श्री नाकोड़ा जैन मंदिर वास्तुकला, विशेषता और इतिहास – Nakoda Ji Jain Mandir Information in Hindi

Nakoda Ji Jain Mandir: नाकोड़ा जैन मंदिर भारत सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक है जो भारत के राज्य राजस्थान में बाड़मेर जिले में स्तिथ है। यह मंदिर जैन तीर्थयत्रियों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और राजस्थान में घूमने के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण है। यह बाड़मेर जिले में बालोतरा रेलवे स्टेशन से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर की भव्यता देखने लायक है, और मंदिर लगभग 1500 फुट की एक ऊंची पहाड़ी के ऊपर स्थित है, जिसके कारण आसपास का वातावरण बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। इस मंदिर में प्रमुख आकर्षण का केंद्र जैन धर्म की प्रमुख महात्मा श्री पार्श्वनाथ जी की एक काले रंग की मूर्ति है। आइए दोस्तों इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देख लेते हैं।

सभीको नमस्कार उम्मीद है आप सभी अच्छे होंगे। आज के आर्टिकल में मै आपको राजस्थान के बाड़मेर में स्थित प्रसिद्ध नाकोड़ा जैन मंदिर के बारे में पूरी जानकारी दूंगा। यहां पर हम मंदिर की वास्तुकला, विशेषता और इतिहास के बारे में संपूर्ण जानकारी लेंगे। यह एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है जिसमें सालाना हजारों श्रद्धालु आकर दर्शन करते हैं। मंदिर की खूबसूरती और वास्तुकला देखने लायक है। मंदिर को बहुत ही जबरदस्त ढंग से बनाया गया है और इसकी अद्भुत वास्तुकला के कारण यह एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट भी है।

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श्री नाकोड़ा जैन मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा – Mythology and History of Nakoda Ji Jain Mandir

वीरशेन और नकोरशेन नाम के दो व्यक्तियों ने इस मंदिर का निर्माण लगभग तीसरी शताब्दी में किया था। 13वीं शताब्दी आते-आते इस मंदिर को आलम शाह ने लूट लिया और बर्बाद कर दिया था। यहां के संतो ने भगवान की प्रसिद्ध मूर्ति को मंदिर से कुछ दूरी पर नाकोडा ग्राम में छुपा दिया था, इसके कारण मुगलो द्वारा मूर्ति चोरी होने से बच गई थी। आचार्य श्री विजय हिमाचल द्वारा 15वीं शताब्दी में मंदिर को दोबारा बनाया गया और प्रसिद्ध मूर्ति को स्थापित किया गया। 

इस प्रसिद्ध मूर्ति को नाकोड़ा भेरू जी की मूर्ति भी कहा जाता है, क्योंकि यह काले रंग की मूर्ति है, इसके कारण इस मंदिर को बहुत से लोग नाकोड़ा भेरूजी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। लेकिन यह हिंदू धर्म के भगवान भेरुजी का मंदिर नहीं है, यह एक जैन मंदिर है जो की प्रसिद्ध संत पार्श्वनाथ जी का मंदिर है और जैन धर्म में बहुत अधिक धार्मिक मान्यता रखता है।

प्राचीन कहानियों के अनुसार मंदिर का इतिहास हमें महाभारत काल में भी मिलता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्री नेमिनाथ जी जोकि जैन धर्म के 22वें तीर्थकर थे, उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था लेकिन तथ्यों के आधार पर मंदिर का निर्माण लगभग 2300 वर्ष पूर्व तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी तक माना जाता है।

इस मंदिर को कई बार विध्वंस कार्यों द्वारा नष्ट कर दिया लेकिन अनुयायियों ने मंदिर का पुनः निर्माण कई बार करवाया। आलम साह के मंदिर को नष्ट कर देने के बाद 15वीं शताब्दी में अनुयायियों ने मंदिर को दोबारा बनाया था, जिसको बाद में 1960 में साध्वी प्रवर्तिनी श्री सुन्दर जी ने नया रूप दे दिया।

आज आप जो मंदिर देखते हैं यह एक नया बनाया गया मंदिर है। इस मंदिर की भव्यता और सुंदरता देखने लायक है। दूरदराज के इलाकों में स्थित होने के बावजूद भी है मंदिर इतनी प्रसिद्धि रखता है, क्योंकि मंदिर को बहुत सी मुख्य सड़कों से जोड़ा गया है। मंदिर के बिल्कुल सामने से बहुत लंबी चौड़ी पक्की सड़क जाती है, जिसके कारण श्रद्धालु आसानी से मंदिर में आवागमन कर सकते हैं।

