Rajasthan ke Pramukh Mandir: भारत के उत्तर पश्चिम हिस्सों में स्तिथ राजस्थान एक महत्वपूर्ण राज्य है जिसे महाराजाओं के भूमि के रूप में जाना जाता है। यह देश का सबसे बड़ा राज्य है और देश का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में भी जाना जाता है। यह राज्य अपनी प्राचीन शहरों, शानदार महलों, ऐतिहासिक किलों और कई अद्भुत आकर्षणों के लिए पुरे दुनिया में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। इस राज्य की संस्कृति और परंपरा भारत के बाकि राज्यों के तुलना में विल्कुल ही अलग और अनूठी है। वैसे राजस्थान की सभी शहर अपने विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध है, लेकिन राज्य की सबसे खूबसूरत शहर जयपुर अपने इतिहास, कला और संस्कृति को दर्शाते हुए पर्यटकों को अक्सर मंत्रमुग्ध होने के लिए अपनी और आकर्षित करता है।
देश के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक राजस्थान न केवल अपने शानदार महलों और ऐतिहासिक किलों के लिए जाना जाता है वल्कि यह राज्य प्राचीन मंदिरों और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी एक समृद्ध स्थान है। राजस्थान भारत के कुछ सबसे शानदार मंदिरों का घर है और प्रत्येक मंदिर अपने अलग अलग विशेषताओं के कारण पुरे राज्य में लोकप्रिय हैं। इन मंदिर का निर्माण सदियों पहले राजाओं द्वारा किया गया था जिनकी इतिहास और वास्तुकला पर्यटकों को मोहित करने में काफी है।
सभी को नमस्कार, उम्मीद है आप सभी अच्छे होंगे। राजस्थान देश के एक वह जगह है जो कई अद्भुत मंदिरों का घर है। यहाँ के प्राचीन मंदिर सदियों पहले और प्राचीन काल में कुशल मूर्तिकारों के समृद्ध भारतीय इतिहास, संस्कृति और कलात्मक उत्कृष्टा को पदर्शित करते हैं। इन मंदिरों के इतिहास, वास्तुकला और धार्मिक महत्व को जानना लगभग सभी के लिए एक आकर्षक अनुभव होता है। अगर आप इस खूबसूरत राज्य की यात्रा के लिए योजना बना रहे हैं और विशेष रूप से यहाँ के कुछ सबसे लोकप्रिय मंदिरों के बारे में जानने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक हैं और इन सभी अविश्वसनीय मंदिरों के दर्शन करने के लिए विल्कुल ही तैयार तो यह लेख आपको राजस्थान के 20 सबसे प्रसिद्ध मंदिर (Rajasthan ke Mandir) के बारे जानकारी देने वाला है।
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राजस्थान के प्रमुख मंदिर, ब्रह्मा मंदिर – Rajasthan ke Mandir, Brahma Temple, Pushkar
ब्रह्मा मंदिर राजस्थान में स्तिथ सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो राजस्थान के पुष्कर शहर में पुष्कर झील के करीब स्तिथ है। यह मंदिर हिन्दुओं के लिए सबसे प्रवित्र स्थान माना जाता है और देश भर से भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। भगवान ब्रह्मा को समर्पित यह मंदिर करीब 2000 साल पुराना है और सदियों से राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों के रूप में लोकप्रिय है। यह मंदिर संगमरमर और पत्थर की शिलाओं से बना है।
मंदिर के गर्भगृह में भगवान ब्रह्मा के प्रतिमा के साथ उनके पत्नी गायत्री के प्रतिमा स्थापित है। भक्त मंदिर में दर्शन करने से पहले पुष्कर झील में डुबकी लगते हैं इसके बाद भगवान ब्रह्मा के पूजा आराधना करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा को किसी भी प्रकार की पूजा न करने का श्राप मिला था। पुरे दुनिया में भगवान बर्ह्मा को समर्पित मंदिर बहुत कम देखने को मिलता है। इसलिए उन्हें समर्पित एक मंदिर मिलना भक्तों के लिए बहुत अधिक महत्व रखता है।
ब्रह्मा मंदिर राजस्थान में सबसे प्रचीन मदिरों में से एक है और बड़ी संख्या में भक्तों और पर्यटक यहाँ पूजा और दर्शन के लिए आते हैं। नवंबर के महीने में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान इस मंदिर में देश के सभी हिस्सों से हजारों भक्तों की भीड़ होती है और यह महीना राजस्थान में ब्रह्मा मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है।
राजस्थान के प्रमुख मंदिर, रणकपुर जैन मंदिर – Rajasthan ke Pramukh Mandir, Ranakpur Jain Temple
रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान के एक प्रमुख मंदिरों में से एक है जो उदयपुर शहर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है। रणकपुर जैन मंदिर जैनियों के प्रमुख तीर्थंकर भगवान आदिनाथ को समर्पित है और जैनियों के लिए महत्पूर्ण तीर्थस्थल है। यह मंदिर पुरे राजस्थान में एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के रूप में माना जाता है। मंदिर के भीतर भगवान आदिनाथ की 6 फीट ऊँची प्रतिमा है जो दर्शनीय है। इसके अलावा मुख्य मंदिर के आसपास अन्य मंदिर चौमुखा मंदिर,अंबा माता मंदिर, सूर्य मंदिर और पार्श्वनाथ मंदिर हैं। यह मंदिर पाली जिले के रणकपुर गाँव में स्तिथ है जो राजस्थान में उदयपुर और जोधपुर के बीच स्थित है। इस मंदिर की वास्तुकला और धार्मिक महत्व इसे राजस्थान में एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल बना देता है।
बिरला मंदिर, जयपुर – Birla Mandir, Jaipur
बिरला मंदिर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जिसे लक्ष्मी नारायण मंदिर के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर में मोती डूंगरी पहाड़ियों की तलहटी में स्तिथ है और राजस्थान में सबसे अधिक देखे जाने मंदिरों में से एक है। 1998 में बिड़ला परिवार द्वारा निर्मित यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण तीन विशाल गुंबद हैं जो 3 धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंदिर मुख्य रूप से संगमरमर का उपयोग करके बनाया गया है, इसलिए इसकी सुंदरता वास्तव में अद्भुत है। इसके अलावा मंदिर के शांत वातावरण और हरे भरे परिदृश्य इसे न केवल जयपुर में वल्कि पुरे राजस्थान में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बना देता है।
राजस्थान के प्रमुख मंदिर, करनी माता मंदिर – Rajasthan ke Mandir Karni Mata Temple
बीकानेर के एक छोटे से शहर देशनोक में स्थित करनी माता मंदिर बेहद ही खूबसूरत मंदिर है जो बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है। यह मंदिर मुख्य रूप से करनी माता को समर्पित है जिन्हें देवी दुर्गा के एक रूप माना जाता है। यह मंदिर राजस्थान में एक प्रमुख धार्मिक आकर्षण है और यहाँ साल भर भक्त माता के दर्शन के लिए आते रहते हैं।
इस अद्भुत मंदिर का निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह द्वारा 20वीं दौरान किया गया था। मंदिर के अंदर माता करनी की मूर्ति भव्य है जो 75 सेंटीमीटर की है। करनी माता मंदिर को चूहों के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ 20000 अधिक काले चूहों निवास करते हैं और भक्त जो प्रसाद चढ़ाते हैं उसे चूहों खा जाते हैं। करनी माता मंदिर पुरे राजस्थान में एक प्रसिद्ध मंदिर के रूप में जाना जाता है जहाँ भक्तों के साथ साथ पर्यटकों के भीड़ भी देखा जा सकता है।
एकलिंगजी मंदिर – Eklingji Temple, Udaipur
राजस्थान की उदयपुर शहर में स्तिथ एकलिंगजी मंदिर हिंदू मंदिर के रूप में एक अनूठा पहचान है। यह मंदिर राजस्थान में एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और अपनी अनूठी स्थापत्य सुंदरता के साथ सभी यात्रियों को समान रूप से आकर्षित करता है। 8वीं शताब्दी के दौरान निर्मित यह मंदिर भगवान शिव के दर्शन और पूजा करने के लिए राजस्थान के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक माना जाता है। कहा जाता है की इस मंदिर परिसर को 108 मंदिरों के साथ बनाया गया है जो ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है। मंदिर की वास्तुकला वास्तव में अद्वितीय है। यह दो मंजिला मंदिर है और इसकी छत पिरामिड के आकार की है। महा शिवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की बड़ी भीड़ देखा जा सकता है जो देश के विभिन्न हिस्सों से भगवान के दर्शन के आते हैं।
अंबिका माता मंदिर – Ambika Mata Temple, Udaipur
अंबिका माता मंदिर राजस्थान के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है जो उदयपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर जगत नमक गांव में स्थित है। यह मंदिर माँ अंबिका को समर्पित है जो देवी दुर्गा के एक रूप माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 961 ईस्वी के आसपास हुआ था। आज यह मंदिर राजस्थान के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर की वास्तुकला प्राचीन और अद्भुत है। देवी देवताओं की विभिन्न मूर्तियां दरबारी नर्तक, संगीतकार और अप्सराएं मंदिरों के बाहरी हिस्से की शोभा बढ़ाते हैं। इस मंदिर उत्कृष्ट नक्काशी के लिए इसे राजस्थान में खजुराहो के नाम से जाना जाता है।
