मांगी तुंगी जैन तीर्थ इतिहास, वास्तुकला और घूमने की जगह जानकारी – Mangi Tungi information in Hindi

Mangi Tungi: मांगी तुंगी भारत के महाराष्ट्र राज्य में नाशिक जिले में सतना नामक शहर में स्थित है। यहाँ पर दो पर्वत श्रृंखलाओं को मांगी और तुंगी के नाम से जाना जाता है। मांगी और तुंगी जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां पर लगभग 99 करोड जैन संतों ने निर्वाण प्राप्ति की थी। इन दोनों पहाड़ियों को लेकर बहुत सी मान्यताएं हैं, जिनका हम आगे आर्टिकल में जिक्र करेंगे। 

तहराबाद के पास स्थित मांगी तुंगी प्रमुख जुड़वां शिखर वाला पठार नासिक से लगभग 125 किमी दूर है। समुद्र तल से 4,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, मांगी तुंगी एक अविश्वसनीय दृश्य प्रस्तुत करते हैं जोजैन गुफाओं और चट्टान पर उकेरी गई  प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। यह दो पहाड़ियां नासिक जिले में स्तिथ सबसे ऊँचे है और एक संकरी छोटी से जुडी हुई है। सबसे दिलचस्प और आश्चर्यजनक बात यह है की इन दोनों पहाड़ियों का आकृतियां बिलकुल अजीबोगरीब हैं जो उन्हें इतना अलग बनती है।

इन पहाड़ियों पर बहुत सी जैन गुफाएं और जैन मंदिर स्थित है, जिनके बारे में कई पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं। अगर आप मांगीतुंगी घूमने के लिए जाना चाहते हैं या तीर्थ यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही खास रहने वाला है। यहां पर हम मांगीतुंगी में स्थिति गुफाओं और मंदिरों की वास्तुकला और इतिहास के बारे में जानेंगे, साथ ही साथ यहां पर रुकने की जगह, यहां जाने के रास्ते और यहां के प्रसिद्ध भोजन के बारे में भी बात करेंगे। आइए दोस्तों अधिक समय खराब ना करते हुए आर्टिकल को जल्दी शुरू कर लेते हैं।

Mangi Tungi

और पढ़े: तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, वास्तुकला और जानकारी 

Table Contents

मांगी तुंगी जैन तीर्थ का इतिहास – Mangi Tungi History in Hindi

Mangi Tungi

जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार राम हनुमान के साथ अनेको देवताओं ने यहां पर आकर निर्वाण प्राप्त किया है। निर्वाण का अर्थ जन्म मृत्यु के जीवन चक्र से मुक्त होना है। जैन धर्म के मुख्य दस्तावेजों के निर्वाणकांड से यह पता चलता है कि गव्य, सुग्रीव, सुदील, गवाख्य, महानील, नील, और राम हनुमान के साथ-साथ लगभग 99 करोड देवताओं और साधुओं में यहां से मोक्ष प्राप्त किया है।

यह पूरे भारत से जैन धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यक्ष और यक्षिणी नामक दो सुंदर मूर्तियां भी पहाड़ के ऊपर पत्थर को खोदकर बनाई गई है। इसी के साथ साथ जैन धर्म में निर्वाण प्राप्त करने वाले मुख्य सधुवों की मूर्तियां भी गुफाओं के अंदर स्थित है। यहां पर मांगी और तुंगी नामक दो अलग-अलग पर्वत है, दोनों के ऊपर अलग-अलग गुफाएं हैं, और यहां पर बहुत सारी मूर्तियां स्थापित की गई है जो कि पत्थर में खोदी गई है यानी कि इन मूर्तियों को अलग से नहीं रखा गया है, बल्कि पत्थर को काटकर ही बनाया गया है।