श्री नाकोड़ा जैन मंदिर की वास्तुकला – Architecture of Nakoda Ji Jain Mandir

Nakoda Ji Jain Mandir

मंदिर को समोवशरण मंदिर का नाम दिया गया है और यह धौलपुर के पीले पत्थरों से बना हुआ बहुत ही शानदार मंदिर है। मंदिर बाहर से और अंदर से दोनों तरफ से दिखने में बहुत ही खूबसूरत है और पूरे मंदिर में जबरदस्त नक्काशी की गई है। मंदिर के ऊपर महावीर की मूर्ति स्थापित है, जिसके ऊपर एक प्लास्टिक का हरा वृक्ष भी लगाया गया है। मान्यता है कि पहले यहां पर असल का वृक्ष हुआ करता था, लेकिन मरुस्थल में पानी ना होने के कारण हरे वृक्ष अधिक टिक नहीं पाते, इसलिए यहां पर मंदिर की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए प्लास्टिक का वृक्ष लगाया गया है।

गर्मियों में यहां पर तापमान 45 डिग्री को पार कर जाता है इसलिए आप यहां आस-पास बहुत कम और नाम मात्र की हरियाली देखेंगे, मंदिर के मुख्य दरवाजे पर ऊपर दो हिरण बनाए गए हैं जो कि ऊपर की तरफ से मुंह किए हुए हैं। यह मंदिर जबरदस्त हिंदू और राजस्थानी वास्तुकला में बनाया गया है, पूरे मंदिर की दीवारों पर आपको बेहतरीन फूल पत्ती और हिंदू कलाकृतियों की कारीगरी देखने को मिल जाएगी। यह पूरा मंदिर खंभों पर टिका हुआ है, इसके अंदर बहुत से खंभे हैं जिन पर हिंदू और जैन देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई गई है।

मंदिर के सामने मुख्य दरवाजे के पास से ही ऊपर जाने के लिए शिडी दी गई है, मंदिर के साइड में भी एक सीडी है, जिसकी सहायता से आप मंदिर के ऊपर जा सकते हैं। जब आप मुख्य दरवाजे से मंदिर के अंदर जाते हैं तो आप चारों तरफ से धौलपुर के पीले पत्थरों पर बेहतरीन बारीक नक्काशी को देख पाएंगे। मंदिर परिसर में जब आप छत की तरफ देखेंगे, तो आपको एक बेहतरीन आकृति दिखाई देगी, जो गोलाई में है और छोटी छोटी बारीक फूल पत्तियां बनाई गई है।

यह एक तीन मंजिला मंदिर है, जब आप पहले सीडी से ऊपर चढ़ेंगे तो आपको बीच में एक और छोटी ऊंची आकृति दिखाई देगी, जिसके ऊपर सीढियाँ जा रही होगी, यहां से आपको आसपास की पहाड़ियों का दृश्य बहुत ही खूबसूरत और मनोरम प्रतीत होता है। आप यहां पर शांति से बैठ कर वातावरण का आनंद ले सकते हैं। यहां की सीढ़ियों पर चुने का लेप लगाया गया है ताकि गर्मियों में सीढियाँ अधिक गर्म ना हो। जैसा कि आप जानते हैं चुना ज्यादातर ठंडा ही रहता है और बहुत अधिक गर्मी नहीं सोखता।

इस मंदिर में ऊपर भगवान महावीर की बहुत खूबसूरत मूर्ति स्थापित की गई है। ऊपर की मुख्य इमारत में चारों तरफ से सीढियाँ जाती है, जो लकड़ी की बनाई हुई है। ऊपर आपको भगवान महावीर की मूर्ति सफेद रंग में दिखाई देगी और बहुत ही बेहतरीन कारीगरी की गई है। यहां पर महावीर आपको ध्यान अवस्था में दिखाई देंगे।

पूरे मंदिर की वास्तुकला बेहद ही खूबसूरत है, आपको बेहतरीन नक्काशी और लाजवाब बारीक कारीगरी देखने को मिलेगी। पूरा मंदिर खंभों पर टिका हुआ है और हर एक खंबे पर जबरदस्त कारीगरी की गई है, पूरे मंदिर में देवी देवताओं की मूर्तियां, पशु पक्षियों के चित्र और फूल पत्तियां उकेरी गई हैं।