सालासर बालाजी मंदिर – Salasar Balaji Temple
राजस्थान के ओर एक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक सालासर बालाजी मंदिर है जो राजस्थान के एक शहर सालासर में स्तिथ है। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है और हर दिन यहाँ भक्तों का भीड़ लगा रहता है। यह प्राचीन मंदिर 1754 ईस्वी के दौरान बनाया गया था और इस मंदिर में भगवान हनुमान के अवतार भगवान बालाजी की प्रतिमा है जो दर्शनीय है। इस मंदिर का सबसे खास बात यह है की यहाँ भगवान हनुमान के दाढ़ी, मूंछें, माथे पर तिलक और सुंदर आंखें हैं। चैत्र और आश्विन पूर्णिमा यहाँ मनाए जाने वाले दो बड़े त्यौहार हैं जो बड़ी उत्साह के मनाए जाता है।
परशुराम महादेव मंदिर – Parshuram Mahadev Temple
परशुराम महादेव मंदिर राजस्थान राज्य के पाली और राजसमंद जिले की सिमा पर स्तिथ एक खूबसूरत और प्राचीन मंदिर है। यह भव्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और राजस्थान में घूमने के लिए सबसे आकर्षक और प्राचीन स्थानों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वह स्थान है जहाँ भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम ने अपनी कुल्हाड़ी से पूरी गुफा को तराशा था। यह मंदिर समुद्र तल से 3995 फीट की ऊंचाई पर स्तिथ है और अरावली पहाड़ियों की अद्भुत दृश्य के साथ सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है। गुफा तक पहंचने के लिए कम से कम 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है जो एक आकर्षक अनुभव होता है। मंदिर में नौ कुंडों के साथ भगवान गणेश की मूर्ति भी देखा जा सकता है।
राजस्थान के प्रमुख मंदिर, गलताजी मंदिर – Rjasthan ke Pramukh mandir, Galtaji Temple
गलताजी मंदिर राजस्थान में एक प्राचीन मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है और यह राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गलताजी मंदिर को बंदर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह मंदिर केवल जयपुर में ही नहीं वल्कि पुरे राजस्थान में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है। अरावली पर्वतमाला के बिच स्तिथ है यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है जो साल भर लाखों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर के परिसर में भगवान बालाजी और भगवान सूर्य को समर्पित मंदिर हैं जो यहाँ का प्रमुख आकर्षण माना जाता है। साथ ही यहाँ कई अन्य मंदिर और एक पवित्र जल कुंड भी हैं और इस पवित्र जल कुंड में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगते हैं। सबसे महत्पूर्ण बात यह है की यह जल कुंड कभी सूखता नहीं है।
राजस्थान के प्रमुख मंदिर, रानी सती मंदिर – Rajasthan ke Pramukh Mandir, Rani Sati Mandir
राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित रानी सती मंदिर भारत के सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है जो देवी सती को समर्पित है। इस मंदिर का धार्मिक महत्व राजस्थान में काफी ज्यादा देखने को मिलती है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह ही की इस मंदिर में कोई भी मूर्ति नहीं है। मंदिर की गर्वगृहा में केवल एक त्रिशूल है जो शक्ति का प्रतिक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रानी सती ने अपने पति की मृत्यु के बाद आत्मदाह कर लिया था। मंदिर संगमरमर से बना है और यहाँ कई दीवार चित्रों को देख जा सकता है। साथ ही मंदिर की परिसर के भीतर भगवान शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर और सीता मंदिर भी हैं जो दर्शनीय हैं। हरे भरे सुंदर बगीचों से घिरा हुआ यह मंदिर पर्यटकों को एक शांत अनुभव प्रदान करता है और राजस्थान में धार्मिक आकर्षण खोजने वालों के लिए यह एक प्रमुख स्थान है।
नीलकंठ मंदिर – Neelkanth Temple, Alwar