अगर इन पहाड़ियों के नाम के इतिहास के बारे में बात करें तो ऐसी मान्यता है कि मांगी और तुंगी नामक दो भाई हुआ करते थे, जो कि एक अमीर व्यापारी के पुत्र थे, आगे चलकर उन्होंने जैन धर्म को अपना लिया और दोनों ने इन दो पहाड़ियों पर रहकर निर्वाण प्राप्ति की, उन्होंने अपने बाकी का जीवन इन्हीं पहाड़ियों पर रहकर बिताया और जैन संतों के तौर पर पहाड़ियों पर आने वाले लोगों की सेवा की, उस समय में यहां पर बहुत से जैन संत रहा करते थे और मांगी और तुंगी उनमें से प्रमुख थे।

यहां पर स्थित जैन गुफाओं का इतिहास बहुत पुराना है। यहां पर स्थित मूर्तियां और गुफाएं लगभग छठी शताब्दी में बनी हुई है, कालांतर में इस इलाके पर अलग-अलग राजवंशों का कब्जा था। यहां पर यादव, मराठा और राष्ट्रकूट जैसे राजवंशों ने शासन किया है, सभी ने इस तीर्थ स्थल को विकसित करने में ही सहयोग किया है। आज के समय में मांगीतुंगी जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और बहुत से जैन स्कोलर और धार्मिक लोग यात्रा के लिए यहां पर आते हैं।

मांगी तुंगी जैन तीर्थ की वास्तुकला – Architecture of Mangi Tungi in Hindi

इस स्थान पर दो अलग-अलग पहाड़ियां स्थित है। एक का नाम मांगी है और दूसरे का नाम तुंगी है। इन पहाड़ियों की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 4000 फीट है। यहां का सबसे खूबसूरत मॉन्यूमेंट जैन गुफा है, जोकि पहाड़ियों के पूर्वी हिस्से में स्थित है। इस गुफा में कई अलग-अलग मंदिर स्थित है और यह सब नागरा वास्तुकला में बनाए गए हैं। यहां पर स्थित मंदिर पत्थरों की सहायता से बने हुए हैं और बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गई है। ज्यादातर मूर्तियां पत्थर में खोदकर बनाई गई है। यहां पर स्थित मूर्तियां जैन भगवानों और संतों की है। इस गुफा की सबसे मुख्य मूर्ति जैन धर्म के महत्वपूर्ण भगवान आदिनाथ की है। इसके अलावा भगवान ऋशभ्केश और अन्य भगवानों की भी बहुत सी मूर्तियां यहां पर स्थित है।

इसके अलावा भी मांगीतुंगी पर्वतों पर बहुत से ऐसे मोनुमेंट्स है जो कि पत्थरों को काटकर बनाए गए हैं, और इन गुफाओं का इतिहास लगभग छठी शताब्दी से शुरू होता है। जब आप इन पहाड़ियों के पश्चिमी हिस्से में जाएंगे, तो यहां पर भी बहुत से मेडिटेशन के स्थान और कुछ मूर्तियां पाएंगे। यहां पर जैन साधुओं के बैठने के लिए बेंच, पानी, तालाब और छोटे-छोटे दरवाजे भी बनाए गए हैं। आपको यह देखकर आश्चर्य होगा कि यहां पर स्थित गुफाओं की ऊंचाई थोड़ी कम है।

जब आप इनके अंदर जाएंगे, तो आपको थोड़ा झुकना होगा। कुल मिलाकर मांगीतुंगी महाराष्ट्र के समृद्ध इतिहास और वास्तुकला को प्रदर्शित करता है और सदियों से यह स्थान इतिहासकारों और पर्यटकों के बिच बेहद लोकप्रिय रहा है। 

और पढ़े: नासिक के खूबसूरत पर्यटन स्थल

मांगी तुंगी जैन तीर्थ में घुमने की जगह – Mangi Tungi Tourist Places in Hindi

दोस्तों अगर आप मांगीतुंगी में तीर्थ यात्रा के लिए या घूमने के लिए जा रहे हैं तो नीचे दिए गए 10 स्थानों पर आपको जरूर जाना चाहिए। यह मांगीतुंगी में देखने लायक स्थान है।

