Ramdevra Mandir: भारत के राज्य राजस्थान में स्तिथ रामदेवरा मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर जोधपुर से जैसलमेर मार्ग पर 12 किमी की दूरी पर पोखरण के पास स्थित है। मंदिर जैसलमेर जिले में रामदेवरा गॉंव में स्तिथ है और राजस्थान एक महत्वपूर्ण धार्मिक आकर्षण है। यह मंदिर मुख्य रूप से राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेवजी को समर्पित है जो एक महान संत थे।
यह मंदिर राजस्थान में अत्यधिक महत्व के साथ राज्य के सबसे पवित्र स्थल माना जाता है जो बड़ी संख्या में भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। माना जाता है की इसी स्थान पर बाबा रामदेवजी ने 14वीं शतब्दी में समाधि ली थी और तब से इसी स्थान को बाबा रामदेव जी का शाश्वत विश्राम स्थल माना जाता है। बाद में उनके समाधी के आसपास महाराजा गंगा सिंह द्वारा मंदिरों का निर्माण किया गया जो आज राजस्थान में एक मुख्य आकर्षण बना हुआ है। यहाँ के मुख्य आकर्षणों में एक तालाब है जिसे रामसागर तालाब के नाम से जाना जाता है।
ऐसा कहा जाता है की रामदेवजी मानवता के हित के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे जिन्हें हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण का अवतार मानते हैं, जबकि मुसलमान उन्हें रामशाह पीर के रूप में पूजते हैं। माना जाता है रामदेवजी की पास अद्भुत शक्तियां थी और उन्हनें अपना जीवन लोगों के लिए उत्थान में समर्पित कर दिया था। रामदेवरा मंदिर काफी प्रभावशाली और अद्भुत है और दुनिया के हर कोने से पर्यटक इसकी भव्यता का पता लगाने और इसका आध्यात्मिक महत्व का आनंद लेने आते हैं। मंदिर अपने विशेष महत्व के साथ हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
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रामदेवरा मंदिर का इतिहास – Ramdevra Temple History in Hindi
रामदेवरा मंदिर अपने धार्मिक महत्व के लिए लोकप्रिय तो है ही साथ ही अपनी ऐतिहासिक महत्व के लिए काफी प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है की बाबा रामदेवजी का जन्म 14वीं शताब्दी के दौरान तोमर राजपूत परिवार में हुआ था, जिनके पास अलौकिक शक्तियां थी और बचपन में है उन्हनें लोगों के दिल जित लिए थे। कहा ऐसा भी जाता है की उन्होंने एक दुष्ट राक्षस मार दिया था। पुराणिक कथाओं में उन्हनें कई चमत्कार किये थे, जिन्हें आज भगवान कृष्ण के अवतार माना जाता है।
कहा जाता है की बाबा रामदेवजी ने अपने भौतिकवादी जीवन को त्याग दिया और मानव जाति की सेवा के लिए अपने जीवन में साधुवाद को बहुत पहले ही स्वीकार कर लिया था। लेकिन 33 साल की उम्र में बाबा रामदेवजी ने समाधी लेकर अपना दिव्य शरीर त्याग दिया। इसके बाद 1900 में जोधपुर और बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने इसी स्थान पर रामदेवरा मंदिर का निर्माण किया जिसे आज पुरे राजस्थान में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के रूप में जाना जाता है।
रामदेवरा मंदिर का वास्तुकला – Ramdevra Temple Architecture in Hindi
