह मंदिर चंदेल शासकों द्वारा निर्मित अनतिम मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1100 से 1500 ई. के मध्य हुआ था। इस मंदिर के गर्भगृह में एक सहस्रमुखी शिवलिंग है, अर्थात इस शिवलिंग पर 100 और छोटे छोटे शिवलिंग अंकित किए गए हैं। शिवलिंग के अलावा, मंदिर में भगवान गणेश, देवी पार्वती और देवी गंगा जैसे अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां हैं।

बेनी सागर बांध – Beni Sagar Dam

खजुराहो शहर की बाहरी इलाके में स्तिथ बेनी सागर बांध खुदार नदी पर बनाया गया है और खजुराहो में सबसे अधिक देखे जाने वाले जगहों में से एक है। यह स्थान मनोरंजन गतिविधयां के लिए भी जाना जाता है। इस जगह की शांत वातावरण और प्राकृतिक नजारा यहाँ आने वाले सभी पर्यटकों आकर्षित करता है। लगभग 8 वर्ग किलोमीटर में फैला यह बांध प्रकृति प्रेमियों को लुभाता रहता है। खजुराहो में अपनी परिवार और दस्तों के साथ शांत और सुखद समय बिताने के लिए यह एक आदर्श जगह है।

खजुराहो का मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Khajuraho ka Mandir in Hindi

खजुराहो साल में किसी भी समय यात्रा किया जा सकता है। लेकिन खजुराहो घूमने का सबसे सही समय अक्टूबर से मार्च तक है जो सर्दियों का मौसम होता है। इन महीनों में यहाँ का मौसम सुखद रहता है जो घूमने की लिहाज बिलकुल सही है।

खजुराहो का मंदिर कैसे पहंचे – How to Reach Khajuraho ka Mandir in Hindi

वायु मार्ग – By Air : खजुराहो भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, भोपाल, वाराणसी, इलाहाबाद और कोलकाता शामिल है। यह हवाई अड्डा शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।

रेल मार्ग – By Rail : हालाँकि खजुराहो का अपना रेलवे स्टेशन है। लेकिन यहाँ बहुत कम ट्रैन रूकती हैं। प्रमुख रेलवे स्टेशन महोबा है जो खजुराहो से लगभग 63 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है।

सड़क मार्ग – By Road : खजुराहो के लिए हरपालपुर, झाँसी और महोबा अदि शहरों से सीधी बसें मिलती है। आगरा, भोपाल, ग्वालियर अदि शहरों से भी यहाँ के लिए नियमित बस और टेक्सी सेवाएं उपलब्ध है।


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