1. मांगीतुंगी का जैन मंदिर

यहां पर मांगीतुंगी में जैन मंदिर परिसर है, जिसके अंदर बहुत सी जैन गुफाएं और जैन मंदिर है। यहां पर स्थित मंदिरों का इतिहास छठी शताब्दी से जुड़ा हुआ है। यहां पर सबसे महत्वपूर्ण मूर्ति आदिनाथ नामक भगवान की है जो कि जैन धर्म के सबसे पहले तीर्थंकार थे, जहां पर अष्टपद भी स्थित है जोकि जैन धर्म में आध्यात्मिक प्रगति के मार्ग को दिखाता है।

2. मांगी पहाड़ी

मांगी पहाड़ी बहुत ही खूबसूरत है, इसके ऊपर भी गुफाएं और जैन मंदिर स्थित है। इस पहाड़ी का इतिहास जैन धर्म के महत्वपूर्ण संत मांगी से जुड़ा हुआ है। यह पहाड़ी बहुत ही खूबसूरत है और इसके ऊपर से आसपास के दृश्य बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है, जहां पर बहुत से व्लोग्गेर और टूरिस्ट साल भर में तीर्थ यात्रा और घूमने के लिए जाते हैं।

3. तुंगी पहाड़ी

तुंगी पहाड़ी भी मांगी पहाड़ी की तरह ही तुंगी नाम के एक संत के नाम पर है। यह दोनों पहाड़ियां बिल्कुल साथ साथ में ही स्थित है। यहां से भी नीचे का दृश्य बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है क्योंकि मांगी और तुंगी पहाड़ियां नासिक की सबसे ऊंची चोटी है।

4. तुंगी का किला – Mangi Tungi Fort

यह किला महाराष्ट्र के सबसे ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है, तुंगी का किला तुंगी पहाड़ी के ऊपर स्थित है। यह किला सतवाह राजवंश द्वारा दूसरी शताब्दी में बनाया गया था। यह किला यहां के स्थानों को आक्रमणकारियों से बचाने के लिए बनाया गया था। इस किले की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 45 फीट है। यह ऊंचाई आसपास के इलाके पर निगरानी रखने के लिए बिल्कुल उचित है

5. श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र

यहां के इलाके को जैन सिद्ध क्षेत्र कहा जाता है जैन सिद्ध क्षेत्र में बहुत से जैनियों के मंदिर और गुफाएं हैं। यहाँ मुंगी तुंगी पर्वतों को छोड़कर तलहटी में स्थित मंदिरों और गुफाओं की बात हो रही है। आसपास के इलाके में बहुत से तीर्थ स्थल है यह पूरा इलाका ही जैन सिद्ध क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध है।

6. जैन गुफा

यहां पर स्थित जैन गुफा बहुत अधिक प्रसिद्ध है, जिसमें यहां पर निर्वाण प्राप्त कर चुके बहुत से सधुवों की मूर्तियां स्थापित ह।, खास बात यह है कि इन मूर्तियों को गुफा के समान ही पत्थरों को काटकर बनाया गया है। अंदर से गुफा की ऊंचाई लगभग 5 फीट है, जिसके अंदर झुक कर जाना होता है। पूरी गुफा में खूबसूरत नक्काशी की गई है जो कि बेहद शानदार प्रतीत होती है।

7. पहाड़ी के नीचे चार मंदिर

यहां पर पहाड़ी के नीचे चार मंदिर स्थित है और चारों मंदिरों का जैन धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है। जब भी मांगीतुंगी पहाड़ी के ऊपर यात्रा के लिए कोई यात्री जाता है तो सबसे पहले उसे इन 4 मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना करनी होती है। यह चार मंदिर जैन धर्म के प्रमुख चार देवताओं को समर्पित है।

8. परिक्रमा की जगह

यहां पर स्थित है तुम की पहाड़ी पर एक लंबी चोटी है, जिसके चारों तरफ परिक्रमा करने के लिए स्थल बनाया गया है, यह लंबी चोटी प्राकृतिक है, जैन धर्म में इस चोटी का महत्वपूर्ण स्थान है जब आप मांगीतुंगी पर्वतों की तरफ जाते हैं तो यह आपको दूर से ही दिख जाएगी।