नीलकंठ मंदिर राजस्थान की अलवर जिले में स्तिथ एक प्रसिद्ध धार्मिक आकर्षण है जो सरिस्का टाइगर रिजर्व के अंदर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और राजस्थान की एक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। वास्तव में यह कई हिंदू और जैन मंदिरों का समूह है, जिनका निर्माण 6वीं और 9वीं शताब्दी के बीच हुआ था। हालाँकि मंदिर अब खँडहर में बदल चूका है, लेकिन इसकी भव्यता आज भी बरकरार है। मंदिर का मुख्य भाग अब नष्ट हो चूका है, जबकि मंदिर के छोटा सा भाग आज भी बचा हुआ है। भले ही इसकी प्राचीन सरंचना समय के साथ ढह गयी हो, लेकिन आज भी इसे भगवान शिव के भक्तों के बिच एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में देखा जाता है।
राजस्थान के प्रमुख मंदिर, दिलवारा जैन मंदिर – Rajasthan ke Pramukh Mandir, Dilwara Jain Temples
दिलवारा जैन मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक है जो राजस्थान के प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट अबू में स्तिथ है। यह मंदिर अपनी असाधारण वास्तुकला और अद्भुत संगमरमर पत्थर की नक्काशी के लिए दुनिया भर में जाना जाने वाला बेहतरीन मंदिरों में से एक है। यह 11 वीं और 13 वीं शताब्दी ईस्वी के बीच विपुल शाह और वास्तुपाल तेजपाल, दो प्रमुख जैन मंत्रियों द्वारा बनाया गया था। आज यह मंदिर राजस्थान में बहुत ही लोकप्रिय धार्मिक स्थल है और अपनी जटिल नक्काशी और अलंकृत स्तंभों के लिए जाने जाते हैं।
अक्षरधाम मंदिर – Akshardham Temple, Jaipur
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित अक्षरधाम मंदिर राजस्थान के एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जयपुर के वैशाली नगर में स्थित है और जयपुर में लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। भगवान बिष्णु को समर्पित यह मंदिर स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर अपनी प्रभावशाली मूर्तियों और नक्काशियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
मुख्य मंदिर को हरि मंडपम के नाम से जाना जाता है जहाँ भगवान स्वामीनारायण की 7 फीट सोने की मूर्ति को देखा जा सकता है और भगवान नारायण की प्रतिमा को सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया गया है। शानदार वास्तुकला और मंदिर की भव्यता के अलावा इसके आसपास का खूबसूरत दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। यह मंदिर शांत वातावरण के साथ साथ पर्यटकों को आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करता है और जयपुर में या यूँ कहे राजस्थान में एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के रूप जाना जाता है।
राजस्थान के मंदिर कलिका माता मंदिर – Rajasthan ke mandir, Kalika Mata Temple
कलिका माता मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्तिथ एक प्राचीन और शानदार मंदिर है। यह मंदिर माता कलिका समर्पित है जो देवी दुर्गा का एक अवतारा माना जाता है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़ में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और राजस्थान में एक लोकप्रिय मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में बप्पा रावल ने करवाया था। मंदिर की वास्तुकला वास्तब में अद्भुत है जो बहुत ही खूबसूरती तरीके से दर्शाती है। मंदिर एक ऊंचे मंच पर स्थित है और इसमें मंडप, प्रवेश द्वार, छत और स्तंभों की नक्काशी की गई है। हालाँकि अलाउद्दीन खिलजी ने मंदिर को नष्ट कर दिया था जिसमें मंदिर का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया था। आज यह मंदिर खँडहर स्तिथि में है लेकिन इसकी सुंदरता और भव्यता आज भी चमकती है।
तनोट माता मंदिर – Tanot Mata Temple, Jaisalmer
तनोट माता मंदिर जैसलमेर जिले के तनोट गांव में स्तिथ एक पवित्र और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर तनोट माता को समर्पित है, जिन्हें देवी हिंगलाज का अवतार माना जाता है। यह मंदिर भारत और पाकिस्तान सिमा के करीब स्थित है और थार रेगिस्तान में यात्रा करने वालों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह चमत्कार मंदिर कई किंवदंतियों से घिरा हुआ है। 1971 की भारत और पाकिस्तान के लड़ाई के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारी गोलाबारी के बावजूद यह मंदिर सुरक्षित रहा। आज यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए एक प्रमुख धिर्मिक केंद्र है साथ ही साथ राजस्थान में एक महत्वपूर्ण मंदिर माना जता है।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर – Trinetra Ganesh Temple, Ranthambore