रामदेवरा मंदिर अपने आश्चर्यजनक वास्तुकला के लिए भी पुरे राज्य में फेमस है। मंदिर परिसर एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें कई अलग अलग मंदिर और सरंचना शामिल हैं। मंदिर का प्रवेश द्वार अद्भुत है क्योंकि इसके द्वार को विशाल रंग-बिरंगे सांस्कृतिक चित्रों से सजाया गया है। रामदेवरा मंदिर की वास्तुकला हिंदू मंदिर शैली के प्रभावों के साथ आधुनिकता को जोड़ती है। यह मंदिर को पूरी तरह से ईंट और गारे से निर्मित किया गया है और इसमें रंगीन चित्रों के साथ एक विशाल प्रवेश द्वार है। मंदिर का मुख्य आकर्षण बाबा रामदेवजी की एक मूर्ति है और लंबी सीढ़ियों के माध्यम से पहंचा जा सकता है। इसके अलावा जटिल नक्काशीदार चांदी की चादरें, रंगीन रामदेवजी भित्ति चित्र, ऐतिहासिक तस्वीरें और विभिन्न घोड़ों की प्रतिकृतियां इस प्रमुख मंदिर को सुशोभित करती हैं।
बाबा रामदेवरा मंदिर कहाँ स्थित है – Where is Baba Ramdevra Mandir in Hindi
बाबा रामदेवरा मंदिर राजस्थान के जैसलमेर जिले में रामदेवरा गांव में स्तिथ है। यह मंदिर राजस्थान में लोकप्रिय धार्मिक आकर्षण है और हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
रामदेवरा मंदिर का प्रवेश शुल्क – Ramdevra Mandir Entry Fee in Hindi
रामदेवरा मंदिर की यात्रा बहुत आसान है और यहाँ किसी भी शुल्क की चिंता नहीं है। यहां प्रवेश शुल्क में छूट दी गई है ताकि आप स्वतंत्र रूप से घूम सकें।
रामदेवरा मंदिर के पास घूमने के लिए पर्यटन स्थल – Places to Visit near Ramdevra Temple Jaisalmer in Hindi
इसमें कोई संदेह नहीं है कि जैसलमेर में रामदेवरा मंदिर को अधिक लोकप्रियता मिली है। जैसलमेर को लोकप्रिय बनाने के लिए केवल रामदेवरा मंदिर प्रमुख आकर्षण नहीं है वल्कि यहाँ कई प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जिन्हें पर्यटकों के द्वारा बेहद पसंद किया जाता है। आइए जैसलमेर में स्तिथ कुछ महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण के बारे जान लेते हैं और नीचे के पैराग्राफ से खुशी से आकर्षण का पता लगाते हैं।
1. रामदेवरा मंदिर के पास घूमने की जगह, जैसलमेर किला – Ramdevra Mandir ke Pass Ghumne ki Jagah Jaisalmer Fort
जैसलमेर में अविश्वसनीय आकर्षण से भरा हुआ है और इसे भारत के स्वर्ण नगरी यानि गोल्डन सिटी भी कहा जाता है। यह जीवंत शहर दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने किले के साथ स्थित है जिसे जैसलमेर किला कहा जाता है। यह किला तिरुकुटा पहाड़ी पर स्थित है और राजस्थानी वास्तुकला का एक आकर्षक नमूना है। जैसलमेर किला विशाल थार रेगिस्तान के मध्य में स्तिथ है और जैसलमेर में घूमने के लिए एक लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थल है। इस किले का निर्माण जैसलमेर के शासक राजा राव जैसल द्वारा किया गया था। जैसलमेर किले को लोकप्रिय रूप से सोनार किला भी कहा जाता है जो केवल देश में ही नहीं वल्कि पुरे दुनिया में एक प्रतिष्ठित किले के रूप में प्रसिद्ध है।
2. गड़ीसर झील -Gadisar Lake
जैसलमेर में स्तिथ गड़ीसर झील एक खूबसूरत कृत्रिम झील है जिसे शहर में एक प्रमुख स्थलों के रूप में जाना जाता है। यह जैसलमेर में एक आकर्षक झील है और यहाँ आने वाले पर्यटकों का ध्यान अकसर अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह झील जैसलमेर किले से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह खूबसूरत झील पुराने समय में शहर के लिए पानी का एक मुख्य स्रोत था और इसे एक प्रमुख जलाशय के रूप में जाना जाता था।
झील का निर्माण जैसलमेर के पहले शासक राजा रावल जैसल द्वारा किया गया था और बाद में 1367 में महारावल गडसी सिंह द्वारा पुनर्निर्माण किया गया था। आज गड़ीसर झील जैसलमेर में स्तिथ एक शानदार आकर्षण है जहाँ पर्यटक इसके बिते हुए इतिहास को महसूस करते हुए सुंदरता को निहार सकते हैं। इसके अलावा पर्यटक झील पर नौका विहार का भरपूर आन्नद ले सकते हैं और जो लोग शांति से समय बिताना चाहते हैं उनके लिए एक आदर्श जगह है।