9. 108 फीट ऋषभदेव प्रतिमा

यहां पर भगवान ऋषभदेव की 108 फुट ऊंची मूर्ति बनाई गई है, यह मूर्ति जैन धर्म के लोगों ने आपस में पैसे इकट्ठे करके बनाई है, यह मांगीतुंगी पर्वतों के बिल्कुल पास में ही स्थित है, और जैन धर्म में सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है, इस मूर्ति को बनने में 2 साल का समय लगा था, यह मूर्ति बहुत ही खूबसूरत है इसमें भगवान खड़ी अवस्था में हैं।

10. संतो के चरणों के निशान

मांगीतुंगी पहाड़ियों पर निर्वाण प्राप्त करने वाले और रहने वाले संतों के पैरों के निशान भी है, यह चरणों के निशान बहुत से मुख्य संतो और जैन दिगम्बरों के है, यह पैरों के निशान केवल चित्रों के रूप में बनाए गए हैं यानी कि यह पैरों के नेगेटिव कॉपी नहीं है जैसे कि पैर रखने पर निशान बनते हैं, यह निशान केवल पत्थरों पर उकेरे गए हैं।

मांगीतुंगी के आसपास घूमने की जगह – Best Places to Visit Near Mangi Tungi

दोस्तों मांगीतुंगी पर्वत के आसपास और भी बहुत सी जगह है, जहां पर आप घूम कर इंजॉय कर सकते हैं, इनमें से प्रमुख 10 जगहों के बारे में मैं आपको नीचे जानकारी दे रहा हूं।

1. भंडारदरा – Bhandardara

यह एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो कि मांगीतुंगी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है, यह अपनी खूबसूरत झील, हरे भरे वातावरण और झरनों के लिए जाना जाता है।

2. त्र्यंबकेश्वर – Trimbakeshwar

त्र्यंबकेश्वर का मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है त्र्यंबकेश्वर का मंदिर मांगीतुंगी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

3. शिरडी – Shirdi

शिरडी साईं बाबा का प्रसिद्ध स्थल है, और यह मांगीतुंगी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यहां पर साईं बाबा के बहुत से भगत आते रहते हैं और यह भारत के अमीर मंदिरों में से एक भी है।

4. सापुतारा – Saputara

सापुतारा एक हिल स्टेशन है जो कि मांगीतुंगी से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गुजरात राज्य में स्थित है और अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। सापुतारा में यहां के कबीलाई लोगों को आप देख सकते हैं, और उनके रहन-सहन और खान-पान के बारे में रोचक बातें जान सकते हैं।

5. इगतपुरी – Igatpuri

इगतपुरी नाम का यह हिल स्टेशन मांगीतुंगी से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां पर आप बहुत सी आउटडोर एक्टिविटी कर सकते हैं यहां पर ट्रेकिंग के लिए भी जगह है।

6. नासिक – Nashik

नासिक शहर बहुत ही खूबसूरत है और मांगीतुंगी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यहां पर बहुत से मंदिर खूबसूरत बाग बगीचे और प्राकृतिक सुंदरता भरपूर है।

7. सुला वाइनयार्ड्स – Sula Vineyards

यह नासिक में स्थित है और एक शराब कंपनी है यहां पर आने वाले टूरिस्ट शराब चख सकते हैं, यहाँ पर अलग-अलग प्रकार की शराब बनाई जाती है और नासिक में आने वाले टूरिस्ट यहां पर जरूर आते हैं।

8. हरिश्चंद्रगढ़ किला – Harishchandragad Fort

यह ऐतिहासिक किला मांगीतुंगी से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां पर बहुत से पुराने मंदिर भी स्थित है, जहां पर जाकर आप मनोरंजन कर सकते हैं और भगवान की भक्ति कर सकते हैं।

9. मालशेज़ घाट – Malshej Ghat

यह घाट मांगीतुंगी से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां पर ट्रेकिंग के लिए जगह है, जहां पर बहुत से खूबसूरत पक्षी रहते हैं, जिससे कि यहां का वातावरण बहुत ही मनोरम प्रतीत होता है, यहां पर कुछ झरने भी हैं जहां पर आप स्नान भी कर सकते हैं।