श्री नाकोड़ा जैन मंदिर में देखने लायक जगह – Best Places in Nakoda Ji Jain Mandir

दोस्तों अगर आप नाकोड़ा जैन मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं तो आपको मंदिर परिसर और आसपास में नीचे दिए गए स्थलों को जरूर देखना चाहिए।

1. मुख्य मंदिर

भगवान पार्श्वनाथ नाथ का मुख्य मंदिर बहुत ही खूबसूरत मंदिर है, यहां पर सालाना हजारों श्रद्धालु घूमने के लिए और भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। मंदिर में बहुत शांत माहौल है और यहां पर कई त्योहार भी मनाए जाते हैं, इसलिए अगर आप त्योहारों के सीजन में आ रहे हैं, तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए। मंदिर बहुत ही जबरदस्त वास्तुकला से निर्मित है, और राजस्थान की सुंदर पत्थर सैली का इस्तेमाल किया गया है।

2. पादुका आश्रम

पादुका आश्रम मुख्य मंदिर के करीब ही स्थित है। यहां पर आने वाले भक्तों के लिए विश्राम की जगह बनाई गई है। यहां आप रुक भी सकते हैं, यह एक तरह की धर्मशाला है। यहां का माहौल बहुत ही शांत है, और यहां पर आपको बहुत से धार्मिक गुरु मेडिटेशन करते हुए भी मिल जाएंगे। यहां पर माहौल बहुत ही शांत और भक्तिमय होता है, इसलिए अगर आप शांति का अनुभव करना चाहते हैं, तो आपको पादुका आश्रम में जरूर आना चाहिए।

3. नाकोडा कुंड

मंदिर परिसर के पास में ही नाकोड़ा कुंड नाम का एक बेहतरीन तालाब है, इस तालाब की धार्मिक मान्यता बहुत अधिक है। यह एक छोटा कुंड है जो मानव निर्मित है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्तों को एक बार नाकोडा कुंड में स्नान कर लेना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि नाकोड़ा कुंड में स्नान करने वाले भक्तों के सारे पाप धुल जाते हैं।

4. धर्मशाला

अगर आप मंदिर के आसपास रुकने की जगह ढूंढ रहे हैं, तो आपको यहां पर एक धर्मशाला भी मिल जाएगी। यह बहुत बड़ी धर्मशाला है, जिसमें एक साथ सैकड़ों लोग रुक सकते हैं, आप इस धर्मशाला में रुक सकते हैं, और आसपास के वातावरण का आनंद ले सकते हैं। मंदिर में रुकने के साथ-साथ खाने-पीने की भी सुविधा उपलब्ध है। यहां पर आप एक-दो दिन तक आसानी से रुक सकते हैं और माहौल का आनंद ले सकते हैं। अगर आप यहां पर अधिक समय तक रुकना चाहते हैं तो आपको त्योहारों के सीजन में आना चाहिए।

5. चौमुखी मंदिर

भगवान आदिनाथ को समर्पित चौमुखी मंदिर मुख्य मंदिर के अंदर ही स्थित है। इस मंदिर को चौमुखी मंदिर इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर भगवान आदिनाथ की चार तरफ मुंह वाली मूर्ति स्थापित है जो कि इस मंदिर को एक नया आयाम दे रही है, अगर आप मुख्य मंदिर में जा रहे हैं तो आपको चौमुखी मंदिर के दर्शन जरूर लरने चाहिए।

6. समोवशरण मंदिर

यह भगवान महावीर को समर्पित मंदिर है जो कि जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर माने जाते हैं ऐसी मान्यता है कि महावीर ने अपने धर्म प्रचारक का आखरी उपदेश स्थल पर दिया था जिसके कारण यह स्थल जैन धर्म में बहुत अधिक धार्मिक मान्यता रखता है। धार्मिक मान्यता के साथ-साथ इस स्थल पर महावीर बुध का बहुत ही सुंदर रूप भी दिखाई देता है। मंदिर बहुत भव्य है जिसको घूम कर आपको जरूर देखना चाहिए।

