खाटू श्याम मंदिर वास्तुकला विशेषता और इतिहास – Khatu Shyam Ji Mandir Information in Hindi

khatu shyam ji mandir: खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के सीकर शहर में स्थित खाटू नामक गांव में है। यह मंदिर श्याम बाबा मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है और भव्यता के साथ साथ ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण केंद्र है, श्याम बाबा जी को श्री कृष्ण जी के रूप में पूजा जाता है, खाटू में श्री कृष्ण जी का बहुत भव्य मंदिर है और इस मंदिर की प्रसिद्धि पूरे भारत देश में है, यहां पर सालाना लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, इस आर्टिकल में हम प्रसिद्ध खाटू श्याम जी के मंदिर (khatu shyam ji mandir) के बारे में पूरी जानकारी देखेंगे, इस आर्टिकल में मैं आपको खाटू श्याम मंदिर के संपूर्ण इतिहास, मंदिर की विशेषता और बनावट की वास्तुकला के बारे में भी पूरी जानकारी दूंगा, अगर आप प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर को गहनता से जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर देखिए। आइए दोस्तों समय खराब ना करते हुए जल्दी से जल्दी आर्टिकल को शुरू कर लेते हैं, और प्रसिद्ध खाटू श्याम जी के मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देख लेते हैं।

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खाटू श्याम मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा – Mythology and History of Khatu Shyam Mandir

खाटूश्यामजी पांडु पुत्र भीम के पोते माने जाते हैं, यानी कि खाटू श्याम जी का इतिहास महाभारत काल से शुरू होता है। इनका असली नाम बर्बरीक था और इनके पिता का नाम घटोत्कच था। बर्बरीक अपने पिता घटोत्कच से भी महान योद्धा था। बर्बरीक देवी का बहुत बड़ा उपासक था और देवी की उपासना से उसे तीन मायावी बाण प्राप्त हुए थे। इसकी वजह से बर्बरीक दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बन गया था।

बर्बरीक के तीन मायावी बानो की शक्ति इतनी थी कि वह एक साथ सभी पांडवों और कौरवों को समाप्त कर सकते थे। जब महाभारत का युद्ध हो रहा था, तो बर्बरीक एक पीपल के वृक्ष के नीचे खड़े हो गए थे और उन्होंने यह ऐलान कर दिया कि वह उसकी तरफ से लड़ेगा जो हार रहा होगा। श्री कृष्ण ने बर्बरीक की परीक्षा लेनी चाही, इसलिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक के पास आकर कहा कि मुझे अपनी माया दिखाओ और जिस पेड़ के नीचे तुम खड़े हो एक ही तीर में पेड़ के सारे पत्ते भेद कर दिखाओ।

बर्बरीक ने अपना मायावी तीर छोड़ दिया मायावी तीर वृक्ष के सभी पत्तों को एक-एक करके भेदने लगा और एक पत्ता टूट कर नीचे गिर गया, जिस पर श्रीकृष्ण ने पैर रख लिया और ऐसा सोचा कि यह पता छूट गया है और बर्बरीक का तीर इसके पार नहीं हो पाएगा, लेकिन बर्बरीक का तीर श्री कृष्ण के पैरों के सामने आकर खड़ा हो गया। उसके उपरांत बर्बरीक ने श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु अपने पैर हटाइए, मैंने तीर को पत्ते भेदने को कहा है आप का पैर नहीं।

बरबरी की कितनी भयंकर मायावी शक्ति देखकर श्री कृष्ण भयभीत हो गए, क्योंकि बर्बरीक ने यह ऐलान कर रखा था कि जो भी हारेगा, बर्बरीक उसकी तरफ से लड़ाई लडेगा, यानी कि अगर कौरव हारने लगेंगे, तो बर्बरीक अपने एक ही तीर से सभी पांडवों को खत्म कर देगा और अगर पांडू हारने लगे तो बर्बरीक अपने एक ही तीर से सभी कोरवों का अंत कर सकता है और युद्ध का पासा पलट सकता है।