3. जैन मंदिर – Jain Temple
जैन मंदिर जैसलमेर किले के परिसर में स्तिथ विभिन्न जैन तीर्थंकरों को समर्पित मंदिरों की एक श्रृंखला है जिनमें कुल सात मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों का निर्माण 12वीं और 15 वीं के दौरान किया गया था। यह जैन मंदिरों का समूह दिलवाड़ा शैली की वास्तुकला का एक अनूठा उदहारण है जिनमें पिले पत्थर का उपयोग किया गया है। यह मंदिर जैसलमेर में एक घूमने के लिए एक शानदार जगह है। मंदिर की उत्कृष्ट स्थापत्य कला के साथ दिवार पर नक्काशीदार जानवर और मानव आकृतियाँ वास्तव में देखने लायक है। इन मंदिरों में सबसे प्रमुख पार्श्वनाथ मंदिर है जो मंदिर समूह में सबसे बड़ा जैन मंदिर है।
4. डेजर्ट राष्ट्रीय उद्यान – Desert National Park
जैसलमेर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ डेजर्ट नेशनल पार्क राजस्थान में एक शानदार राष्टीय उद्यान है। यह राष्ट्रीय उद्यान 3162 वर्ग किलोमीटर की क्षेत्र फल में फैला हुआ है और विशाल थार रेगिस्तान के मध्य में स्तिथ है। डेजर्ट नेशनल पार्क भारत का सबसे बड़ा राष्टीय उद्यानों में से एक माना जाता है जो कई दुर्लव प्रजातियों का घर है। पार्क में पाए जाने वाले वन्यजीवों में काला हिरण, रेगिस्तानी बिल्ली, रेगिस्तानी लोमड़ी और चिंकारा अदि शामिल हैं। इसके अलावा पार्क में पक्षियों के कई दुर्लभव प्रजातियों को भी देखा जा सकता है। पर्यटक यहाँ वन्यजीवों को देखने के साथ जीप सफारी का भी आनंद ले सकते हैं जो जानवरों को करीब से देखने के लिए एक अच्छा माध्यम है।
5. सैम सैंड ड्यून्स – Sam Sand Dunes
थार रेगिस्तान के मध्य में स्तिथ सैम सैंड ड्यून्स जैसलमेर का सबसे शानदार पर्यटक आकर्षण है जो शहर से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ का प्रमुख आकर्षण दूर दूर तक फैले विशाल रेट के टीले और ऊंट की सवारी वास्तव में एक अलग अनुभव प्रदान करता है। विशेष रूप से सूर्यास्त के समय यहाँ का नजारा बेहद ही खूबसूरत दिखाई देता है जो ज्यादातर पर्यटकों का सबसे पसंदीदा समय माना जाता है। थार रेगिस्तान के मध्य में कई शिविर स्थल पर्यटकों के लिए शानदार अवसर प्रदान करते हैं जहाँ रात में कैम्प में कैम्प फायारींग की आयोजन किया जाता है और कालवेलीया कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। मौजमस्ती के साथ अनोखा अनुभवों के लिए सैम सैंड ड्यून्स जैसलमेर के पास घूमने के लिए एक आदर्श स्थलों में से एक है।
6. अमर सागर झील – Amar Sagar Lake
जैसलमेर शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अमर सागर झील जैसलमेर में घूमने के लिए एक शानदार जगह है। यह झील अमर सागर पैलेस के करीब स्थित है और यह कई मंदिरों, स्मारकों और हवेलियों से घिरी हुई है जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। झील का निर्माण 17वीं शताब्दी के दौरान महारावल अखाई सिंह ने किया था। यह झील जैसलमेर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। शांत परिवेश और आकर्षक नजारा इस स्थान को एक आदर्श गंतव्य बना देता है। इसके अलावा यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा वास्तव में पर्यटकों के दिल जीत लेती है।
7. खबा किला – Khaba Fort