10. औरंगाबाद – Aurangabad

औरंगाबाद शहर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में काउंट किया जाता है, यह प्रसिद्ध शहर मांगीतुंगी नामक जगह से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां पर आप अजंता एलोरा की गुफा बीबी का मकबरा और दौलताबाद का किला देख पाएंगे।

मांगीतुंगी जाने और घूमने का खर्चा – Cost of going to Mangi-Tungi and sightseeing

मांगीतुंगी जाने और घूमने का खर्च आप पर निर्भर करता है। मांगीतुंगी की पहाड़ी और मंदिरों पर किसी भी प्रकार की कोई एंट्री फीस नहीं ली जाती है, हां पहाड़ी पर चढ़ाई बहुत मुश्किल है अगर आप चाहते हैं कि आपको पहाड़ी के ऊपर तक कोई ले जाए और वापस नीचे तक ले आए तो इस यात्रा के ₹100 लिए जाते हैं।

क्योंकि आपको पहाड़ी के ऊपर चढ़ने के लिए 3500 सीढियाँ चढ़नी पड़ेगी, अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो आप किराया देकर चढ़ सकते हैं यहां पर चढ़ाई के लिए घोड़े और खचरों का इस्तेमाल किया जाता है।

यहां पर खाने-पीने का अधिक खर्च नहीं है। जब आप मांगीतुंगी में जाएंगे तो यहां निकटवर्ती क्षेत्र और मंदिरों में आपको 70 से ₹100 में भरपेट भोजन मिल जाएगा। अगर आप आसपास की जगहों पर घूमना चाहते हैं तो ज्यादातर गुफाएं और मंदिर घूमने के लिए खुले हुए हैं और यहां पर किसी प्रकार की कोई एंट्री फीस नहीं होती। अगर आप दूरदराज के इलाकों में घूमने के लिए जाएंगे तो आसपास की कई जगहों पर 50 से ₹100 की एंट्री फीस है।

मांगीतुंगी में रुकने की जगह – Where to Stay at Mangi-Tungi

जब आप मांगीतुंगी में दर्शन के लिए जाएंगे तो यहां पर आपको ₹300 में कमरा किराए पर मिल जाएगा। यह एक पहाड़ी इलाका है इसलिए आसपास आपको कोई होटल नहीं मिलेगा, अगर आप होटल लेना चाहते हैं तो आपको पास के शहर में जाना पड़ेगा, जहां पर आपको 500 से 1000 रुपए में एक रात के लिए होटल मिलेगा, लेकिन मांगीतुंगी पहाड़ी के निकट ही आपको रहने का कमरा केवल ₹300 में मिल जाएगा। यह जैन मंदिर समिति की तरफ से बनाए गए कमरे होते हैं। रहने की जगह के लिए आप मंदिर के पंडित से संपर्क कर सकते हैं, और यहां पर आसपास के लोग भी आपको पूरी जानकारी दे देंगे।

मांगीतुंगी का प्रसिद्ध भोजन – Famous Food of Mangi-Tungi

नासिक अपने मशहूर भोजन के लिए भी जाना जाता है। यहां के कुछ मशहूर पकवानों की बात करूं तो वडापाव, मिचेल पाल, थालीपीठ, पुराण पोली, कांदा भाजी, पाव भाजी, साबूदाना का बड़ा, मोदक पोहा और सोल्कड़ी है।

इन चीजों को आप मांगीतुंगी पहाड़ी के आसपास से भी प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर स्थित मंदिरों के पास में आपको भोजन के लिए जगह मिल जायेंगी और शहर के होटलों में भी यह सभी पकवान है।