इस घटना के दूसरे ही दिन श्री कृष्णा एक साधु का भेष बनाकर बरबरी पर के पास पहुंचे और उनसे भिक्षा का आग्रह किया। बर्बरीक ने पूछा कि बताइए साधु जन आपको दान में क्या चाहिए, तो श्री कृष्ण ने कहा कि मैं मांग लूंगा लेकिन आप दे ना सकोगे। बर्बरीक ने कहा कि आप जो भी मांगोगे मैं देने को तैयार हूं, इस तरह से बर्बरीक श्री कृष्ण के जाल में फंस गया और श्री कृष्ण ने कहा कि मुझे तुम्हारा सिर चाहिए। बर्बरीक ने अपना सिर उतारकर श्री कृष्ण के चरणों में रख दिया, लेकिन बर्बरीक ने कहा कि वह युद्ध को आखिर तक देखना चाहता है, श्री कृष्ण ने बर्बरीक की इच्छा पूरी की और बर्बरीक के सिर को युद्ध स्थल पर एक ऊंची पहाड़ी के ऊपर रख दिया, जिससे कि बर्बरीक पूरा युद्ध देख सके।

बर्बरीक के इस महान दान को देखकर श्री कृष्ण का दिल पसीज गया और उन्होंने बर्बरीक को वरदान दे दिया की कलयुग में वह श्रीकृष्ण के नाम से ही पूजा जाएगा, श्री कृष्ण ने कहा कि मेरे श्याम रूप से तुम जाने जाओगे, और जो भी भगत जन तुम्हारी भक्ति करेगा, वह चारों तरफ से सुख ही सुख पायेगा, उसे धन और सुख की कोई कमी नहीं रह जाएगी।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि श्याम श्रीकृष्ण को कहा जाता है और खाटू वाले श्याम इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह खाटू नगरी है, जहां पर श्याम जी का भव्य मंदिर है, इसलिए इस मंदिर के श्याम जी को खाटू वाले श्याम कहा जाता है। असल में जब आप खाटू श्याम जी की पूजा करने जाते हैं, तो आप बर्बरीक भगवान की पूजा कर रहे होते हैं।

खाटू नगरी में जिस जगह पर यह भव्य मंदिर बनाया गया है, मान्यता है कि इसी स्थान पर बर्बरीक के कटे हुए सिर को रखा गया था। जब भी आप भगवान खाटू श्याम जी के मंदिर में जाते हैं तो आप देख सकते हैं कि वहां पर खाटू श्याम जी के हाथ पैर नहीं बनाए जाते हैं, केवल सिर बनाया जाता है और नीचे का शरीर पहाड़ी के आकार में बनाया जाता है और मालाएं पहना दी जाती हैं।

खाटू श्याम मंदिर की वास्तुकला – Architecture of Khatu Shyam Ji Mandir

खाटू श्याम जी के सुप्रसिद्ध मंदिर में आपको राजस्थानी और मुगल वास्तुकला का मिलाजुला संगम देखने को मिलेगा। यहां पर बहुत बेहतरीन कारीगरी की गई है और मंदिर का दृश्य बहुत भव्य और मनोहर प्रतीत होता है। आइए मंदिर की वास्तुकला को एक बार डिटेल में देख लेते हैं।

वास्तुकला – मुख्य मंदिर को सफेद मार्बल से बनाया गया है और बहुत ही खूबसूरत है। यहां पर कई अलग-अलग गुंबद बनाए गए हैं, और मंदिर के अंदर ही छोटे-छोटे कई मंदिर भी बनाए गए हैं, पूरे मंदिर की नक्काशी बेहद खूबसूरत है।

प्रवेश द्वार – मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही खूबसूरत और भव्य है। इस प्रवेश द्वार को दर्शन द्वार के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रवेश द्वार फोटोग्राफी के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसके आगे आपको फोटो खिंचवाने वाले लोगों की भीड़ देखने को मिलेगी।

मंदिर में स्थित मूर्तियां – मंदिर में स्थित मूर्तियां बहुत ही खूबसूरत और जबरदस्त नक्काशी से बनाई गई है। खाटू श्याम जी की मुख्य मूर्ति बहुत ही खूबसूरत है और पहाड़ जैसी आकृति पर खाटूश्यामजी को बैठाया गया है। श्याम जी के चारों तरफ मालाओं का ढेर है, जो खूबसूरती पर चार चांद लगा देता है। मंदिर में स्थित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी बहुत खूबसूरत है।

जालीदार डिजाइन – मंदिर में राजस्थानी स्टाइल में जाली और झरोखे बनाए गए हैं, जिनका दृश्य बेहद ही खूबसूरत है। यहां पर फूल के आकार में नकासिया बनाई गई हैं, और कई प्रकार की पेंटिंग और कढ़ाई की गई है। यह जाली मंदिर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ वेंटिलेशन का कार्य भी करती है।