जैसलमेर का एक और आकर्षण जो कुलधरा गाँव के पास स्थित है जिसे खाबा किला जाता है। कहा जाता है की इस किले का निर्माण कभी 200 से अधिक वर्षों से पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था। माना जाता है की जब पालीवाल ब्राह्मणों ने गांव छोड़ा तो उन्होंने इस किले को भी छोड़ दिया। तब से यह किला खँडहर और वीरान स्तिथि में है, लेकिन जैसलमेर में एक शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है। खबा किला गाँव के सुंदर मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है और साल भर पर्यटक इसे देखने आते हैं। साथ ही फोटोग्राफी और अन्य गतिविधियों के लिए भी यह एक बेहतरीन जगह है।
8. कुलधरा गांव – Kuldhara Village
जैसलमेर में से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ कुलधरा गांव एक वीराना और रहस्यमयी गांव है जो राजस्थान के कुछ प्रेतवाधित स्थानों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है की यह गांव कभी जैसलमेर में पालीवाल ब्राह्मणों का एक समृद्ध गांव था। लेकिन किसी अज्ञात कारणों से उनको यह गांव छोड़ना पड़ा था। कहा यह भी जाता है की गांव छोड़ते समय गांव वालों ने इस स्थान को श्राप दे दिया था। आज यह गांव पूरी तरह से खंडहर में बदल चूका है और यहाँ पुरनी इमारतों के खंडहर के अलावा कई मंदिरों को देखा जा सकता है।
9. पटवों की हवेली – Patwon Ki Haveli
पटवों की हवेली जैसलमेर में घूमने के लिए एक शानदार जगह है। 19वीं सदी में बनी पटवों की हवेली एक ही परिसर में 5 अलग अलग हवेलियों का समूह है। यह हवेली अपनी स्थापत्य शैली और अद्भुत डिजाइनों के लिए पुरे राज्य में सबसे महत्वपूर्ण स्थान के रूप में जाना जाता है। हवेली बीते योग की कला, पेंटिंग, शिल्प और कलाकृतियों के लिए बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। हवेली का निर्माण पुराने जमाने में धनी व्यापारी द्वारा बनवाई गई थी जिसे राजस्थान के सबसे बड़ी हवेलियों में से एक माना जाता है। हवेली के अंदर एक संग्रहालय है जिसमें फर्नीचर का काम, लघुचित्र और चित्रों का एक बड़ा संग्रह है। यह हवेली जैसलमेर में पुराने दिनों के स्थापत्य शैली का अनुभव करने के लिए बेहतरीन जगह है।
10. थार विरासत संग्रहालय – Thar Heritage Museum
शहर के केंद्र में स्तिथ थार विरासत संग्रहालय जैसलमेर में एक आकर्षक जगह है। यह संग्रहालय प्राचीन वस्तुओं का घर है जो थार रेगिस्तान की कई ऐतिहासिक और प्राचीन लोक कलाओं, जीवाश्मों, संगीत वाद्ययंत्रों, पगड़ी और हथियार का विस्तृत संग्रह है। इस संग्रहालय के संग्रह राजस्थानी लोगों की संस्कृति और परंपराओं के बारे में दर्शाते हैं जो इतिहास प्रेमियों के लिए एक शानदार जगह बन जाता है। थार विरासत संग्रहालय न केवल जैसलमेर में सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकषण है वल्कि पुरे राजस्थान में एक महत्वपूर्ण संग्रहालय के रूप में जाना जाता है।
11. नाथमल की हवेली – Nathmal ki Haveli
नाथमल की हवेली जैसलमेर में स्तिथ एक खूबसूरत हवेली है जो जैसलमेर में घूमने के लिए एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण माना जाता है। यह आकर्षण 19वीं शताब्दी में जैसलमेर के प्रधान मंत्री रहे दीवान मोहता नथमल के निवास के रूप में में बनाया गया था। हवेली अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है जो राजपूत और इस्लामी दोनों वास्तुकला के मिश्रण को दर्शाता है। पूरी हवेली को पीले बलुआ पत्थर से बनाया गया था और बनाने वाले दो भाई हाथी और लूलू थे। इस हवेली का मुख्य आकर्षण इसकी कला और चित्रकारी है जो विभिन्न प्रकार की चित्रकला को पदर्शित करते हैं। हवेली के दीवारों और स्तंभों पर घोड़ों, मवेशियों और वनस्पतियों के चित्र हैं। इसके अलावा इस हवेली की पहली मंजिल में कुछ खूबसूरत पेंटिंग हैं जो 1.5 किलो सोने की पत्ती का उपयोग करके बनाई गई हैं।