7. नाकोड़ा पार्श्वनाथ म्यूजियम

नाकोडा पार्श्वनाथ म्यूजियम में आपको कई पुरानी चीजें देखने को मिल जाएगी। यहां पर आपको जैन धर्म से संबंध रखने वाले बहुत ही पुरानी पुस्तकें और बहुत सी पांडुलिपि या मिल जाएंगी। यहां पर आपको बहुत से जैन भगवानों से जुड़ी हुई प्राचीन मूर्तियां भी मिल जाएंगी, आपको यहां पर मंदिर के पुराने अवशेष भी मिलेंगे। जैसा कि आप जानते हैं कि मंदिर को कई बार विध्वंसको द्वारा उजाड़ दिया गया था, तो पुराने मंदिर के अवशेष भी आप इस म्यूजियम में देख सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सी पुरानी मूर्तियां और कुछ पेंटिंग भी मिलेगी।

8. आसपास की प्राकृतिक सुंदरता

आप मंदिर परिसर के आस पास बहुत से पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं। यहां आस-पास बहुत सी पहाड़ियां है अगर आप यहां पर अच्छे मौसम में आते हैं तो आसपास का माहौल बहुत ही बेहतरीन प्रतीत होता है। मुख्य मंदिर के ऊपर से भी आसपास का दृश्य बहुत ही मनोरम प्रतीत होता है। अगर आप सर्दियों में आते हैं तो आप आसपास की पहाड़ियों में घूम सकते हैं गर्मियों में यहां पर घूमना नामुमकिन हो जाता है, क्योंकि यहां पर तापमान 45 डिग्री से ऊपर चला जाता है।

श्री नाकोड़ा जैन मंदिर यात्रा प्लान – Tour Plan for Nakoda Ji Jain Mandir

पहला दिन –  पहले दिन अगर आपको मंदिर के दर्शन करने हैं औरत मुख्य मंदिर को देखना है। मुख्य मंदिर बहुत ही भव्य है जब आप पूरे मंदिर की नक्काशी और कारीगरी को देखेंगे तो आधा दिन निकल जाएगा। इसके बाद आप आने वाले श्रद्धालुओं से मिल सकते हैं और मंदिर में हो रहे भजन कीर्तन का आनंद ले सकते हैं। शाम के समय आप आसपास के मंदिरों और धर्मशाला में घूम सकते हैं।

दूसरा दिन – दूसरे दिन की यात्रा के लिए आप आसपास की पहाड़ियों का चुनाव कर सकते हैं। यहां पर आसपास प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही आकर्षक है। आपको सुबह-सुबह पहाड़ियों पर घूमने के लिए निकल जाना है, अगर आप गर्मियों के मौसम में भी आ रहे हैं तो भी सुबह-सुबह यहां पर वातावरण बहुत ही सुहावना होता है, आप यहां पर शाम तक अच्छे से घूम सकते हैं और शाम को अपनी मंजिल की ओर निकल सकते हैं।

श्री नाकोड़ा जैन मंदिर में ठहरने की जगह – Where To Stay at Nakoda Ji Jain Mandir

अगर आप नाकोड़ा जैन मंदिर में आ रहे हैं तो आपको बता दूं कि यहां पर आपके रुकने के लिए बहुत ही उत्तम व्यवस्था की गई है। यह मंदिर दूरदराज के इलाके में स्थित है इसलिए आपको आस पास कोई होटल तो नहीं मिलेगा, इसलिए यहां पर आपके लिए बहुत ही खूबसूरत धर्मशालाएं बनाई गई हैं। यहां पर वर्तमान समय में तीन धर्मशालाएं हैं, जिनमें आप रुक सकते हैं। धर्मशाला में आपको बहुत ही लाजवाब फैसिलिटी मिलती है, आप यहां पर भोजन कर सकते हैं और रात गुजार सकते हैं। अगर आप परिवार के संग आ रहे हैं तो भी आपको रुकने के लिए कई कमरे दिए जा सकते हैं। इसलिए नाकोड़ा जैन मंदिर में ठहरने की जगह आपको आसानी से मिल जाएगी।

बाड़मेर का मशहूर भोजन – Famous Food of Barmer

राजस्थान अपने लजीज और तीखे भोजन के लिए जाना जाता है। यहां के कुछ मशहूर पकवानों के नाम बताऊं तो इनमें केर सांगरी, दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, पापड़ की सब्जी, मावा की कचौड़ी, बालूशाही, पंचकूटा,  और राबड़ी शामिल है।