खाटू श्याम मंदिर में देखने लायक जगह – Best Places in Khatu Shyam Ji Mandir

खाटू श्याम जी के मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं तो यहां पर बहुत सी चीजें हैं जिनको देखना आवश्यक है आइए मंदिर और मंदिर के आसपास स्थित कई आकर्षक चीजों को देख लेते हैं।

1. खाटू श्याम जी का मंदिर

यहां का मुख्य मंदिर बेहद ही खूबसूरत है। मंदिर में जबरदस्त नक्काशी की गई है और चारों तरफ दीवारों पर शानदार कढ़ाई बनाई गई है। जब आप मुख्य मंदिर में जाते हैं, तो आपको दर्शन करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना होगा। खाटू श्याम जी का यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है, इसलिए यहां पर बहुत अधिक भगतजन आते हैं। खाटू श्याम जी को हारे का सहारा भी कहा जाता है, इसलिए खाटू श्याम जी के इस मंदिर में आकर लोग अपने सभी दुख दर्द भूल जाते हैं।

2. श्याम बगीचा

मंदिर के पास में ही श्याम बगीचा नाम का एक मशहूर बगीचा है। यह आपको मेडिटेशन के लिए एक शांत माहौल देता है। यहाँ पर आप कुछ समय आराम कर सकते हैं। यहां के आसपास का माहौल बहुत ही शांतिप्रिया है और यहां आरती के समय मंदिर से भजनों की मंद मंद ध्वनि सुनाई देती रहती है। ऐसे माहौल में ध्यान करने से अनंत शांति का अनुभव होता है। अगर आप खाटू श्याम मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो आपको श्याम बगीचे में जरूर आना चाहिए। इस बगीचे में सांत माहौल के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता भी मनमोहक है।

3. शीश महल

मंदिर परिसर में शीश महल भी स्थित है, यहां पर कांच की जबरदस्त आर्ट वर्क बनाई गई है। दीवारों पर कांच से जबरदस्त कारीगरी की गई है, इसलिए इस जगह को शीश महल के नाम से जाना जाता है। शीशमहल नाम से यह एक जबरदस्त होटल है जो कि मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रुकने की जगह देता है। यह 5 मंजिला होटल है, जिसको जबरदस्त राजस्थानी वास्तुकला से तैयार किया गया है। यहां पर बेहतरीन नक्काशी की गई है, जिससे कि यह खाटू नगरी के प्रसिद्ध खाटू श्याम जी के मंदिर में रम जाए।

4. गौरी शंकर मंदिर

गौरी शंकर का यह प्रसिद्ध मंदिर भी खाटू श्याम जी के मुख्य मंदिर के पास में ही स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है जिसे एक बहुत ही ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाला मंदिर माना जाता है। खाटू श्याम जी में दर्शन करने के लिए आने वाले सभी श्रद्धालु गौरीशंकर के सुप्रसिद्ध मंदिर में दर्शन के लिए जरूर जाते हैं। धार्मिक महत्व के साथ साथ गौरी शंकर का यह मंदिर बहुत जबरदस्त राजस्थानी वास्तुकला से तैयार किया गया है। इस मंदिर की खूबसूरती भी सीकर के बाकी मंदिरों जितनी ही है।

5. सालासर बालाजी का मंदिर

सालासर बालाजी का मंदिर खाटू नगरी से केवल 27 किलोमीटर दूर सालासर में है। यहां पर भगवान हनुमान का बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु बालाजी के दर्शन के लिए आते रहते हैं। हनुमान जी का यह मंदिर शहर के बीचो बीच स्थित है। मंदिर की भव्यता देखने लायक है, जब आप इस मंदिर के अंदर दर्शन के लिए जाते हैं तो आपको दीवारों पर सोना चांदी जड़ा हुआ दिखाई देगा। यह हनुमान जी के भारतवर्ष में स्थित सभी मंदिरों में सबसे अग्रणी मंदिर माना जाता है।

6. जीण माता मंदिर

जीण माता का यह मंदिर भी धार्मिक महत्व के साथ-साथ बहुत खूबसूरत मंदिर है। यह मंदिर खाटू श्याम जी के प्रसिद्ध मंदिर से केवल 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है और एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है, इस पहाड़ी के ऊपर से आसपास का इलाका बेहद ही खूबसूरत प्रतीत होता है। अगर आप खाटू श्याम जी मंदिर में जा रहे हैं और आप आसपास के इलाकों में घूमना चाहते हैं तो आपको जीण माता के इस मंदिर में जरूर आना चाहिए। यहां पर मंदिर और आसपास का दृश्य बेहद ही खूबसूरत नजर आता है।

