Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है। यह हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहारों में से एक है। मकर संक्रांति भारत के कई हिस्सों पर बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति सर्दियों के अंत के साथ साथ सूर्य के उत्तर दिशा की यात्रा के कारण लंबे दिनों के शुरुआत का प्रतिक है और इस अवधि को इस कारण उत्तरायण के रूप में भी जाना जाता है जिसे बहुत सुभ माना जाता है। मकर संक्रांति सांस्कृतिक महत्व भौगोलिक रूप से भिन्न होता है और इसे भारत के अलग अलग राज्य में अलग अलग नामों से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति तिथि लगभग हर साल एक सामान रहती है क्यों की यह सौर कैलेंडर के अनुसार निर्धारित की जाती है। इस दिन लोग सूर्य देव का आभार व्यक्त करते हैं। देश के अधिकांश हिस्सों में लोग गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी और गोदावरी अदि नदियों में पवित्र डुबकी लगाते हैं। ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा मकर संक्रांति को शांति और समृद्ध का समय भी माना जाता है और ऐसी दिन कई पूजा और सुभ काम भी किया जाता है।
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Makar Sankranti Mythological Stories – मकर संक्रांति की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव के राशि में प्रवेश करते हैं। शनि देव मकर राशि के दवता हैं। इसी कारण से इस दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति दिन ही गंगा जी भागीरथी के पीछे पीछे चल कर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा उनसे मिलीथी। यह भी कहा जाता है की गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था। उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुद्र में जाकर मिल गई थी। इसीलिए मकर संक्रांति पर गंगा सागर में मेला लगता है।
महाभारत के मोहन योद्धा भीष्म पितामह ने अपनी देह त्याग के लिए सूर्य के मकर राशि में जाने तक का इंतिजार किया था। मकर संक्राति के दिन ही भगवान बिष्नु ने अशुरों का अंत कर युद्ध समाप्ति की घोषणा की और सभी अशुरों के सिरों को मंदार पर्वत के निचे दबा दिया था। इस प्रकार यह दिन बुराई और नकारत्मकता अंत का दिन भी माना जाता है।
Significance of Makar Sankranti – मकर संक्रांति का महत्व
14 जनवरी 2022 का यह दिन बहुत ही सुभ है। मकर संक्रांति का त्योहार उस दिन मनाया जाता है जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं क्यों की इस साल सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में 14 जनवरी शुक्रवार को प्रवेश करेंगे। इस दिनको तमिलनाडु पोंगल के रूप में मनाया जाता है और पंजाब में इसे लोहड़ी और माघी के रूप में मनाया जाता है। हरियाणा और दिल्ली में इस त्योहार को सुकरती के नाम से जाना जाता है। साथ ही गुजरात में इस त्योहार को उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है।
When is Makar Sankranti Festival 2022 – मकर संक्रांति 2022
मकर संक्रांति साल 2022 में 14 जनवरी शुक्रवार को मनाया जाएगा।
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