त्रिनेत्र गणेश मंदिर राजस्थान का सबसे प्राचीन और खूबसूरत मंदिर है जो राजस्थान के सवाई माधोपुर शहर में स्थित है। यह मंदिर रणथम्भौर किले के परिसर के भीतर स्तिथ है और पुरे राजस्थान में सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यह भारत के सबसे पुराना मंदिरों में से एक है और राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से भी एक है। यह शायद भारत एक मात्र मंदिर है जहाँ भगवान गणेश को उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ दर्शाया गया है। सबसे महत्वपूर्ण इस मंदिर के बारे यह है की यहाँ भगवान गणेश मूर्ति की तीन आँखें हैं और इसी कारण मंदिर का नाम त्रिनेत्र गणेश मंदिर पड़ा है। मंदिर प्राचीन होने साथ साथ काफी भव्य है और साल भर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
राजस्थान के मंदिर,श्री महावीर जी मंदिर – Rajasthan ke Mandir, Shri Mahavir Ji Temple
श्री महावीर जी मंदिर राजस्थान के करौली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर अपनी उत्कृष्ठ वास्तुकला और अत्यधिक धार्मिक महत्व के लिए पुरे राजस्थान में एक लोकप्रिय जैन मंदिर के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर जैनों के 24 वें तीर्थंकर भगवान महवीर को समर्पित है और तीर्थयात्री और पर्यटकों सामान रूप से आकर्षित करता है। हजारों तीर्थयात्री भगवान महावीर के दर्शन करने और शांति से प्रार्थना करने के लिए हर दिन यहां आते रहते हैं।
मोती डूंगरी मंदिर – Moti Dungri Temple, Jaipur
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्तिथ मोती डूंगरी मंदिर भगवान गणेश को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व के कारण केवल जयपुर में ही नहीं वल्कि पुरे राजस्थान में एक लोकप्रिय मंदिर है। मंदिर एक खूबसूरत पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जिसे मोती डूंगरी पैलेस के रूप में जाना जाता है। मंदिर का निर्माण सेठ जय राम पालीवाल ने 1761 में करवाया था। बर्तमान में यह मंदिर लाखों पर्यटकों के लिए एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है और गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी और पौष बड़ा त्योहारों के दौरान यहाँ भक्तों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है।
शिला माता मंदिर – Shila Mata Temple
शिला माता मंदिर जयपुर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है जो आमेर किले के परिसर में स्थित है। यह मंदिर मुख्य रूप से शिला माता को समर्पित है जिन्हें देवी दुर्गा के एक रूप माना जाता है। यह राजस्थान के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है और पर्यटकों को एक आधयात्मिक अनुभव प्रदान करता है। कहा जाता है मंदिर का निर्माण 1604 ईस्वी में किया गया था और उसमें देवी शिला देवी की मूर्ति स्थापित की गई थी। शिला माता मंदिर जयपुर में एक धार्मिक आकर्षण के साथ साथ एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी है और यहाँ हर दिन हजारों के तादाद में भक्त और पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं।
रजस्थान के प्रमुख मंदिर चामुंडा माता मंदिर – Rajasthan ke Pramukh Mandir Chamunda Mata Temple
जोधापुर में चामुंडा माता मंदिर मेहरानगढ़ किले के दक्षिण सिरे पर स्तिथ एक प्राचीन और खूबसूरत मंदिर है। मंदिर का मुख्य आकर्षण देवी चामुंडा की मूर्ति है जिन्हें स्थानीय लोगों के द्वारा प्रमुख देवी के रूप में जाने जाते हैं। यह पवित्र मंदिर बहुत सारे भक्तों को आकर्षित करता है, विशेष रूप से दशहरा और नवरात्रि के त्योहारों के दौरान, यहाँ भक्तों के बड़ी भीड़ को देखा जा सकता है। कहा जाता है यह मंदिर जोधपुर के शाही परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण मंदिर था और शाही परिवार की रक्षक के रूप में जाना जाता था। आज यह मंदिर जोधपुर के लोगों के बीच एक प्रमुख पूजा स्थल है और चामुंडा माता अपने भक्तों के जीवन में आने वाली किसी भी बाधा को दूर कर सकती हैं।
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