7. झुंझुनू का किला

अगर आप ऐतिहासिक इमारतों को देखने के शौकीन है तो आपको झुंझुनू के किले में जरूर आना चाहिए। यह प्रसिद्ध नगरी खाटू से केवल 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले को देखकर आप झुंझुनू के इतिहास और समृद्ध विरासत से भली भांति परिचित हो जाएंगे। इस भव्य किले को देखकर आप राजस्थान के महान इतिहास के बारे में और जान पाएंगे। झुंझुनू का किला बेहद ही खूबसूरत है, और जबरदस्त आकर्षण का केंद्र है। यहां पर सालाना हजारों टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं और इस किले को देख कर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। अगर आप खाटू नगरी जा रहे हैं तो आपको भी झुंझुनू जरूर जाना चाहिए।

8. सती रानी का मंदिर

अगर आप झुंझुनू जा रहे हैं तो झुंझुनू के किले के अलावा यहां पर रानी सती का बेहद खूबसूरत मंदिर भी स्थित है। यह मंदिर अपने खूबसूरत वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण प्रचलित है। रानी सती मारवाड़ की एक प्रसिद्ध देवी है, पूरा राजस्थान रानी सती की पूजा-अर्चना करता है और राजस्थान के अलावा भी हरियाणा यूपी और पंजाब से रानी सती के दर्शन के लिए लोग आते रहते हैं। रानी सती को कई जगहों पर सती दादी के नाम से भी जाना जाता है और राजस्थान में सती दादी के नाम से भी बहुत से प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।

9. हर्षनाथ मंदिर

हर्षनाथ नामक यह प्रसिद्ध मंदिर खाटू से केवल 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भी अपनी खूबसूरत वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रचलित है। हर्षनाथ जी के इस मंदिर में सालाना हजारों टूरिस्ट दर्शन के लिए आते हैं, श्रावण मास में यहां पर भक्तों की बहुत भीड़ लगती है, और आसपास के लोग हरिद्वार से कावड़ स्वरूप गंगाजल लाकर हर्षनाथ जी के इस पावन मंदिर के शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।

10. खंडेला किला

खंडेला का यह प्रसिद्ध किला खाटू से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खंडेला के इस प्रसिद्ध किले को देखकर आप राजस्थान के समृद्ध इतिहास और विरासत के बारे में जान सकते हैं। यह राजस्थानी वास्तुकला में बनाया गया प्रसिद्ध किला है। इस किले के ऊपर से आसपास का दृश्य बेहद खूबसूरत प्रतीत होता है। अगर आप खाटू नगरी में घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ खंडेला के इस प्रसिद्ध किले में भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर यात्रा प्लान – Tour Plan for Khatu Shyam Ji Mandir

अगर आप खाटू श्याम मंदिर और आसपास के इलाकों को देखना चाहते हैं तो यहां पर मैं आपके लिए 2 दिन का एक छोटा यात्रा प्लान दे रहा हूं। आप चाहे तो इस यात्रा प्लान की सहायता लेकर खाटू श्याम के मुख्य मंदिर और आसपास की जगहों पर घूम सकते हैं।

पहला दिन – पहले दिन सुबह आपको खाटू श्याम आ जाना है, और ठहरने की जगह के लिए व्यवस्था करनी है। आपको दिन की शुरुआत खाटू श्याम मंदिर में दर्शन करके करनी है। इसके बाद आप दोपहर को शीश महल में घूम सकते हैं और यहां पर परंपरागत राजस्थानी भोजन कर सकते हैं। इसके अलावा आप श्याम बगीचे में घूम सकते हैं और आसपास की लोकल मार्केट में राजस्थान की झलक देख सकते हैं। शाम को आप खाटू श्याम जी के मंदिर में आरती में पहुँचिये, यहां पर आरती के समय माहौल बहुत ही मनोरम होता है आपको आरती जरूर सुननी चाहिए।

दूसरा दिन – दूसरे दिन की शुरुआत में सुबह-सुबह आपको सालासर के लिए निकलना चाहिए। सालासर में बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर केवल 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर दर्शन के बाद आप गौरी शंकर मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह भी खाटू श्याम जी के मंदिर के पास में ही स्थित है, दोपहर को गौरी शंकर मंदिर के पास में स्थित रेस्टोरेंट में भोजन कीजिए और जीण माता मंदिर में दर्शन के लिए जाइए। यहां पर शाम के समय आप खाटू वापस आ सकते हैं और आसपास के खूबसूरत रेस्टोरेंट में लजीज भोजन का आनंद ले सकते हैं। अगर आप केवल खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो आप पहले दिन का यात्रा प्लान फॉलो कीजिए और दूसरे दिन आप अपनी मंजिल की तरफ निकल सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर में ठहरने की जगह – Where To Stay at Khatu Shyam Ji Mandir