यह सभी चीजें आपको पास के शहर में और मंदिर परिसर में आसानी से खाने के लिए मिल जाएंगी। मंदिर के आसपास आपको कई जगह मिलेगी, जहां पर आप लजीज भोजन का आनंद ले सकते हैं।

श्री नाकोड़ा जैन मंदिर जाने और घूमने का कितना खर्च लगेगा – Cost of Visit Nakoda Ji Jain Mandir

श्री नाकोड़ा जैन मंदिर में जाने और घूमने का कितना खर्च लगेगा, यह पूर्णतया आप पर निर्भर करता है सबसे पहले तो आप नाकोडा मंदिर में जाने का खर्च निकाल लीजिए। आप जिस स्थान पर रहते हैं वहां से नाकोड़ा जैन मंदिर तक का सफर देख लीजिए। इसके बाद रही खाने-पीने और दर्शन के खर्चे तो मंदिर में दर्शन के लिए आपको अधिक पैसे नहीं लगेंगे, आप 50 से ₹100 में पूजा-पाठ आसानी से कर सकते हैं। इसके बाद रही खाने पीने की बात तो आप भोजन के लिए आसपास की जगहों पर 400 से ₹500 में एक समय का भोजन कर सकते हैं, इसके अलावा मंदिर में बहुत से भंडारे चलते रहते हैं, आप उनमें भी भोजन कर सकते हैं।

मंदिर में धर्मशाला में रुकना बिल्कुल फ्री है, और अगर आप लग्जरी जगह पर रुकना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 500 से 1000 रुपए एक रात के देने पड़ सकते हैं, इसके लिए आप पास के शहर का चुनाव कर सकते हैं।

श्री नाकोड़ा जैन मंदिर कैसे पहंचे – How to Reach Nakoda Ji Jain Mandir in Hindi

हवाई जहाज से श्री नाकोड़ा जैन मंदिर कैसे जाएं? – How To Reach Nakoda Ji Jain Mandir By Flight In Hindi

अगर आप हवाई जहाज से नाकोड़ा जैन मंदिर में आना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट यहां से लगभग 195 किलोमीटर दूर जोधपुर में स्थित है। जोधपुर से यहां आने के लिए आपको 4 से 5 घंटे का सफर तय करना पड़ सकता है, इसके लिए आप टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ट्रेन से श्री नाकोड़ा जैन मंदिर कैसे जाएं? – How To Reach Nakoda Ji Jain Mandir By Train In Hindi

अगर आप ट्रेन के माध्यम से नाकोड़ा जैन मंदिर में आना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन बालोतरा जंक्शन है, जो कि मंदिर परिसर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। बालोतरा रेलवे स्टेशन देश के बाकी रेलवे स्टेशनों से बहुत अच्छी कनेक्टिविटी रखता है। आप मंदिर परिसर तक आने के लिए टैक्सी की सहायता ले सकते हैं।

सड़क मार्ग से श्री नाकोड़ा जैन मंदिर कैसे जाएं? – How To Reach Nakoda Ji Jain Mandir By Road In Hindi

अगर आप सड़क मार्ग के माध्यम से नाकोड़ा जैन मंदिर में दर्शन के लिए आना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि यह राजस्थान के सभी लोकल हाईवे से बहुत अच्छे कनेक्टिविटी रखता है। आप यहां से प्राइवेट कार से भी आ सकते हैं यहां का जिला बाड़मेर है जोकि मंदिर से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर है। बाड़मेर से नाकोड़ा जी के लिए लगातार बस और टैक्सी चलती रहती है।

नाकोड़ा जैन मंदिर नक्शा – Nakoda Ji Jain Mandir Map

Nakoda Ji Jain Mandir Conclusion:

तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल, इस आर्टिकल में हमने नाकोड़ा जी जैन मंदिर के बारे में पूरी जानकारी हासिल की है। यहां पर मैंने आपको नाकोड़ा जी जैन मंदिर के इतिहास वास्तुकला और पुरानी कहानियों के बारे में पूरी जानकारी दी है। इसी के साथ साथ हमने मंदिर में दर्शन के स्थलों के बारे में भी देखा है। यहां पर मैंने आपको मंदिर में रुकने की जगह और यहां के मशहूर भोजन के बारे में भी पूरी जानकारी दी है अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ साझा करना बिल्कुल भी ना भूलें मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ। 


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