मांगीतुंगी जाने का सबसे सही समय – Best Time to Visit Mangi Tungi in Hindi 

अगर आप मांगीतुंगी में जाना चाहते हैं तो यह आप पर निर्भर करता है कि आप यहां पर घूमने के लिए जा रहे हैं या तीर्थ यात्रा के तौर पर जा रहे हैं। यहां पर अगर आप घूमने के लिए जा रहे हैं तो सर्दियों का समय टूरिज्म के लिए बेस्ट है, लेकिन आपको एक बार ध्यान रखनी है कि पहाड़ी के ऊपर सर्दी बहुत अधिक होती है और तापमान बहुत नीचे गिर जाता है पहाड़ी के ऊपर जाने पर वर्षा भी शुरू हो जाती है जिससे कि आप बीमार पड़ सकते हैं अगर आप यहां पर गर्मियों के मौसम में आते हैं तो आपके लिए वातावरण बहुत ही सुनहरा रहता है।

लेकिन अगर आप खुबसूरत वातावरण को देखना चाहते हैं तो यहां पर आपको वसंत ऋतु में घूमने आना चाहिए क्योंकि इस समय में यहां का पर्यावरण बेहद खूबसूरत होता है। आपको एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि आपको यहां पर जून से सितंबर के बीच में नहीं आना चाहिए, यह समय मानसून का होता है और पहाड़ी इलाकों में इस समय वर्षा बहुत अधिक होती रहती है। आपके जाने के रास्ते वर्षा की वजह से ब्लॉक हो जाएंगे, जिससे कि आपको बहुत अधिक परेशानी आएगी।

मांगीतुंगी कैसे पहंचे – How to Reach Mangi-Tungi in Hindi

हवाई जहाज से मांगीतुंगी कैसे जाएं – How To Reach Mangi-Tungi  By Flight In Hindi

यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट औजार एयरपोर्ट है जो कि मांगीतुंगी से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन आपको एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि यह भारत के ज्यादातर शहरों से कनेक्ट नहीं है, इसलिए अगर आप हवाई मार्ग से मांगीतुंगी आना चाहते हैं तो आप मुंबई या पुणे के एयरपोर्ट पर आकर आ सकते हैं, मुंबई से मांगीतुंगी की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है और पुणे से यह दूरी लगभग 240 किलोमीटर है।

ट्रेन से मांगीतुंगी कैसे जाएं – How To Reach Mangi-Tungi By Train In Hindi

अगर आप ट्रेन से मांगीतुंगी जाना चाहते हैं तो आप सबसे पहले नासिक में आ सकते हैं। नासिक जंक्शन यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है, इसके बाद आप मांगीतुंगी जाने के लिए बस या टैक्सी की सहायता ले सकते हैं।

सड़क मार्ग से मांगीतुंगी कैसे जाएं – How To Reach Mangi-Tungi By Road In Hindi

अगर आप सड़क मार्ग से मांगीतुंगी जाना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि मांगी टूंगी नासिक से लगभग 100 से 125 किलोमीटर के बीच दूरी पर है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस हाईवे से आ रहे हैं। अगर आप नाशिक आकर बस की सहायता से मांगीतुंगी आना चाहते हैं, तो नासिक के किरण बाजार, त्रंबकेश्वर और जामनेर बस स्टैंड पर आपको बस मिल जाएगी।

Conclusion

तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल, इस आर्टिकल में हमने मांगीतुंगी के बारे में पूरी जानकारी ली है। यहां पर मैंने आपको मांगी और तुंगी पर्वतों पर स्थित गुफाओं और मंदिरों के बारे में पूरी जानकारी दी है। इसी के साथ साथ हमने यहां पर देखने की मुख्य जगहों आसपास घूमने की जगह और पास में स्थित श्री श्री 108 जैन मूर्ति के बारे में भी जानकारी ली है।

अगर आप मांगीतुंगी घूमने जाना चाहते हैं तो यहां पर मैंने आपके लिए रहने के स्थानों, खाने की जगह और प्रमुख भोजनों के बारे में भी जानकारी दी है। आशा करूंगा कि आपको आज का आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है, तो आप इसे अपने करीबी साथियों के साथ साझा करना बिल्कुल भी ना भूले, मिलते हैं किसी नई जानकारी के साथ।


और पढ़े: 

1 thought on “मांगी तुंगी जैन तीर्थ इतिहास, वास्तुकला और घूमने की जगह जानकारी – Mangi Tungi information in Hindi”

Leave a Comment