12. व्यास छत्री – Vyas Chhatri
व्यास छत्री जैसलमेर की सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में एक है। यह महाभारत के कवि ऋषि व्यास को समर्पित है और लाल बलुआ पत्थर से बना एक लुभावनी स्मारक है जो राजस्थानी वास्तुकला को पदर्शित करता है। यह पुराने ब्राह्मण कब्रिस्तान पर बना है और शहर में घूमने के लिए एक आदर्श जगह है। इसके अलावा यह जैसलमेर में सूर्यास्त देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक के रूप में भी लोकप्रिय है।
13. सलीम सिंह हवेली – Salim Singh’s Haveli
जैसलमेर शहर के मध्य में स्तिथ सलीम सिंह हवेली एक प्राचीन हवेली है जिसे 300 साल पुराना हवेली माना जाता है। इस हवेली का निर्माण उस समय के जैसलमेर के प्रधान मंत्री सलीम सिंह ने करवाया था जो आज जैसलमेर एक महत्वपूर्ण आकर्षण के रूप में जाना जाता है। हवेली की वास्तुकला अन्य हवेलियों की तुलना में अद्वितीय है क्योंकि हवेली की कला और मूर्तिकला ही इसे बाकियों से अलग बनाती है। इस हवेली की सबसे खास बात यह है की हवेली की छत को नाचते हुए मयूर की मुद्रा के रूप में बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। इसलिए यह हवेली अपनी अनूठी स्थापत्य शैली के लिए काफी लोकप्रिय बन जति है। इस हवेली में स्थापत्य शैली के साथ लगभग 35 बालकनियाँ हैं जो पर्यटकों को इसकी इतिहास और स्थापत्य शैली को अनुभव करने के लिए अकसर अपनी ओर आकर्षित करता है।
14. लोद्रवा – Lodrava
लोद्रवा जैसलमेर की ओर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है जिसे लोदुरवा या लोदरवा के नाम से भी जाना जाता है। यह राजस्थान के जैसलमेर जिले का एक गाँव है जो जैसलमेर में घूमने के लिए एक शीर्ष स्थानों में से एक है। ऐसा माना जाता है की 1156 ईस्वी तक लोदुरवा भट्टी वंश की प्राचीन राजधानी थी जब रावल जैसल ने जैसलमेर राज्य की स्थापना की और राजधानी को जैसलमेर में स्थानांतरित कर दिया। आज यह जैसलमेर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो अपने स्थापत्य खंडहरों और कई आकर्षक मंदिरों के लिए लोकप्रिय है। लोद्रवा जैन मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है जो 23वें तीर्थंकर को समर्पित है। वास्तव में लोद्रवा जैसलमेर में घूमने के लिए एक अच्छी जगहों में से एक है।
15. ताजिया टॉवर – Tazia Tower
जैसलमेर में कई लोकप्रिय आकर्षण है, लेकिन ताजिया टॉवर सबसे शानदार वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक है जो पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह अमर सागर गेट के पास बादल पैलेस परिसर में स्थित है। शहर के मध्य में स्तिथ यह टॉवर पांच मंजिला सरंचना है जो जैसलमेर की शानदार वास्तुकला को दर्शाता है। इस टॉवर का निर्माण मुस्लिम कारीगरों द्वारा 1886 ईस्वी में किया गया था और उन्हनें इसे शाही हिंदू राजा महारावल बेरिसाल सिंह को उपहार के रूप में भेंट किया था। बर्तमान में ताजिया टॉवर जैसलमेर में एक आकर्षक स्थल है और जैसलमेर में घूमने के लिए एक आदर्श जगह है।
जैसलमेर में स्थानीय भोजन – Jaisalmer Local Food in Hindi