खाटू श्याम मंदिर के आसपास ठहरने की बहुत सी जगह है। यहां पर बहुत सी धर्मशालाएं बनाई गई है, जहां पर श्रद्धालु रुक सकते हैं खाटू शहर में आपको बहुत से होटल भी मिल जाएंगे, जहां पर आप रुक सकते हैं। मंदिर के पास में शीश महल नाम का एक भव्य होटल भी है जहां पर आप अगर पहले से रूम बुक करवाएं तो आपको रहने के लिए कमरा मिल सकता है, वरना यहां पर बहुत भीड़ भाड़ होने के कारण ज्यादातर कमरे खाली नहीं होते हैं।

अगर आप खाटू में एक साधारण सा होटल लेते हैं, तो आपको रोज के 500 से 1000 रुपए का खर्च आएगा। इसके अलावा अगर आप एक महंगे होटल में रहेंगे तो आपका खर्च 4 से ₹5000 तक आ जाएगा। आप मंदिर के आस पास बहुत से होटल पाएंगे, जिनमें आप आसानी से सटे ले पाएंगे। अगर आप दर्शन के महीनों में आ रहे हैं तो आपको होटल पहले से बुक करवा लेना चाहिए, क्योंकि यहां पर श्रद्धालु बहुत अधिक आते हैं, जिसके कारण आपको कमरा मिलने में परेशानी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खाटू में होटल बुक करवाने के लिए आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सहायता ले सकते हैं। आप ओयो जैसी कंपनी से आसानी से होटल बुक करवा सकते हैं।

खाटू का मशहूर भोजन – Famous Food of Khatu

खाटू नगरी अपने प्रसिद्ध राजस्थानी भोजन के लिए जाने जाती है। जैसा कि आप जानते हैं राजस्थान में भारत के सबसे शाकाहारी राज्यों में से एक है। राजस्थान में सबसे अधिक शाकाहारी लोग रहते हैं, इसलिए आपको राजस्थानी भोजन में ज्यादातर शाकाहारी भोजन ही देखने को मिलेगा, क्योंकि खाटू नगरी धार्मिक नगरी है। इसलिए यहां पर भी आपको शाकाहारी भोजन देखने को मिलेगा। राजस्थान अपने लजीज और तीखे नमकीन भोजन के लिए जाना जाता है। यहां के कुछ मशहूर पकवानों के नाम बताऊं तो इनमें मिर्ची बड़ा, घेवर, राजस्थान की मशहूर थाली, बाजरे की रोटी, प्याज कचोरी, गट्टे की सब्जी और दाल बाटी चूरमा सबसे मशहूर है।

अगर आप राजस्थान के सभी पकवानों को एक साथ चखना चाहते हैं या कहे तो राजस्थान के सवाद को चखना चाहते हैं, तो आप राजस्थान के मशहूर थाली आर्डर कर सकते हैं। यह थाली आपको कई होटलों पर 400 से ₹500 में आसानी से मिल जाएगी। इस थाली में आपको राजस्थान की कई मशहूर सब्जी देखने को मिलेगी और कई प्रकार की रोटियां भी होगी, जिससे कि आप राजस्थान के सभी पकवानों का आनंद एक साथ ले पाएंगे। ऊपर मैंने आपको जिन जिन पकवानों का नाम बताया था, वह सभी पकवान आपको स्ट्रीट फूड से लेकर बड़े होटल तक आसानी से मिल जाएंगे।

खाटू श्याम मंदिर जाने और घूमने का कितना खर्च लगेगा – Cost of Visit Khatu Shyam Ji Mandir

खाटू श्याम मंदिर में जाने और दर्शन करने का कितना खर्च लगेगा, यह आप पर निर्भर करता है। सबसे पहले तो खाटू जाने का खर्च निकाल लीजिए, आप जिस भी जगह रहते हैं, वहां से देख लीजिए कि खाटू कितनी दूर पड़ता है, और जाने का कितना खर्च लगेगा, खाटू में दर्शन के लिए बहुत सी स्पेशल बस की सुविधाएं भी होती है। अगर आप आसपास के राज्यों से जैसे हरियाणा यूपी पंजाब से दर्शन के लिए आ रहे हैं तो 1500 से ₹2000 में बस आपको खाटू में दर्शन करवा कर वापस लेकर जाती है।