जैसलमेर अपने स्थानीय भोजन के लिए सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है जो विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों से भरपूर है। जैसलमेर का खाना राजस्थान में इतना प्रसिद्ध है की यह सभी पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान रहा है और सभी चीजें बहुत स्वादिष्ट और मुंह में पानी लाने वाली होती हैं, इसलिए आस-पास के इलाकों से बहुत से लोग इस रेसिपी का स्वाद लेने आते हैं।
1. प्याज़ की कचौर
इसे जैसलमेर में एक स्वादिष्ट भोजन माना जाता है जो मकई के आटे और मसालेदार स्वादिष्ट प्याज से बना होता है। यह एक प्रकार का स्नैक है जिसे चाय के प्याले के साथ गरमा गरम कढ़ी और आलू की सब्जी के साथ भी खाया जा है। यह डिश को तेल में डीप फ्राई करके बनाया जाता है ताकि यह ऑयली दिखने में आकर्षक लगे।
2. मखनिया लस्सी
जैसलमेर में मक्खन और क्रीम से भरा हुआ मखानिया लस्सी कहलाता है। इस आइटम में विभिन्न प्रकार के सूखे खाद्य पदार्थ जैसे काजू, सूखी चेरी, बादाम और किशमिश शामिल रहता है ताकि यह और अधिक स्वादिष्ट बने। यह जैसलमेर के किसी भी भोजनालय या कैफे में मिल जाती है और इसकी मोटाई के कारण इसे चम्मच से चखना पड़ता है।
3. गट्टे की सब्जी
यह राजस्थानी व्यंजन के रूप में प्रसिद्ध मुंह में पानी लाने वाला भोजन है। यह एक प्रकार की करी है जिसे बेसन या बेसन के गट्टे से तैयार किया जाता है और दही फ्राई के साथ परोसा जाता है। इसे चावल या राजस्थानी ब्रेड जैसे व्यंजनों के साथ खाया जाता है। गट्टे या बेसन के गोले होने के कारण यह बहुत नरम और अधिक तीखा हो जाता है इसलिए यह आइटम भारत के हर घर में बहुत प्रसिद्ध है।
4. दाल बाटी चूरमा
मुख्य राजस्थानी व्यंजन दाल बाटी चूरमा है। यह रेसिपी जैसलमेर में भरपूर है और यह बेहतर स्वाद के लिए यह कहीं नहीं मिलती है। लोकप्रिय दाल बाटी चूरमा को विभिन्न व्यंजनों जैसे ठंडा मसाला छाछ और आम के स्लाइस आदि के साथ परोसा जाता है। इस व्यंजन को और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए गर्म गेहूं के गोले और मसालेदार दाल के व्यंजन बहुत सहायक होते हैं।
रामदेवरा मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Ramdevra Mandir in Hindi
रामदेवरा मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है जो अक्टूबर से मार्च तक होता है। इन महीनों का दौरन यहाँ मौसम काफी सुहावना रहता है जो घूमने के लिए अच्छा समय है। गर्मियों के दौरन यहाँ घूमना बहुत ही कठिन हो जाता है क्योंकि यहाँ तापमान 45 डिग्री तक पहंच जाता है।
रामदेवरा मंदिर कैसे पहंचे – How to Reach Ramdevra Temple in Hindi
हवाई मार्ग – By Air: नजदीकी हवाई अड्डा जैसलमेर हवाई अड्डा है जो रामदेवरा से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है। यह हवाई अड्डा देश के कुछ प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आप अपनी सुविधा के अनुसार निजी वाहन, कार और बस आदि वाहनों का चुनाव कर सकते हैं और रामदेवरा मंदिर पहंच सकते हैं।
रेल मार्ग – By Train: निकटतम रेलवे स्टेशन रामदेवरा रेलवे स्टेशन है जो बाबा रामदेवजी मंदिर से 1.4 किमी की दूरी पर स्थित है। अन्य प्रमुख शहरों से इस स्टेशन के लिए हमेशा ट्रेन चलती रहती है। इसलिए यह आपकी यात्रा के लिए बहुत मददगार बना देता है।
सड़क मार्ग – By Road: रामदेवरा मंदिर जोधपुर और जैसलमेर रोड पर स्थित है जो पोखरा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यदि आप अपनी यात्रा सड़क मार्ग से करते हैं तो ध्यान दें कि निकटतम बस स्टॉप पोखरण बस स्टॉप है जो मंदिर से लगभग 14 किमी दूर स्थित है।
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