मंदिर में दर्शन के लिए अधिक पैसा नहीं लगेगा, आप 400 से ₹500 में खाटू मंदिर में दर्शन कर सकते हैं, इसके अलावा भोजन के लिए आप मंदिर में चल रहे भंडारे में आसानी से भोजन कर सकते हैं, इसलिए आपको अलग से भोजन का भी कोई खर्च नहीं देना होगा। अगर आप ज्यादा दिनों के लिए रुकते हैं और आसपास के इलाकों में घूमने जाना चाहते हैं तो वहां पर आपके रहने और खाने-पीने का खर्च अलग हो सकता है। आसपास के इलाकों में आपको 500 से 1000 रुपए में होटल मिल जाएगा और इतने ही रुपए में आप एक समय का भोजन बड़े ही आसानी से कर पाएंगे।

खाटू में रहने के लिए आपको धर्मशाला बड़ी ही आसानी से मिल जाएगी और अगर आपको धर्मशाला में कमरा नहीं मिलता है तो आपको मंदिर के आसपास ही 500 से 1000 रुपए में रहने के लिए एक अच्छा होटल मिल जाएगा। मंदिर के पास में बहुत से होटल है, जहां पर आप रुक सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर कैसे पहंचे – How to Reach Khatu Shyam Ji Mandir in Hindi

हवाई मार्ग –  By Flight:  अगर आप हवाई यात्रा से खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि जयपुर का इंटरनेशनल हवाई अड्डा यहां का सबसे करीबी हवाई अड्डा है जो कि खाटू नगरी से केवल 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टैक्सी या बस की सहायता से आसानी से खाटू में आ सकते हैं। खाटू में यह मंदिर शहर के बीचो बीच स्थित है, अगर आप बस लेकर आते हैं तो बस स्टैंड से आप रिक्शा में बैठकर खाटू श्याम जी के मंदिर तक आ सकते हैं।

रेल मार्ग – By Train: खाटू का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन रींगस रेलवे स्टेशन है जो कि खाटू से केवल 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन देश के बाकी स्थानों से खाटू नगरी को बहुत अच्छे से कनेक्ट करता है आप दिल्ली जयपुर गंगानगर मुंबई कोलकाता से ट्रेन से आसानी से खाटू नगरी में दर्शन के लिए आ सकते हैं, इस रेलवे स्टेशन पर आने के बाद आप बस की सहायता से खाटू नगरी आ सकते हैं, या आप चाहे तो ऑटोरिक्शा भी बुक कर सकते हैं, या ऑनलाइन टैक्सी भी बुक कर सकते हैं, यहां से खाटू नगरी केवल 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसलिए आप आसानी से आ सकते हैं।

सड़क मार्ग – By Road: अगर आप सड़क मार्ग से खाटू नगरी आना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि खाटू में बहुत से नेशनल हाईवे कनेक्ट होते हैं। अगर आप जयपुर की तरफ से आ रहे हैं तो जयपुर से खाटू केवल 80 किलोमीटर की दूरी पर है और आप एनएच 48 जोकि दिल्ली जयपुर हाईवे है, वहां से आ सकते हैं और फिर नेशनल हाईवे नंबर 52 से सीकर की तरफ आ जाइए। यहां पर सीकर से झुंझुनू वाली सड़क पर खाटू नगरी स्थित है। खाटू नगरी दिल्ली से 280 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Khatu Shyam Ji Mandir Information in Hindi, Conclusion:

तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल, आशा करता हूं कि आपको आर्टिकल पसंद आया होगा और दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी, इस आर्टिकल में हमने खाटू श्याम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी ली है। यहां पर मैंने आपको खाटू श्याम मंदिर के इतिहास वास्तुकला और विशेषता के बारे में पूरी जानकारी दी है। इसके अलावा मैंने आपको खाटू श्याम जी के दर्शन में लगने वाला खर्च घूमने के आसपास की जगह और खाटू श्याम मंदिर जाने के रास्तों के बारे में भी पूरी जानकारी दी है। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने करीबी साथियों और परिवारिक सदस्यों के साथ जरूर साझा करें, मिलते हैं आप से किसी नए आर्टिकल में नई और अच्छी जानकारी के साथ।

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